"वेणु लो, गूँजे धरा -माखन लाल चतुर्वेदी": अवतरणों में अंतर
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`शस्त्र मैं लूँगा नहीं' की कर सको हुँकार। | `शस्त्र मैं लूँगा नहीं' की कर सको हुँकार। | ||
किन्तु प्रण की, प्रण की | किन्तु प्रण की, प्रण की बाज़ी जगे उस दिन | ||
हो कि इस भू-भाग पर ही जिस किसी का वार! | हो कि इस भू-भाग पर ही जिस किसी का वार! | ||
तब हथेली गर्विताएँ, कोटि शिर-गण देख | तब हथेली गर्विताएँ, कोटि शिर-गण देख |
14:25, 25 अगस्त 2012 का अवतरण
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वेणु लो, गूँजे धरा मेरे सलोने श्याम |
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