"मुखपृष्ठ": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
====<div style="display:none;">महत्त्वपूर्ण आकर्षण</div>==== | ====<div style="display:none;">महत्त्वपूर्ण आकर्षण</div>==== | ||
{{महत्त्वपूर्ण आकर्षण}} | {{महत्त्वपूर्ण आकर्षण}} | ||
====<div style="display:none;">समाचार</div>==== | |||
{{स्वतंत्र लेखन}} | |||
====<div style="display:none;">समाचार</div>==== | ====<div style="display:none;">समाचार</div>==== | ||
{{समाचार-चयनिका}} | {{समाचार-चयनिका}} |
13:57, 22 मार्च 2016 का अवतरण
आज का दिन - 14 जनवरी 2025 (भारतीय समयानुसार)
- राष्ट्रीय शाके 1946, 24 गते 01, माघ, मंगलवार
- विक्रम सम्वत् 2081, माघ, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा, मंगलवार, पुनर्वसु
- इस्लामी हिजरी 1446, 13, रजब, मंगल, ज़िराअ
- मकर संक्रांति, कुम्भ मेला, प्रथम शाही स्नान, माघबिहू, पोंगल, महाश्वेता देवी (जन्म), सी. डी. देशमुख (जन्म), दुर्गा खोटे (जन्म), दशरथ मांझी (जन्म), अबुल फ़ज़ल, नारायण कार्तिकेयन (जन्म), सुधाताई जोशी (जन्म), मंगूराम (जन्म), बिन्देश्वरी दुबे (जन्म), ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह (जन्म), सुरजीत सिंह बरनाला (मृत्यु)
यदि दिनांक सूचना सही नहीं दिख रही हो तो कॅश मेमोरी समाप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें
भारतकोश हलचल
राष्ट्रीय बालिका दिवस (24 जनवरी) • सुभाष चंद्र बोस जयंती (23 जनवरी) • पराक्रम दिवस (23 जनवरी) • मणिपुर स्थापना दिवस (21 जनवरी) • त्रिपुरा स्थापना दिवस (21 जनवरी) • मेघालय स्थापना दिवस (21 जनवरी) • गणेश चतुर्थी (17 जनवरी) • थल सेना दिवस (15 जनवरी) • मकर संक्रांति (14 जनवरी) • कुम्भ मेला, प्रथम शाही स्नान (14 जनवरी) • लोहड़ी (13 जनवरी) • कल्पवास प्रारम्भ, प्रयागराज (13 जनवरी) • कुम्भ मेला प्रारम्भ (13 जनवरी) • राष्ट्रीय युवा दिवस (12 जनवरी) • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह(11-17 जनवरी) (11 जनवरी) • प्रदोष व्रत (11 जनवरी) • विश्व हिन्दी दिवस (10 जनवरी) • पुत्रदा एकादशी(10 जनवरी) • प्रवासी भारतीय दिवस (09 जनवरी) • गुरु गोविंद सिंह जयंती (06 जनवरी) • लुई ब्रेल दिवस (04 जनवरी) • नववर्ष (01 जनवरी) • सोमवती अमावस्या (30 दिसम्बर) • मासिक शिवरात्रि (29 दिसम्बर) • सफला एकादशी(26 दिसम्बर) • क्रिसमस (25 दिसम्बर) • सुशासन दिवस (25 दिसम्बर) • राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (24 दिसम्बर) • किसान दिवस (23 दिसम्बर) • राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसम्बर)
जन्म
अश्विनी कुमार दत्त (15 जनवरी) • मायावती (15 जनवरी) • सैफ़ुद्दीन किचलू (15 जनवरी) • ज्ञानी गुरमुख सिंह मुसाफ़िर (15 जनवरी) • चुनी गोस्वामी (15 जनवरी) • खाशाबा जाधव (15 जनवरी) • बाबासाहेब भोसले (15 जनवरी) • सरदूल सिकंदर (15 जनवरी) • महाश्वेता देवी (14 जनवरी) • सी. डी. देशमुख (14 जनवरी) • दुर्गा खोटे (14 जनवरी) • दशरथ मांझी (14 जनवरी) • बिन्देश्वरी दुबे (14 जनवरी) • ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह (14 जनवरी) • नारायण कार्तिकेयन (14 जनवरी) • अबुल फ़ज़ल (14 जनवरी)
मृत्यु
गुलज़ारीलाल नन्दा (15 जनवरी) • तपन सिन्हा (15 जनवरी) • होमाई व्यारावाला (15 जनवरी) • सदाशिवराव भाऊ (15 जनवरी) • सुरजीत सिंह बरनाला (14 जनवरी) • एडमंड हैली (14 जनवरी)
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
यह एक तरह की ध्यानावस्था ही है। यह एक ऐसा ध्यान है जो किया नहीं जाता या धारण नहीं करना होता बल्कि स्वत: ही धारित हो जाता है... बस लग जाता है। मनोविश्लेषण की पुरानी अवधारणा के अनुसार कहें तो अवचेतन मस्तिष्क (सब कॉन्शस) में कहीं स्थापित हो जाता है। दिमाग़ में बादाम जितने आकार के दो हिस्से, जिन्हें ऍमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं, कुछ ऐसा ही व्यवहार करते हैं। ये दोनों कभी-कभी दिमाग़ को अनदेखा कर शरीर के किसी भी हिस्से को सक्रिय कर देते हैं। असल में इनकी मुख्य भूमिका संवेदनात्मक आपातकालिक संदेश देने की होती है। इस तरह की ही कोई प्रणाली संभवत: अवचेतन के संदेशों के निगमन को संचालित करती है। ऍमिग्डाला की प्रक्रिया को 'डेनियल गोलमॅन' ने अपनी किताब इमोशनल इंटेलीजेन्स में बहुत अच्छी तरह समझाया है। ...पूरा पढ़ें
पिछले सभी लेख → | सफलता का शॉर्ट-कट -आदित्य चौधरी | शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र | शर्मदार की मौत |
एक आलेख
संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें
पिछले आलेख → | राष्ट्रपति | रसखान की भाषा | मौर्य काल |
एक व्यक्तित्व
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें
पिछले लेख → | पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर | जे. आर. डी. टाटा | आर. के. लक्ष्मण |
पृथ्वीराज रासो हिन्दी भाषा में लिखा गया एक महाकाव्य है, जिसमें पृथ्वीराज चौहान के जीवन-चरित्र का वर्णन किया गया है। यह महाकवि चंदबरदाई की रचना है, जो पृथ्वीराज के अभिन्न मित्र तथा राजकवि थे। इसमें दिल्लीश्वर पृथ्वीराज के जीवन की घटनाओं का विशद वर्णन है। यह तेरहवीं शती की रचना है। डॉ. माताप्रसाद गुप्त इसे 1400 विक्रमी संवत के लगभग की रचना मानते हैं। इसमें पृथ्वीराज व उनकी प्रेमिका संयोगिता के परिणय का सुन्दर वर्णन है। यह ग्रंथ ऐतिहासिक कम काल्पनिक अधिक है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' में लिखा है- 'पृथ्वीराज रासो ढाई हज़ार पृष्ठों का बहुत बड़ा ग्रंथ है जिसमें 69 समय (सर्ग या अध्याय) हैं। प्राचीन समय में प्रचलित प्राय: सभी छंदों का व्यवहार हुआ है। मुख्य छंद हैं कवित्त (छप्पय), दूहा, तोमर, त्रोटक, गाहा और आर्या। ...और पढ़ें
|
दीपावली अथवा 'दिवाली' भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। त्योहारों का जो वातावरण धनतेरस से प्रारम्भ होता है, वह आज के दिन पूरे चरम पर आता है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने श्रीराम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी, विघ्न-विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती है। ब्रह्म पुराण के अनुसार इस अर्धरात्रि में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक में आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और सुंदर तरीक़े से सुसज्जित और प्रकाशयुक्त होता है, वहां अंश रूप में ठहर जाती हैं। ... और पढ़ें
|
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
महत्त्वपूर्ण आकर्षण
भारतकोश पर स्वतंत्र लेखन
समाचार
कुछ लेख
योग दर्शन • पंचायती राज • मथुरा • चौंसठ कलाएँ • स्वस्तिक • दो बीघा ज़मीन • रत्न • पाणिनि • राम प्रसाद बिस्मिल • डाकघर |
भारतकोश ज्ञान का हिन्दी-महासागर
|
|
|
|
|
ब्रज डिस्कवरी
ब्रज डिस्कवरी पर हम आपको एक ऐसी यात्रा का भागीदार बनाना चाहते हैं जिसका रिश्ता ब्रज के इतिहास, संस्कृति, समाज, पुरातत्व, कला, धर्म-संप्रदाय, पर्यटन स्थल, प्रतिभाओं आदि से है।
चयनित चित्र