"ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर": अवतरणों में अंतर

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'''ब्रह्मा मंदिर''' [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध शहर [[अजमेर]] में [[पुष्कर झील]] के किनारे पर स्थित है। यह [[भारत]] के उन कुछ गिने-चुने मंदिरों में से एक है, जो [[हिन्दू|हिन्दूओं]] के [[ब्रह्मा|भगवान ब्रह्मा]] समर्पित हैं।
'''ब्रह्मा मंदिर''' [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध शहर [[अजमेर]] में [[पुष्कर झील]] के किनारे पर स्थित है। यह [[भारत]] के उन कुछ गिने-चुने मंदिरों में से एक है, जो [[हिन्दू|हिन्दूओं]] के [[ब्रह्मा|भगवान ब्रह्मा]] को समर्पित हैं।


*[[हिन्दू]] लोक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने [[पुष्कर]] में 'यजन्‍या' ([[अग्नि]]) की [[पूजा]] करने की प्रतिज्ञा की थी। यद्यपि उनकी पत्‍नी [[सावित्री देवी|सावित्री]] इस निर्दिष्‍ट समय में यजन्‍या की पूजा करने के लिए उनके साथ मौजूद नहीं थी। इसी कारण उन्हें एक स्‍थानीय ग्‍वालिन गायत्री से [[विवाह]] करना पड़ा, जिससे वह उसके साथ यजन्‍या की पूजा में बैठ सकें।
*[[हिन्दू]] लोक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने [[पुष्कर]] में 'यजन्‍या' ([[अग्नि]]) की [[पूजा]] करने की प्रतिज्ञा की थी। यद्यपि उनकी पत्‍नी [[सावित्री देवी|सावित्री]] इस निर्दिष्‍ट समय में यजन्‍या की पूजा करने के लिए उनके साथ मौजूद नहीं थी। इसी कारण उन्हें एक स्‍थानीय ग्‍वालिन गायत्री से [[विवाह]] करना पड़ा, जिससे वह उसके साथ यजन्‍या की पूजा में बैठ सकें।

06:53, 15 जून 2015 का अवतरण

ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर
ब्रह्मा मन्दिर, पुष्कर
ब्रह्मा मन्दिर, पुष्कर
विवरण 'ब्रह्मा मन्दिर' राजस्थान स्थित प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल है। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ दर्शनार्थ आते हैं।
राज्य राजस्थान
ज़िला अजमेर
समर्पित देव ब्रह्मा
निर्माण 14वीं सदी
संबंधित लेख राजस्थान, राजस्थान पर्यटन, पुष्कर, पुष्कर झील, अजमेर
अन्य जानकारी इस प्रसिद्ध मंदिर में राजसी छवि वाले कमल पर विराजमान भगवान ब्रह्मा जी की चार मुख वाली मूर्ति स्‍थापित है।

ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध शहर अजमेर में पुष्कर झील के किनारे पर स्थित है। यह भारत के उन कुछ गिने-चुने मंदिरों में से एक है, जो हिन्दूओं के भगवान ब्रह्मा को समर्पित हैं।

  • हिन्दू लोक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने पुष्कर में 'यजन्‍या' (अग्नि) की पूजा करने की प्रतिज्ञा की थी। यद्यपि उनकी पत्‍नी सावित्री इस निर्दिष्‍ट समय में यजन्‍या की पूजा करने के लिए उनके साथ मौजूद नहीं थी। इसी कारण उन्हें एक स्‍थानीय ग्‍वालिन गायत्री से विवाह करना पड़ा, जिससे वह उसके साथ यजन्‍या की पूजा में बैठ सकें।
  • भगवान ब्रह्मा के इस कार्य से उनकी पहली पत्‍नी सावित्री को बहुत क्रोध आया और उन्‍होंने ब्रह्मा जी को शाप दे दिया कि अब उनकी पूजा पुष्‍कर के अलावा कहीं और नहीं की जा सकेगी।
  • पुष्कर में ब्रह्मा जी का यह मंदिर मूल रूप से 14वीं सदी में बनाया गया था।
  • इस प्रसिद्ध मंदिर में राजसी छवि वाले कमल पर विराजमान ब्रह्मा जी की चार मुख वाली मूर्ति स्‍थापित है, जिसके बाएं तरफ़ उनकी युवा पत्‍नी गायत्री और दाएं तरफ़ सावित्री बैठी हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख