"मैं केहि कहौ बिपति अति भारी -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर
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मैं केहि कहौ बिपति अति भारी। श्रीरघुबीर धीर हितकारी॥ | मैं केहि कहौ बिपति अति भारी। श्रीरघुबीर धीर हितकारी॥ | ||
मम | मम हृदय भवन प्रभु तोरा। तहँ बसे आइ बहु चोरा॥ | ||
अति कठिन करहिं बर जोरा। मानहिं नहिं बिनय निहोरा॥ | अति कठिन करहिं बर जोरा। मानहिं नहिं बिनय निहोरा॥ | ||
तम, मोह, लोभ अहँकारा। मद, क्रोध, बोध रिपु मारा॥ | तम, मोह, लोभ अहँकारा। मद, क्रोध, बोध रिपु मारा॥ |
09:57, 24 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
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मैं केहि कहौ बिपति अति भारी। श्रीरघुबीर धीर हितकारी॥ |
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