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'''नैकोरा''' [[मध्य प्रदेश]] में [[दतिया]] से 12 मील{{मील|मील=12}} पश्चिम की ओर महुअर नदी के तट पर बसा हुआ एक ग्राम है। | '''नैकोरा''' [[मध्य प्रदेश]] में [[दतिया]] से 12 मील{{मील|मील=12}} पश्चिम की ओर महुअर नदी के तट पर बसा हुआ एक ग्राम है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=508|url=}}</ref> | ||
*यहाँ ऊँचे टीले से एक जलधारा निस्सृत होकर नीचे गिरती है, जिसे स्थानीय निवासी बहुत पवित्र मानते हैं। | *यहाँ ऊँचे टीले से एक जलधारा निस्सृत होकर नीचे गिरती है, जिसे स्थानीय निवासी बहुत पवित्र मानते हैं। |
08:52, 19 जून 2012 का अवतरण
नैकोरा मध्य प्रदेश में दतिया से 12 मील (लगभग 19.2 कि.मी.) पश्चिम की ओर महुअर नदी के तट पर बसा हुआ एक ग्राम है।[1]
- यहाँ ऊँचे टीले से एक जलधारा निस्सृत होकर नीचे गिरती है, जिसे स्थानीय निवासी बहुत पवित्र मानते हैं।
- स्थानीय किंवदंती के अनुसार नैकोरा को संस्कृत के प्रसिद्ध महाकवि 'भवभूति' का जन्म स्थान माना जाता है, किन्तु जैसा कि सर्वविदित है, भवभूति 'पद्मपुर' के निवासी थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 508 |
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 508 |