"चाँद बावड़ी": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
|||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
==निर्माण== | ==निर्माण== | ||
इस बावड़ी का निर्माण 9वीं [[शताब्दी]] में किया गया था। इसमें 3,500 संकरी सीढ़ियाँ हैं और ये 13 तल ऊँचा और 100 फुट या 30 मीटर गहरा है। ये अविश्वसनीय [[कुआँ]] उस समय [[जल]] की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र की जल समस्या का एक व्यावहारिक समाधान था। इस स्थान की शुष्क जलवायु ने स्थानीय लोगों को एक ऐसे कुएं की खुदाई के लिए विवश किया, जिस पर वर्ष भर जल के लिए निर्भर रहा जा सके। दंतकथाओं के अनुसार यह कुआँ एक रात में भूतों द्वारा खोदा गया और इसमें इतनी सीढ़ियाँ हैं की यदि एक सिक्का नीचे गिर जाये तो उसे खोज पाना संभव नहीं है।<ref>{{cite web |url= http://worlddmirror.blogspot.in/2013/12/blog-post.html|title= चाँद बावड़ी बांदीकुई|accessmonthday= 05 अक्टूबर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= वर्ल्ड इन्फो|language= हिन्दी}}</ref> | इस बावड़ी का निर्माण 9वीं [[शताब्दी]] में किया गया था। इसमें 3,500 संकरी सीढ़ियाँ हैं और ये 13 तल ऊँचा और 100 फुट या 30 मीटर गहरा है। ये अविश्वसनीय [[कुआँ]] उस समय [[जल]] की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र की जल समस्या का एक व्यावहारिक समाधान था। इस स्थान की शुष्क जलवायु ने स्थानीय लोगों को एक ऐसे कुएं की खुदाई के लिए विवश किया, जिस पर वर्ष भर जल के लिए निर्भर रहा जा सके। दंतकथाओं के अनुसार यह कुआँ एक रात में भूतों द्वारा खोदा गया और इसमें इतनी सीढ़ियाँ हैं की यदि एक सिक्का नीचे गिर जाये तो उसे खोज पाना संभव नहीं है।<ref>{{cite web |url= http://worlddmirror.blogspot.in/2013/12/blog-post.html|title= चाँद बावड़ी बांदीकुई|accessmonthday= 05 अक्टूबर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= वर्ल्ड इन्फो|language= हिन्दी}}</ref> | ||
====विशेषताएँ==== | |||
इस विशालतम बावड़ी के प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं- | |||
#यह बावड़ी चारों तरफ़ से 35 मीटर चौड़ी है। | |||
#ऊपर से नीचे तक पक्की बनी सीढ़ियों के कारण पानी का स्तर चाहे जो भी हो हमेशा आसानी से पानी भरा जा सकता है। | |||
#चाँद बावड़ी, 100 फ़ीट गहरी, 13 मंजिला और 3500 सीढ़ियों युक्त है। | |||
#यह बावड़ी प्रसिद्ध 'हर्षत माता मन्दिर' के सामने स्थित है। | |||
#यह विश्व की सबसे गहरी और बड़ी बावड़ी है। | |||
==आभानेरी== | |||
{{main|आभानेरी}} | |||
आभानेरी गाँव, [[जयपुर]]-[[आगरा]] मार्ग पर स्थित एक छोटा क़स्बा है। यह जगह रोमांचक बावड़ियों और हर्षत माता के मन्दिर के लिये प्रसिद्ध है। आभानेरी का शुरुआती नाम था 'आभा नगरी', अर्थात 'चमकने वाला शहर'; लेकिन कालान्तर में [[भाषा]] के [[अपभ्रंश]] की वजह से इसका नाम धीरे-धीरे आभानेरी बन गया। ऐसी मान्यता है कि आभानेरी को राजा चाँद ने बसाया था, हालांकि इस शहर ने प्राचीन काल में कई विभीषिकाएं झेलीं, लेकिन चाँद बावड़ी और माता के मन्दिर की वजह से अब यह [[राजस्थान]] आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है। प्राचीन काल में वास्तुविदों और नागरिकों द्वारा जल संरक्षण और वाटर हार्वेस्टिंग हेतु बनाई गई इस प्रकार की कई बावड़ियाँ इस क्षेत्र में मौजूद हैं, जिनमें काफ़ी पानी समाया रहता है जो क्षेत्र के निवासियों के वार्षिक उपयोग हेतु काम आता है। चाँद बावड़ी इन सभी बावड़ियों में सबसे बड़ी और लोकप्रिय है।<ref>{{cite web |url= http://hindi.indiawaterportal.org/content/%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%81%E0%A4%A6-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AC%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%AC%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80|title= चाँद-विश्व की सबसे बड़ी बावड़ी|accessmonthday= 05 अक्टूबर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= इण्डिया वॉटर पोर्टल|language= हिन्दी}}</ref> | |||
06:22, 5 अक्टूबर 2014 का अवतरण
चाँद बावड़ी एक सीढ़ीदार कुआँ है, जो राजस्थान में जयपुर के निकट आभानेरी नामक ग्राम में स्थित है। यह सीढ़ीदार कुआँ 'हर्षत माता मंदिर' के सामने स्थित है और भारत ही नहीं, अपितु विश्व के सबसे बड़े सीढ़ीदार और गहरे कुओं में से एक है।
निर्माण
इस बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। इसमें 3,500 संकरी सीढ़ियाँ हैं और ये 13 तल ऊँचा और 100 फुट या 30 मीटर गहरा है। ये अविश्वसनीय कुआँ उस समय जल की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र की जल समस्या का एक व्यावहारिक समाधान था। इस स्थान की शुष्क जलवायु ने स्थानीय लोगों को एक ऐसे कुएं की खुदाई के लिए विवश किया, जिस पर वर्ष भर जल के लिए निर्भर रहा जा सके। दंतकथाओं के अनुसार यह कुआँ एक रात में भूतों द्वारा खोदा गया और इसमें इतनी सीढ़ियाँ हैं की यदि एक सिक्का नीचे गिर जाये तो उसे खोज पाना संभव नहीं है।[1]
विशेषताएँ
इस विशालतम बावड़ी के प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं-
- यह बावड़ी चारों तरफ़ से 35 मीटर चौड़ी है।
- ऊपर से नीचे तक पक्की बनी सीढ़ियों के कारण पानी का स्तर चाहे जो भी हो हमेशा आसानी से पानी भरा जा सकता है।
- चाँद बावड़ी, 100 फ़ीट गहरी, 13 मंजिला और 3500 सीढ़ियों युक्त है।
- यह बावड़ी प्रसिद्ध 'हर्षत माता मन्दिर' के सामने स्थित है।
- यह विश्व की सबसे गहरी और बड़ी बावड़ी है।
आभानेरी
आभानेरी गाँव, जयपुर-आगरा मार्ग पर स्थित एक छोटा क़स्बा है। यह जगह रोमांचक बावड़ियों और हर्षत माता के मन्दिर के लिये प्रसिद्ध है। आभानेरी का शुरुआती नाम था 'आभा नगरी', अर्थात 'चमकने वाला शहर'; लेकिन कालान्तर में भाषा के अपभ्रंश की वजह से इसका नाम धीरे-धीरे आभानेरी बन गया। ऐसी मान्यता है कि आभानेरी को राजा चाँद ने बसाया था, हालांकि इस शहर ने प्राचीन काल में कई विभीषिकाएं झेलीं, लेकिन चाँद बावड़ी और माता के मन्दिर की वजह से अब यह राजस्थान आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है। प्राचीन काल में वास्तुविदों और नागरिकों द्वारा जल संरक्षण और वाटर हार्वेस्टिंग हेतु बनाई गई इस प्रकार की कई बावड़ियाँ इस क्षेत्र में मौजूद हैं, जिनमें काफ़ी पानी समाया रहता है जो क्षेत्र के निवासियों के वार्षिक उपयोग हेतु काम आता है। चाँद बावड़ी इन सभी बावड़ियों में सबसे बड़ी और लोकप्रिय है।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ चाँद बावड़ी बांदीकुई (हिन्दी) वर्ल्ड इन्फो। अभिगमन तिथि: 05 अक्टूबर, 2014।
- ↑ चाँद-विश्व की सबसे बड़ी बावड़ी (हिन्दी) इण्डिया वॉटर पोर्टल। अभिगमन तिथि: 05 अक्टूबर, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख