"विश्व पोलियो दिवस": अवतरणों में अंतर
(''''विश्व पोलियो दिवस''' प्रत्येक वर्ष '24 अक्टूबर' को मन...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''विश्व पोलियो दिवस''' प्रत्येक वर्ष '[[24 अक्टूबर]]' को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य [[पोलियो]] जैसी बीमारी के विषय में लोगों में जागरूकता फैलाना है। पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है। इस बीमारी का शिकार अधिकांशत: बच्चे होते हैं। पोलियो को 'पोलियोमाइलाइटिस' या 'शिशु अंगघात' भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है, जिससे कई राष्ट्र बुरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं। हालांकि विश्व के अधिकतर देशों से पोलियो का खात्मा पूरी तरह से हो चुका है, लेकिन अभी भी विश्व के कई देशों से यह बीमारी जड़ से खत्म नहीं हो पायी है। | '''विश्व पोलियो दिवस''' प्रत्येक वर्ष '[[24 अक्टूबर]]' को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य [[पोलियो]] जैसी बीमारी के विषय में लोगों में जागरूकता फैलाना है। पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है। इस बीमारी का शिकार अधिकांशत: बच्चे होते हैं। पोलियो को 'पोलियोमाइलाइटिस' या 'शिशु अंगघात' भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है, जिससे कई राष्ट्र बुरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं। हालांकि विश्व के अधिकतर देशों से पोलियो का खात्मा पूरी तरह से हो चुका है, लेकिन अभी भी विश्व के कई देशों से यह बीमारी जड़ से खत्म नहीं हो पायी है। | ||
==वैक्सीन का आविष्कार== | |||
प्रति [[वर्ष]] '24 अक्तूबर' को 'विश्व पोलियो दिवस' के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी महीने में जोनास सॉक का जन्म हुआ था। जोनास सॉक वर्ष [[1955]] में पहली पोलियो वैक्सीन का आविष्कार करने वाली टीम के प्रमुख थे। पोलियो रोधक दवा की कुछ बूंदे बच्चों को पिलाई जाती हैं। कई देशों में पोलियो से निजात दिलाने के लिए यह वैक्सीन बहुत महत्त्वपूर्ण साबित हुई है। | |||
==पोलियो क्या है?== | ==पोलियो क्या है?== | ||
पोलियोमाइलाइटिस अथवा पोलियो एक संक्रामक रोग है, जो [[वायरस]] के द्वारा फैलता है। यह लक्षण सामान्य से तीव्र हो सकते हैं और इसमें आम तौर पर टांगों में लकवा हो जाता है। पोलियो का वायरस मुँह के रास्ते शरीर में प्रविष्ठ होता है और आंतों को प्रभावित करता है। वायरय के शरीर में प्रवेश करने के कुछ ही घंटों बाद इससे पक्षाघात तक हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि यह लक्षण तीन से पाँच दिनों में प्रदर्शित हों। | पोलियोमाइलाइटिस अथवा पोलियो एक संक्रामक रोग है, जो [[वायरस]] के द्वारा फैलता है। यह लक्षण सामान्य से तीव्र हो सकते हैं और इसमें आम तौर पर टांगों में लकवा हो जाता है। पोलियो का वायरस मुँह के रास्ते शरीर में प्रविष्ठ होता है और आंतों को प्रभावित करता है। वायरय के शरीर में प्रवेश करने के कुछ ही घंटों बाद इससे पक्षाघात तक हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि यह लक्षण तीन से पाँच दिनों में प्रदर्शित हों। | ||
====लक्षण==== | |||
पोलियो की बीमारी में मरीज़ की स्थिति वायरस की तीव्रता पर निर्भर करती है। अधिकतर स्थितियों में पोलियो के लक्षण 'फ्लू' जैसै ही होते हैं, लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार होते हैं- | |||
#पेट में दर्द होना | |||
#उल्टियाँ आना | |||
#गले में दर्द | |||
#सिर में तेज़ दर्द | |||
#तेज़ बुखार | |||
#खाना निगलने में कठिनाई होना | |||
#जटिल स्थितियों में [[हृदय]] की मांस-पेशियों में सूजन आ जाती है। | |||
==भारत में पोलियो की स्थिति== | |||
'विश्व पोलियो दिवस' का उद्देश्य पोलियो उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति लोगों को जागरूक बनाना है। [[भारत]] में पोलियो का अंतिम मामला [[जनवरी]], [[2011]] में सामने आया था। 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' (डब्ल्यूएचओ) ने [[वर्ष]] [[2012]] के प्रारम्भ में भारत को पोलिया ग्रसित देशों की सूची से हटा दिया, और वर्ष 2014 तक इस बीमारी का कोई नया मामला सामने नहीं आता है तो उसे आधिकारिक रूप से पोलियो मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। दुनिया भर में वर्ष 2011 में पोलियो के 467 मामलों की तुलना में [[24 अक्टूबर]], [[2012]] तक केवल 170 मामले ही प्रकाश में आए हैं। | |||
भारत में पोलियो के एकमात्र मामले की सूचना [[13 जनवरी]], [[2011]] को [[पश्चिम बंगाल]] के [[हावड़ा ज़िला|हावड़ा]] से प्राप्त हुई थी, जबकि [[2010]] में इसी अवधि के दौरान 39 मामले प्रकाश में आए थे। [[उत्तर प्रदेश]] ([[अप्रैल]], 2010 के बाद) और [[बिहार]] ([[सितंबर]], 2010 के बाद) से पहली बार पोलियो के किसी भी मामले की सूचना नहीं मिली है। एक वर्ष से टाइप-3 पोलियो का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। पोलियो उन्मूलन के सर्वाधिक नजदीक पहुँच चुके भारत सरकार के 'स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय' ने पोलियो के किसी भी ताजा मामले को 'जन स्वास्थ्य आपात स्थिति' के रूप में इलाज करने का निर्णय लिया है ताकि [[भारत]] में जल्द से जल्द पोलियो उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। सभी उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में बच्चों के भीतर प्रतिरोधक का निर्माण करने और पोलियो के किसी भी मामले के सामने आने पर तत्काल गहन टीकाकरण अभियान चलाने के लिए आपात तत्परता और प्रतिक्रिया योजना तैयार की गई है। | |||
10:43, 10 सितम्बर 2013 का अवतरण
विश्व पोलियो दिवस प्रत्येक वर्ष '24 अक्टूबर' को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य पोलियो जैसी बीमारी के विषय में लोगों में जागरूकता फैलाना है। पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है। इस बीमारी का शिकार अधिकांशत: बच्चे होते हैं। पोलियो को 'पोलियोमाइलाइटिस' या 'शिशु अंगघात' भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है, जिससे कई राष्ट्र बुरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं। हालांकि विश्व के अधिकतर देशों से पोलियो का खात्मा पूरी तरह से हो चुका है, लेकिन अभी भी विश्व के कई देशों से यह बीमारी जड़ से खत्म नहीं हो पायी है।
वैक्सीन का आविष्कार
प्रति वर्ष '24 अक्तूबर' को 'विश्व पोलियो दिवस' के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी महीने में जोनास सॉक का जन्म हुआ था। जोनास सॉक वर्ष 1955 में पहली पोलियो वैक्सीन का आविष्कार करने वाली टीम के प्रमुख थे। पोलियो रोधक दवा की कुछ बूंदे बच्चों को पिलाई जाती हैं। कई देशों में पोलियो से निजात दिलाने के लिए यह वैक्सीन बहुत महत्त्वपूर्ण साबित हुई है।
पोलियो क्या है?
पोलियोमाइलाइटिस अथवा पोलियो एक संक्रामक रोग है, जो वायरस के द्वारा फैलता है। यह लक्षण सामान्य से तीव्र हो सकते हैं और इसमें आम तौर पर टांगों में लकवा हो जाता है। पोलियो का वायरस मुँह के रास्ते शरीर में प्रविष्ठ होता है और आंतों को प्रभावित करता है। वायरय के शरीर में प्रवेश करने के कुछ ही घंटों बाद इससे पक्षाघात तक हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि यह लक्षण तीन से पाँच दिनों में प्रदर्शित हों।
लक्षण
पोलियो की बीमारी में मरीज़ की स्थिति वायरस की तीव्रता पर निर्भर करती है। अधिकतर स्थितियों में पोलियो के लक्षण 'फ्लू' जैसै ही होते हैं, लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार होते हैं-
- पेट में दर्द होना
- उल्टियाँ आना
- गले में दर्द
- सिर में तेज़ दर्द
- तेज़ बुखार
- खाना निगलने में कठिनाई होना
- जटिल स्थितियों में हृदय की मांस-पेशियों में सूजन आ जाती है।
भारत में पोलियो की स्थिति
'विश्व पोलियो दिवस' का उद्देश्य पोलियो उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति लोगों को जागरूक बनाना है। भारत में पोलियो का अंतिम मामला जनवरी, 2011 में सामने आया था। 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' (डब्ल्यूएचओ) ने वर्ष 2012 के प्रारम्भ में भारत को पोलिया ग्रसित देशों की सूची से हटा दिया, और वर्ष 2014 तक इस बीमारी का कोई नया मामला सामने नहीं आता है तो उसे आधिकारिक रूप से पोलियो मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। दुनिया भर में वर्ष 2011 में पोलियो के 467 मामलों की तुलना में 24 अक्टूबर, 2012 तक केवल 170 मामले ही प्रकाश में आए हैं।
भारत में पोलियो के एकमात्र मामले की सूचना 13 जनवरी, 2011 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा से प्राप्त हुई थी, जबकि 2010 में इसी अवधि के दौरान 39 मामले प्रकाश में आए थे। उत्तर प्रदेश (अप्रैल, 2010 के बाद) और बिहार (सितंबर, 2010 के बाद) से पहली बार पोलियो के किसी भी मामले की सूचना नहीं मिली है। एक वर्ष से टाइप-3 पोलियो का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। पोलियो उन्मूलन के सर्वाधिक नजदीक पहुँच चुके भारत सरकार के 'स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय' ने पोलियो के किसी भी ताजा मामले को 'जन स्वास्थ्य आपात स्थिति' के रूप में इलाज करने का निर्णय लिया है ताकि भारत में जल्द से जल्द पोलियो उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। सभी उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में बच्चों के भीतर प्रतिरोधक का निर्माण करने और पोलियो के किसी भी मामले के सामने आने पर तत्काल गहन टीकाकरण अभियान चलाने के लिए आपात तत्परता और प्रतिक्रिया योजना तैयार की गई है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख