"छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1": अवतरणों में अंतर

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'''प्रथम अध्याय में तेरह खण्ड हैं।'''
[[छान्दोग्य उपनिषद]] के इस अध्याय में 'साम' के सार रूप '[[ॐ|ॐकार]]' की व्याख्या की गयी है तथा 'ॐकार' की अध्यात्मिक, आधिदैविक उपासनाओं को समझाते हुए विभिन्न स्वरूपों को स्पष्ट किया है।
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==खण्ड==
*इनमें 'साम' के सार रूप '[[ॐ|ॐकार]]' की व्याख्या की गयी है तथा 'ॐकार' की अध्यात्मिक, आधिदैविक उपासनाओं को समझाते हुए विभिन्न स्वरूपों को स्पष्ट किया है।
छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय एक में कुल तेरह खण्ड हैं-
*जो इस प्रकार है:-
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14:02, 11 अगस्त 2016 का अवतरण

छान्दोग्य उपनिषद के इस अध्याय में 'साम' के सार रूप 'ॐकार' की व्याख्या की गयी है तथा 'ॐकार' की अध्यात्मिक, आधिदैविक उपासनाओं को समझाते हुए विभिन्न स्वरूपों को स्पष्ट किया है।

खण्ड

छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय एक में कुल तेरह खण्ड हैं-

  1. पहला खण्ड
  2. दूसरा खण्ड
  3. तीसरा खण्ड
  4. चौथा खण्ड
  5. पांचवाँ खण्ड
  6. छठा खण्ड
  7. सातवाँ खण्ड
  8. आठवाँ खण्ड
  9. नौवाँ खण्ड
  10. दसवाँ खण्ड
  11. ग्यारहवाँ खण्ड
  12. बारहवाँ खण्ड
  13. तेरहवाँ खण्ड


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