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*दंतवक्त्र का मंदिर दतिया का मुख्य मंदिर है। इसे लोग 'मड़िया महादेव का मंदिर' कहते हैं।
*दंतवक्त्र का मंदिर दतिया का मुख्य मंदिर है। इसे लोग 'मड़िया महादेव का मंदिर' कहते हैं।
*मड़िया महादेव का मंदिर एक पहाड़ी पर अवस्थित है।
*मड़िया महादेव का मंदिर एक पहाड़ी पर अवस्थित है।
*दतिया का प्राचीन दुर्ग, जो एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, ओड़छा नरेश वीरसिंह देव बुंदेला (17वीं शती) का बनवाया हुआ कहा जाता है।
*दतिया का प्राचीन दुर्ग, जो एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, [[ओरछा]] नरेश वीरसिंह देव बुंदेला (17वीं शती) का बनवाया हुआ कहा जाता है।
*किंवदंती है कि इस [[दुर्ग]] को बनवाने में आठ [[वर्ष]], दस [[मास]] और छब्बीस दिन लगे थे और बत्तीस लाख नब्बे हज़ार नौ सौ अस्सी [[रुपया|रुपये]] व्यय हुए थे।
*किंवदंती है कि इस [[दुर्ग]] को बनवाने में आठ [[वर्ष]], दस [[मास]] और छब्बीस दिन लगे थे और बत्तीस लाख नब्बे हज़ार नौ सौ अस्सी [[रुपया|रुपये]] व्यय हुए थे।
*दतिया में [[बुन्देला|बुंदेल]] [[राजपूत|राजपूतों]] की एक शाखा का राज्य आधुनिक समय तक रहा है।
*दतिया में [[बुन्देला|बुंदेल]] [[राजपूत|राजपूतों]] की एक शाखा का राज्य आधुनिक समय तक रहा है।

11:59, 14 मई 2012 का अवतरण

दतिया बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक स्थान है। यह झाँसी से 16 मील की दूरी पर स्थित है। प्राचीन काल में दतिया 'दंतवक्त्र' की राजधानी मानी जाती थी।

  • दंतवक्त्र का मंदिर दतिया का मुख्य मंदिर है। इसे लोग 'मड़िया महादेव का मंदिर' कहते हैं।
  • मड़िया महादेव का मंदिर एक पहाड़ी पर अवस्थित है।
  • दतिया का प्राचीन दुर्ग, जो एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, ओरछा नरेश वीरसिंह देव बुंदेला (17वीं शती) का बनवाया हुआ कहा जाता है।
  • किंवदंती है कि इस दुर्ग को बनवाने में आठ वर्ष, दस मास और छब्बीस दिन लगे थे और बत्तीस लाख नब्बे हज़ार नौ सौ अस्सी रुपये व्यय हुए थे।
  • दतिया में बुंदेल राजपूतों की एक शाखा का राज्य आधुनिक समय तक रहा है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 424 |


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