"प्रयोग:रिंकू8": अवतरणों में अंतर
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-सो बग्स | -सो बग्स | ||
{मृदा बनावट में कितना प्रतिशत ठोस भाग पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-7 | {[[मृदा]] बनावट में कितना प्रतिशत ठोस भाग पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-7 | ||
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-20% | -20% | ||
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+50% | +50% | ||
{'[[जिप्सम]]' का रासयनिक सूत्र है | {'[[जिप्सम]]' का रासयनिक सूत्र क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-8 | ||
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-CaCl<sub>2</sub> | -CaCl<sub>2</sub> | ||
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||'[[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ मृदाएँ]]' स्तरीय मृदाएँ कहलाती हैं। इस मृदा में [[नाइट्रोजन]], जैव पदार्थ व [[फॉस्फोरस]] की न्यूनता होती है। | ||'[[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ मृदाएँ]]' स्तरीय मृदाएँ कहलाती हैं। इस मृदा में [[नाइट्रोजन]], जैव पदार्थ व [[फॉस्फोरस]] की न्यूनता होती है। | ||
{[[मृदा]], जिनमें 35% बालू (send), | {[[मृदा]], जिनमें 35% बालू (send), 45% सिल्ट और 20% क्ले हो, तो वह मृदा होगी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-10 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-बलुई दोमट | -बलुई दोमट | ||
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{निम्न में कौन-सा तत्त्व पौधे के लिए अनावश्यक किन्तु लाभकारी तत्त्व है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-61 | {निम्न में कौन-सा तत्त्व पौधे के लिए अनावश्यक किन्तु लाभकारी तत्त्व है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-61 | ||
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-Ca | -[[कैल्शियम]] (Ca) | ||
+Na | +[[सोडियम]] (Na) | ||
-K | -[[पौटेशियम]] (K) | ||
-Mg | -[[मैग्नीशियम]] (Mg) | ||
||Na एक ऐसा तत्त्व है, जो पौधे के लिए अनावश्यक होते हुए भी लाभकारी होता है। | ||[[सोडियम]] (Na) एक ऐसा तत्त्व है, जो पौधे के लिए अनावश्यक होते हुए भी लाभकारी होता है। | ||
{जिस शाखा का मृदा सम्बंध मृदा की उत्पत्ति (Origin); वर्गीकरण तथा वर्णन से है, को कहते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-62 | {जिस शाखा का मृदा सम्बंध मृदा की उत्पत्ति (Origin); वर्गीकरण तथा वर्णन से है, को क्या कहते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-62 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -इडेफिलॉजी | ||
- | -ईकोलॉजी | ||
+ | +पेडोलॉजी | ||
- | -जिलोलॉजी | ||
||जिस शाखा का मृदा सम्बंध मृदा की उत्पत्ति, वर्गीकरण तथा वर्णन से है, उसे ' | ||जिस शाखा का मृदा सम्बंध मृदा की उत्पत्ति, वर्गीकरण तथा वर्णन से है, उसे 'पेडोलॉजी' कहते हैं। | ||
{पौधे के आदर्श प्रारूप की अवधारणा सर्वप्रथम प्रस्तुत की गयी थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-63 | {पौधे के आदर्श प्रारूप की अवधारणा सर्वप्रथम किसके द्वारा प्रस्तुत की गयी थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-63 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-C. M. Donald | -C. M. Donald | ||
-J. D. Easten | -J. D. Easten | ||
+Mayer | +Mayer & Anderson | ||
-M. S. Swaminathan | -M. S. Swaminathan | ||
||पौधे के आदर्श प्रारूप की अवधारणा सबसे पहले मायर (Mayer) एवं इन्डरसन (Anderson) द्वारा प्रस्तुत की गयी थी। | ||पौधे के आदर्श प्रारूप की अवधारणा सबसे पहले मायर (Mayer) एवं इन्डरसन (Anderson) द्वारा प्रस्तुत की गयी थी। | ||
{भारत में 'सस्य-जलवायु क्षेत्रों' की संख्या है | {भारत में 'सस्य-जलवायु क्षेत्रों' की संख्या कितनी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-64 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-10 | -10 | ||
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-6 | -6 | ||
{'Intensive Agriculeure | {'Intensive Agriculeure Area Programme' कब प्रारम्भ हुआ था। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-65 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-1963 | -[[1963]] | ||
+1964 | +[[1964]] | ||
-1967 | -[[1967]] | ||
-1970 | -[[1970]] | ||
{बकरी की विदेशी नस्ल (Exotic Breed) है | {बकरी की विदेशी नस्ल (Exotic Breed) कौन सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-66 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-सूरती | -सूरती | ||
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+अंगोरा | +अंगोरा | ||
-जमुनापारी | -जमुनापारी | ||
||'अंगोरा' नस्ल बकरी की विदेशी | ||'अंगोरा' नस्ल बकरी की विदेशी नस्लों में से एक है। यह नस्ल बहुत अच्छी मानी जाती है। | ||
{'सेमीनल वैसीकिल्स' (Seminal Vesicles) अनुपस्थित रहते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-67 | {'सेमीनल वैसीकिल्स' (Seminal Vesicles) अनुपस्थित रहते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-67 | ||
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-सुअर में | -सुअर में | ||
{निम्न में कौन-सा एक रोग पशु से मनुष्य में और मनुष्य से पशु में | {निम्न में कौन-सा एक रोग पशु से मनुष्य में और मनुष्य से पशु में संचारित होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-68 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-शूकर ज्वर | -शूकर ज्वर (Swine Fever) | ||
-पोकनी | -पोकनी (Rinderpest) | ||
-गला घोंटू | -गला घोंटू (Haemorrhagic Septicaemia) | ||
+लेप्टोस्पाइरोसिस | +लेप्टोस्पाइरोसिस (Leptospirosis) | ||
{सामान्यत: 'दुग्ध-कैन' (Milk cans) का निर्माण | {सामान्यत: 'दुग्ध-कैन' (Milk cans) का निर्माण किस धातु से किया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-69 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-क्रोमियम तथा उसकी मिश्रित धातु से (alloy) | -[[क्रोमियम]] तथा उसकी मिश्रित धातु से (alloy) | ||
+ऐलुमिनियम तथा उसकी मिश्रितु धातु से | +[[ऐलुमिनियम]] तथा उसकी मिश्रितु धातु से | ||
-लोहा तथा उसकी मिश्रित धातु से | -[[लोहा]] तथा उसकी मिश्रित धातु से | ||
- | -[[निकिल]] तथा उसकी मिश्रित धातु से | ||
||सामान्य रूप से दुग्ध-कैन ऐलुमिनियम तथा उसकी मिश्रित धातु से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु से बने दुग्ध-कैन में दूध भरने पर दूध जल्दी से खराब नहीं होता है। | ||सामान्य रूप से दुग्ध-कैन [[ऐलुमिनियम]] तथा उसकी मिश्रित धातु से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु से बने दुग्ध-कैन में [[दूध]] भरने पर दूध जल्दी से खराब नहीं होता है। | ||
{गाय के कृत्रिम गर्भाधान (Al) के लिए अनुमोदित तरल वीर्य (Semen) की मात्रा होती है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं- | {[[गाय]] के कृत्रिम गर्भाधान (Al) के लिए अनुमोदित तरल वीर्य (Semen) की मात्रा कितनी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-70 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-0.2 | -0.2 मि.ली. | ||
-0.8 | -0.8 मि.ली. | ||
-1.5 | -1.5 मि.ली. | ||
+2.0 | +2.0 मि.ली. | ||
||गाय के कृत्रिम | ||[[गाय]] के कृत्रिम गर्भाधान के लिए 2-0 मि.ली. अनुमोदित तरल वीर्य आवश्यक होता है। | ||
पंक्ति 417: | पंक्ति 415: | ||
-रोगरोधी फ़सलें | -रोगरोधी फ़सलें | ||
-लम्बे समय वाली फ़सलें | -लम्बे समय वाली फ़सलें | ||
-नमी | -नमी दबावरोधी फ़सलें | ||
||कम अवधि | ||कम अवधि वाली दलहनी प्रजाति फ़सल प्रणाली के लिए उपयुक्त होती है, जबकि दलहनी फ़सलों के अच्छे उत्पादन के लिए रोगरोधी किस्मों को उगाया जाता है। | ||
{गेहूँ है एक- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-2 | {[[गेहूँ]] है एक- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-2 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-नगदी फ़सल | -नगदी फ़सल | ||
पंक्ति 426: | पंक्ति 424: | ||
-आच्छादित फ़सल | -आच्छादित फ़सल | ||
-नमी दबावरोधी फ़सल | -नमी दबावरोधी फ़सल | ||
||खाद्यान्न फ़सल | ||खाद्यान्न फ़सल - [[गेहूँ]], [[धान]], जौ आदि; नगदी फ़सल - [[गन्ना]], [[आलू]]; आच्छादित फ़सल - लोबिया | ||
नगदी फ़सल | |||
आच्छादित फ़सल | |||
{शरदकालीन गन्ना किस माह में बोया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-3 | {शरदकालीन गन्ना किस माह में बोया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-3 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-फरवरी-मार्च | -[[फरवरी]]-[[मार्च]] | ||
-जुलाई | -[[जुलाई]] | ||
+अक्टूबर | +[[अक्टूबर]] | ||
-दिसम्बर | -[[दिसम्बर]] | ||
||शरदकालीन -अक्टूबर | ||शरदकालीन - [[अक्टूबर]], बसंतकालीन - [[फरवरी]]-[[मार्च]], वर्षाकालीन - [[जुलाई]] | ||
बसंतकालीन | |||
वर्षाकालीन -जुलाई | |||
{गेहूँ की समय से बुआई के लिए | {[[गेहूँ]] की समय से बुआई के लिए बीज दर है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-4 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-75 किलोग्राम/हैक्टेयर | -75 किलोग्राम/हैक्टेयर | ||
पंक्ति 446: | पंक्ति 440: | ||
-125 किलोग्राम/हैक्टेयर | -125 किलोग्राम/हैक्टेयर | ||
-150 किलोग्राम/हैक्टेयर | -150 किलोग्राम/हैक्टेयर | ||
||समय से बुआई -100 किलोग्राम/हैक्टेयर | ||समय से बुआई -100 किलोग्राम/हैक्टेयर; देर से बुआई - 125 किलोग्राम/हैक्टेयर; डिबलर से बुआई - 25-30 किलोग्राम/हैक्टेयर | ||
देर से बुआई -125 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
डिबलर से बुआई -25-30 किलोग्राम/हैक्टेयर | |||
{गेहूँ में सिचाई के लिए सर्वाधिक क्रांतिक अवस्था है | {[[गेहूँ]] में सिचाई के लिए सर्वाधिक क्रांतिक अवस्था कौन-सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-5 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+सी.आर.आई. | +सी. आर. आई. | ||
-पुष्प | -पुष्प | ||
-दुग्ध | -[[दुग्ध]] | ||
-दाने पकना | -दाने पकना | ||
||गेहूँ की फ़सल के लिए पाँच सिंचाइयों की | ||[[गेहूँ]] की फ़सल के लिए पाँच सिंचाइयों की ज़रूरत होती है- (1) सी.आर.आई. स्टेज, (2) किल्ले निकलने समय बुआई से, (3) गाँठ बनते समय बुआई से, (4) फूल बनते समय बुआई से, (5) दुग्ध बनते समय बुआई से। | ||
(1) सी.आर.आई. स्टेज | |||
(2) किल्ले निकलने समय बुआई से | |||
(3) गाँठ बनते समय बुआई से | |||
(4) फूल बनते समय बुआई से | |||
(5) दुग्ध बनते समय बुआई | |||
{बीज शोधन---------बीमारी के नियंत्रण के लिए किया जाता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-6 | {बीज शोधन---------बीमारी के नियंत्रण के लिए किया जाता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-6 | ||
पंक्ति 471: | पंक्ति 458: | ||
||बीज शोधन बीज जनित बीमारियों के लिए किया जाता है। मृदा जनित बीमारियों के लिए मृदा का शोधन किया जाता है। | ||बीज शोधन बीज जनित बीमारियों के लिए किया जाता है। मृदा जनित बीमारियों के लिए मृदा का शोधन किया जाता है। | ||
{क्षाररोधी फ़सल है | {क्षाररोधी फ़सल कौन-सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-7 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+लोबिया | +लोबिया | ||
-मटर | -[[मटर]] | ||
-लहसुन | -[[लहसुन]] | ||
-ककड़ी | -[[ककड़ी]] | ||
{निम्न में से कौन गाय की दुग्धशाला प्रजाति नहीं है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-8 | {निम्न में से कौन सी [[गाय]] की दुग्धशाला प्रजाति नहीं है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-8 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-साहीवाल | -साहीवाल | ||
-सिन्धी | -सिन्धी | ||
+नागौरी | +[[नागौरी गाय]] | ||
-गिरि | -गिरि | ||
||साहीवाल | ||साहीवाल - दुधारु प्रजाति; सिंधी - दुधरु प्रजाति; गिरि - दुधारु प्रजाति; [[नागौरी गाय|नागौरी]] - दुकाजी प्रजाति | ||
सिंधी | |||
गिरि | |||
नागौरी -दुकाजी प्रजाति | |||
{भण्डारित अनाज कीटों के नुकसान से बचाने के लिए | {भण्डारित अनाज कीटों के नुकसान से बचाने के लिए दाना नमी की सीमा क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-9 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+<10% | +<10% | ||
पंक्ति 495: | पंक्ति 479: | ||
-10% | -10% | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
|| | ||भण्डारित अनाज कीटों के नुकसान से बचाने के लिए दानों में 10% से कम नमी का होना ज़रूरी है। इससे कम या ज़्यादा नमी बीज के लिए हानिकारक होती है। | ||
{भारत में निम्न में से किस कीट/रोगनाशी को रोका गया? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-10 | {भारत में निम्न में से किस कीट/रोगनाशी को रोका गया? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-10 | ||
पंक्ति 503: | पंक्ति 487: | ||
-मेटासिस्टॉक्स | -मेटासिस्टॉक्स | ||
-डिमेक्रान | -डिमेक्रान | ||
||मनुष्यों के लिए नुकसानदायक होने के कारण तथा कीटों द्वारा सहनशील होने के कारण सरकार डी.डी.टी. की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। | ||मनुष्यों के लिए नुकसानदायक होने के कारण तथा कीटों द्वारा सहनशील होने के कारण सरकार द्वारा डी.डी.टी. की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। | ||
{माया प्रजाति है (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-71 | {माया निम्न में से किसकी प्रजाति है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-71 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-आलू | -[[आलू]] | ||
-चना | -[[चना]] | ||
-मटर | -[[मटर]] | ||
+राई | +राई | ||
||'माया' राई की प्रजाति का नाम है। राई की अन्य किस्में इस प्रकार है-वरुणा, | ||'माया' राई की प्रजाति का नाम है। राई की अन्य किस्में इस प्रकार है- वरुणा, वरदान, शेखर, रोहिणी, वैभव, लाहा-101, पूजा जय किसान एवं क्रांति आदि। | ||
{श्वास रोग का कारक है खरपतवार- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-72 | {श्वास रोग का कारक है खरपतवार- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-72 | ||
पंक्ति 522: | पंक्ति 506: | ||
+गजरी | +गजरी | ||
-कृष्ण नील | -कृष्ण नील | ||
||पस्थेनियम (गजरी) खरपतवार द्वारा मनुष्यों में श्वास नामक रोग हो जाता है। इस घास को क्रांगेस भी कहा जाता है। | ||पस्थेनियम (गजरी) खरपतवार द्वारा मनुष्यों में श्वास नामक रोग हो जाता है। इस घास को क्रांगेस घास भी कहा जाता है। | ||
{कौन-सी फ़सल अधिकतम | {कौन-सी फ़सल अधिकतम [[नाइट्रोजन]] की मात्रा चाहती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-73 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+आलू | +[[आलू]] | ||
-गेहूँ | -[[गेहूँ]] | ||
-जौ | -[[जौ]] | ||
-गन्ना | -[[गन्ना]] | ||
||आलू की फ़सल अधिकतम नाइट्रोजन चाहने वाली है। एक हैक्टेयर आलू के उत्पादन के लिए लगभग 170-80 | ||[[आलू]] की फ़सल अधिकतम [[नाइट्रोजन]] चाहने वाली है। एक हैक्टेयर आलू के उत्पादन के लिए लगभग 170-80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 250 कि.ग्रा. [[फॉस्फोरस]] तथा 250 कि.ग्रा. [[पोटैशियम]] की आवश्यकता होती है। | ||
{भारत में धान की प्रथम विकसित बौनी प्रजाति है | {[[भारत]] में [[धान]] की प्रथम विकसित बौनी प्रजाति कौन सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-74 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+जया | +जया | ||
पंक्ति 538: | पंक्ति 522: | ||
-गोविन्द | -गोविन्द | ||
-नरेन्द्र-97 | -नरेन्द्र-97 | ||
||'जया' भारत की प्रथम धान की विकसित प्रजाति है जो वाइचुंग (नेटिव-1) x T-141 के क्रॉस से निकाली गयी है। | ||'जया' [[भारत]] की प्रथम धान की विकसित प्रजाति है जो वाइचुंग (नेटिव-1) x T-141 के क्रॉस से निकाली गयी है। | ||
{बौछारी सिंचाई उपयुक्त होती है | {बौछारी सिंचाई मृदा की किस संरचना के लिए उपयुक्त होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-75 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मटियार संरचना | -मटियार संरचना | ||
पंक्ति 548: | पंक्ति 532: | ||
||बौछारी सिंचाई ऊंची-नीची भूमियों में अधिक उपयुक्त होती है। | ||बौछारी सिंचाई ऊंची-नीची भूमियों में अधिक उपयुक्त होती है। | ||
{इन्डोसल्फान | {इन्डोसल्फान को निम्न में से क्या कहा जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-76 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-लिनडेन | -लिनडेन | ||
पंक्ति 554: | पंक्ति 538: | ||
-आल्ड्रीन | -आल्ड्रीन | ||
-बी.एच.सी. | -बी.एच.सी. | ||
||इन्डोसल्फान -थायोडन | ||इन्डोसल्फान - थायोडन; फॉस्फोमिडॉन - डायमेक्रान; फार्मोथियन - एन्थियो; फोरेटो - थिमेट। | ||
फार्मोथियन -एन्थियो | |||
फोरेटो - | |||
{निम्न में से कौन सर्वांगी विष है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-77 | {निम्न में से कौन सर्वांगी विष है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-77 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मेटासिस्टॉक्स | -मेटासिस्टॉक्स | ||
- | -फॉस्फोमिडॉन | ||
-फोरेट | -फोरेट | ||
+ये सभी | +ये सभी | ||
||सर्वांगी विष-1. श्राडान 2.डेमेटान, सिस्टाक्ट 3.मेटासिस्टॉक्स 4.डाइमेथियोन 5. | ||सर्वांगी विष- 1. श्राडान, 2. डेमेटान, सिस्टाक्ट, 3.मेटासिस्टॉक्स, 4.डाइमेथियोन, 5.फॉस्फोमिडॉन, 6.फोरेट, 7. फास ड्रिन, 8.थायो डेमेटान। | ||
{डी.डी.वी.पी. को | {डी.डी.वी.पी. को निम्न में से और क्या कहा जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-78 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+न्यूवान | +न्यूवान | ||
पंक्ति 575: | पंक्ति 556: | ||
||डी.डी.वी.पी. को न्यूवान कहा जाता है। यह एक टेन स्पर्श, आंतरिक और धुम्रक विष है। यह लगभग 10-15 मिनट में कीटों को मार देता है | ||डी.डी.वी.पी. को न्यूवान कहा जाता है। यह एक टेन स्पर्श, आंतरिक और धुम्रक विष है। यह लगभग 10-15 मिनट में कीटों को मार देता है | ||
{वाइटावेक्स से बीज शोधन की मुख्य नियंत्रण विधि है | {वाइटावेक्स से बीज शोधन की मुख्य नियंत्रण विधि कौन सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-79 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+अनावृत कंडुअ | +अनावृत कंडुअ | ||
पंक्ति 581: | पंक्ति 562: | ||
-तुलासिता | -तुलासिता | ||
-ये सभी | -ये सभी | ||
{जौ की आवृत कंडुआ बीमारी है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-80 | {जौ की आवृत कंडुआ बीमारी है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-80 | ||
पंक्ति 594: | पंक्ति 574: | ||
{नीलम | {नीलम निम्न में से किसकी प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-91 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-पपीता | -[[पपीता]] | ||
+आम | +[[आम]] | ||
-अंगूर | -[[अंगूर]] | ||
-सेब | -[[सेब]] | ||
||आम -नीलम | ||[[आम]] - नीलम, [[पपीता]] - सूर्या, [[अंगूर]] - अकी चित्रा, [[सेब]] -रेड डेलीसियम | ||
पपीता -सूर्या | |||
अंगूर -अकी चित्रा | |||
सेब -रेड डेलीसियम | |||
{मूँगफली की फ़सल में जब खूटियाँ (Pegs) मिट्टी में वृद्धि करती हैं, तो वे बनाती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-93 | {[[मूँगफली]] की फ़सल में जब खूटियाँ (Pegs) मिट्टी में वृद्धि करती हैं, तो वे क्या बनाती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-93 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जड़ें | -जड़ें | ||
पंक्ति 611: | पंक्ति 588: | ||
-कंद | -कंद | ||
+फलियाँ | +फलियाँ | ||
||शकरकंद -जड़ | ||[[शकरकंद]] -जड़, [[आलू]] -तना, अरवी -राइजोम तथा [[मूँगफली]] -फलियाँ। | ||
आलू -तना | |||
अरवी -राइजोम | |||
मूँगफली - | |||
{जूट की खेती वाले क्षेत्रों में उसकी जगह सामान्य वैकल्पिक फ़सल है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-92 | {[[जूट]] की खेती वाले क्षेत्रों में उसकी जगह सामान्य वैकल्पिक फ़सल है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-92 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-गन्ना | -[[गन्ना]] | ||
-गेहूँ | -[[गेहूँ]] | ||
-कपास | -[[कपास]] | ||
+धान | +[[धान]] | ||
||जूट की खेती वाले क्षेत्रों में उसकी जगह सामान्य वैकल्पिक फ़सल धान की होती है; क्योंकि जूट | ||[[जूट]] की खेती वाले क्षेत्रों में उसकी जगह सामान्य वैकल्पिक फ़सल [[धान]] की होती है; क्योंकि जूट की खेती ऐसे भागों में की जाती है जहाँ हर समय [[पानी]] भरा रहता है। | ||
{निम्नलिखित में से किसको आग में सुखाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-94 | {निम्नलिखित में से किसको [[आग]] में सुखाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-94 | ||
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+चबाने का तम्बाकू | +चबाने का तम्बाकू | ||
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-बीड़ी का तम्बाकू | -बीड़ी का तम्बाकू | ||
-हुक्के का तम्बाकू | -हुक्के का तम्बाकू | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सी दो फ़सलें भारत में दलहन उत्पादन का लगभग 75% भाग उपलब्ध कराती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-95 | {निम्नलिखित में से कौन-सी दो फ़सलें [[भारत]] में दलहन उत्पादन का लगभग 75% भाग उपलब्ध कराती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-95 | ||
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-चना और मूँग | -[[चना]] और मूँग | ||
+चना और अरहर | +[[चना]] और [[अरहर]] | ||
-मूँग और मसूर | -मूँग और मसूर | ||
-अरहर और मूँग | -[[अरहर]] और मूँग | ||
||विश्व में दलहन उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है। भारत में 75% भाग | ||विश्व में दलहन उत्पादन में [[भारत]] का प्रथम स्थान है। भारत में 75% भाग दलहन में [[चना]] और [[अरहर]] का है। | ||
{मूँगफली की खेती में किस संवर्धन को प्राथमिकता देनी चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-96 | {[[मूँगफली]] की खेती में किस संवर्धन को प्राथमिकता देनी चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-96 | ||
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+राइजोबियम | +राइजोबियम | ||
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||मूँगफली की खेती में राइजोबियम का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि राइजोबियम एक प्रकार का जीवाणुविक कल्चर होता है। | ||मूँगफली की खेती में राइजोबियम का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि राइजोबियम एक प्रकार का जीवाणुविक कल्चर होता है। | ||
{धान बीज के अंकुरण के लिए अनुकूलतम मुख्य तापमान बिंदु है | {[[धान]] बीज के अंकुरण के लिए अनुकूलतम मुख्य तापमान बिंदु क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-97 | ||
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+ | +20 <sup>°</sup>C-25 <sup>°</sup>C | ||
- | -18 <sup>°</sup>C-2 <sup>°</sup>C | ||
- | -37 <sup>°</sup>C-39 <sup>°</sup>C | ||
- | -30 <sup>°</sup>C-32 <sup>°</sup>C | ||
||धान के बीच के अंकुरण के लिए अनुकूलतम मुख्य तापमान | ||[[धान]] के बीच के अंकुरण के लिए अनुकूलतम मुख्य तापमान 20 <sup>°</sup>C-25 <sup>°</sup>C होता है। [[गेहूँ]] की बुआई के समय अनुकूलतम तापमान 5 <sup>°</sup>C-15 <sup>°</sup>C होता है। [[गेहूँ]] की बुआई के समय अनुकूलतम तापमान 5 <sup>°</sup>C-15 <sup>°</sup>C तक होना चाहिए। | ||
{गेहूँ के साथ मिश्रित खेती के लिए निम्नलिखित में से कौन उपयुक्त होगा? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-98 | {[[गेहूँ]] के साथ मिश्रित खेती के लिए निम्नलिखित में से कौन उपयुक्त होगा? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-98 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+सरसों | +सरसों | ||
-ज्वार | -ज्वार | ||
-कपास | -[[कपास]] | ||
- | -[[पत्तागोभी]] | ||
{धान में खैरा रोग की रोकथाम के लिए छिड़काव किया जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-99 | {[[धान]] में खैरा रोग की रोकथाम के लिए छिड़काव किया जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-99 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-बोरेक्स | -बोरेक्स | ||
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+जिंक सल्फेट | +जिंक सल्फेट | ||
-कैल्सियम सल्फेट | -कैल्सियम सल्फेट | ||
||धान की फ़सल में खैरा रोग जिंक की कमी से | ||[[धान]] की फ़सल में खैरा रोग [[जिंक]] की कमी से लगता है, इसमें पौधों की पत्तियाँ पीली होकर गिर जाती हैं। इसकी रोकथाम के लिए जिंक सल्फेट का प्रयोग किया जाता है। | ||
{राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एन.एस.आई.) स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-100 | {राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एन.एस.आई.) कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-100 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-लखनऊ | -[[लखनऊ]] | ||
-वाराणसी | -[[वाराणसी]] | ||
+कानपुर | +[[कानपुर]] | ||
-नई दिल्ली | -[[नई दिल्ली]] | ||
13:14, 25 अप्रैल 2017 का अवतरण
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