"होयसल वंश": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
|शोध=
|शोध=
}}
}}
==सम्बंधित लिंक==
{{भारत के राजवंश}}
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__

12:27, 17 अगस्त 2010 का अवतरण

होयसल वंश का प्रारम्भ सन 1111 ई॰ के आसपास मैसूर के प्रदेश में विट्टिग अथवा विट्टिदेव से हुआ। उसने अपना नाम विष्णुवर्धन रख लिया और सन 1141 ई॰ तक राज्य किया। उसने द्वार समुद्र (आधुनिक हलेविड) को अपनी राजधानी बनाया। वह पहले जैन धर्मानुयायी था, बाद में वैष्णव मतावलम्बी हो गया। उसने बहुत से राजाओं को जीता और हलेबिड में सुन्दर विशाल मन्दिरों का निर्माण कराया। उसके पौत्र वीर बल्लाल (1173-1220 ई॰)- ने देवगिरि के यादवों को परास्त किया और होयसलों को दक्षिण भारत का सबसे शक्तिशाली राजा बना दिया, जो 1310 ई॰ तक शक्तिशाली बने रहे। 1310 ई॰ में सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलजी के सेनापति मलिक काफ़ूर के नेतृत्व में मुसलमानों ने उनके राज्य पर हमला किया, राजधानी पर कब्ज़ा कर लिया और राजा को बंदी बना लिया। सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने अंत में 1326 ई॰ में इस वंश का अंत कर दिया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

सम्बंधित लिंक