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==संक्षिप्त इतिहास==
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चौथी शताब्दी ई. पू. के अंत तक [[मोसोपोटामिया]] में राज्यों की स्थापना हो चुकी थी और 'दजला और फरात' नदियाँ जहाँ करीब आ जाती हैं, वहाँ बेबीलोन नगर बस चुका था। यह एक बड़ा व्यापारिक नगर था, जहाँ बड़ी-बड़ी मंडियाँ और गोदाम थे। बेबीलोन नगर में 1792 ई. पू. में 'हम्मूराबी' नामका एक शासक हुआ था, जिसने 1750 ई. पू. तक शासन किया। बेबीलोन में अपार सम्पदा थी और हम्मूराबी के पास विशाल सेना। हम्मूराबी एक-एक कर आस-पास के राज्य हस्तगत करता गया। अपने आप को वह [[देवता]] समझता था और इस बात का उसे बहत गर्व था। उसने अपनी प्रजा के लिये एक क़ानून संहिता बनाई थी, जो [[इतिहास]] में 'हम्मूराबी संहिता' के नाम से बहुत प्रसिद्ध है।
चौथी शताब्दी ई. पू. के अंत तक [[मोसोपोटामिया]] में राज्यों की स्थापना हो चुकी थी और 'दजला और फरात' नदियाँ जहाँ क़रीब आ जाती हैं, वहाँ बेबीलोन नगर बस चुका था। यह एक बड़ा व्यापारिक नगर था, जहाँ बड़ी-बड़ी मंडियाँ और गोदाम थे। बेबीलोन नगर में 1792 ई. पू. में 'हम्मूराबी' नामका एक शासक हुआ था, जिसने 1750 ई. पू. तक शासन किया। बेबीलोन में अपार सम्पदा थी और हम्मूराबी के पास विशाल सेना। हम्मूराबी एक-एक कर आस-पास के राज्य हस्तगत करता गया। अपने आप को वह [[देवता]] समझता था और इस बात का उसे बहत गर्व था। उसने अपनी प्रजा के लिये एक क़ानून संहिता बनाई थी, जो [[इतिहास]] में 'हम्मूराबी संहिता' के नाम से बहुत प्रसिद्ध है।


ऐतिहासिक प्रमाणों से यह सिद्ध होता है कि समुद्री मार्ग से सुमेर, बेबीलोन और [[सिन्धु प्रदेश]] के बीच गहरे व्यापारी सम्बन्ध थे। भूतकाल में [[भारत]] भी वाणिज्य संबंधी कार्यों में बहुत प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका था। [[वैदिक काल]] से ही [[द्रविड़]] तथा आर्य लोगों ने [[मिस्र]], असीरिया और बेबीलोन से व्यापारिक एवं सांस्कृतिक संबंध स्थापित कर लिए थे। [[ईसा मसीह]] के सैकड़ों वर्ष पूर्व से ही [[भारत]] में शिल्प और वाणिज्य का सर्वांगीण विकास हुआ। [[सिकन्दर]] की मृत्यु के बाद उसके सेनानियों में [[यूनानी]] साम्राज्य की सत्ता के लिए संघर्ष हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप [[सेल्यूकस]], पश्चिम एशिया में प्रभुत्व के मामले में, ऐन्टिगोनस का प्रतिद्वन्द्वी बना। ई. पू. 312 में उसने बेबीलोन पर अपना अधिकार स्थापित किया था।
ऐतिहासिक प्रमाणों से यह सिद्ध होता है कि समुद्री मार्ग से सुमेर, बेबीलोन और [[सिन्धु प्रदेश]] के बीच गहरे व्यापारी सम्बन्ध थे। भूतकाल में [[भारत]] भी वाणिज्य संबंधी कार्यों में बहुत प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका था। [[वैदिक काल]] से ही [[द्रविड़]] तथा आर्य लोगों ने [[मिस्र]], असीरिया और बेबीलोन से व्यापारिक एवं सांस्कृतिक संबंध स्थापित कर लिए थे। [[ईसा मसीह]] के सैकड़ों वर्ष पूर्व से ही [[भारत]] में शिल्प और वाणिज्य का सर्वांगीण विकास हुआ। [[सिकन्दर]] की मृत्यु के बाद उसके सेनानियों में [[यूनानी]] साम्राज्य की सत्ता के लिए संघर्ष हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप [[सेल्यूकस]], पश्चिम एशिया में प्रभुत्व के मामले में, ऐन्टिगोनस का प्रतिद्वन्द्वी बना। ई. पू. 312 में उसने बेबीलोन पर अपना अधिकार स्थापित किया था।

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बेबीलोन इतिहास प्रसिद्ध वह स्थान, जहाँ विश्व विजेता सिकन्दर की मृत्यु हुई थी। हम्मूराबी यहाँ का महानतम शासक था, जिसने विश्व प्रसिद्ध क़ानून संहिता का निर्माण किया, जो 'हम्मूराबी संहिता' के नाम से जानी जाती है। बेबीलोन के झूलते बाग़, जिन्हें 'सेमीरामीस के बाग़' भी कहा जाता है, वह विश्व के सात आश्चर्यों में से एक है।

संक्षिप्त इतिहास

चौथी शताब्दी ई. पू. के अंत तक मोसोपोटामिया में राज्यों की स्थापना हो चुकी थी और 'दजला और फरात' नदियाँ जहाँ क़रीब आ जाती हैं, वहाँ बेबीलोन नगर बस चुका था। यह एक बड़ा व्यापारिक नगर था, जहाँ बड़ी-बड़ी मंडियाँ और गोदाम थे। बेबीलोन नगर में 1792 ई. पू. में 'हम्मूराबी' नामका एक शासक हुआ था, जिसने 1750 ई. पू. तक शासन किया। बेबीलोन में अपार सम्पदा थी और हम्मूराबी के पास विशाल सेना। हम्मूराबी एक-एक कर आस-पास के राज्य हस्तगत करता गया। अपने आप को वह देवता समझता था और इस बात का उसे बहत गर्व था। उसने अपनी प्रजा के लिये एक क़ानून संहिता बनाई थी, जो इतिहास में 'हम्मूराबी संहिता' के नाम से बहुत प्रसिद्ध है।

ऐतिहासिक प्रमाणों से यह सिद्ध होता है कि समुद्री मार्ग से सुमेर, बेबीलोन और सिन्धु प्रदेश के बीच गहरे व्यापारी सम्बन्ध थे। भूतकाल में भारत भी वाणिज्य संबंधी कार्यों में बहुत प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका था। वैदिक काल से ही द्रविड़ तथा आर्य लोगों ने मिस्र, असीरिया और बेबीलोन से व्यापारिक एवं सांस्कृतिक संबंध स्थापित कर लिए थे। ईसा मसीह के सैकड़ों वर्ष पूर्व से ही भारत में शिल्प और वाणिज्य का सर्वांगीण विकास हुआ। सिकन्दर की मृत्यु के बाद उसके सेनानियों में यूनानी साम्राज्य की सत्ता के लिए संघर्ष हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप सेल्यूकस, पश्चिम एशिया में प्रभुत्व के मामले में, ऐन्टिगोनस का प्रतिद्वन्द्वी बना। ई. पू. 312 में उसने बेबीलोन पर अपना अधिकार स्थापित किया था।

झूलते बाग़

बेबीलोन के झूलते बाग़ 'सेमीरामीस के झूलते बाग़' नाम से भी जाने जाते हैं। प्राचीन विश्व के सात अजूबों में से यह एक है। यह आज के इराकी नगर 'अल-हिल्लह' के निकट स्थित था। इस उद्यान का निर्माण 'नबूचड्नेजार द्वितीय' ने ईसा से छ: सौ वर्ष पूर्व करवाया था। किवदंती के अनुसार यह माना जाता है कि इस उद्यान का निर्माण राजा नबूचड्नेजार ने अपनी पत्नी को प्रसन्न करने के लिये किया था। ईसा से दो शताब्दी पूर्व एक भूकंप मे यह उद्यान पूर्ण रूप से नष्ट हो गया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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