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'''पासी''' गाँवों में भुस ([[गाय]]-[[भैंस|भैंसों]] का चारा) को सर पर ले जाने के लिए बुनी एक जालीदार गठरी को कहते हैं जिसमें लॉन टेनिस के नेट जैसी बुनाई होती है।<ref>भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी की फ़ेसबुक वॉल से उद्धृत </ref> | '''पासी''' गाँवों में [[भूसा|भुस]] ([[गाय]]-[[भैंस|भैंसों]] का चारा) को सर पर ले जाने के लिए बुनी एक जालीदार गठरी को कहते हैं जिसमें लॉन टेनिस के नेट जैसी बुनाई होती है।<ref>भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी की फ़ेसबुक वॉल से उद्धृत </ref> | ||
14:06, 22 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
पासी गाँवों में भुस (गाय-भैंसों का चारा) को सर पर ले जाने के लिए बुनी एक जालीदार गठरी को कहते हैं जिसमें लॉन टेनिस के नेट जैसी बुनाई होती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी की फ़ेसबुक वॉल से उद्धृत