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'''गोल महल''' [[उदयपुर]], [[राजस्थान]] में स्थित है। यह उदयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। [[आगरा]] के प्रसिद्ध [[ताजमहल]] की निर्माण शैली को कुछ विद्वान इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं।
'''गोल महल''' [[उदयपुर]], [[राजस्थान]] में स्थित है। यह उदयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। [[आगरा]] के प्रसिद्ध [[ताजमहल]] की निर्माण शैली को कुछ विद्वान् इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं।
==इतिहास==
==इतिहास==
उदयपुर स्थित '[[जग मंदिर उदयपुर|जग मंदिर]]' के बाहर तालाब के किनारे पत्थर के हाथियों की एक पंक्ति बनी हुई है। एक गुंबदाकार छत वाला महल जग मंदिर के मुख्य स्थान पर है, जिसे गोल महल कहते हैं। शाहजादा ख़ुर्रम (बाद में बादशाह [[शाहजहाँ]]) अपने पिता [[जहाँगीर]] से विद्रोह कर कुछ समय के लिए यहीं गोल महल में रहा था। कुछ लोगों के अनुसार यह कहा गया है कि इस महल को [[महाराणा कर्णसिंह]] ने शाहजहाँ के लिए बनवाया था। लेकिन कुछ लोगों का यह भी मानना है कि जब शाहजादा ख़ुर्रम शाही फ़ौज का सेनापति बनकर [[उदयपुर]] में निवास कर रहा था, तब इस महल का निर्माण करवाया गया था।
उदयपुर स्थित '[[जग मंदिर उदयपुर|जग मंदिर]]' के बाहर तालाब के किनारे पत्थर के हाथियों की एक पंक्ति बनी हुई है। एक गुंबदाकार छत वाला महल जग मंदिर के मुख्य स्थान पर है, जिसे गोल महल कहते हैं। शाहजादा ख़ुर्रम (बाद में बादशाह [[शाहजहाँ]]) अपने पिता [[जहाँगीर]] से विद्रोह कर कुछ समय के लिए यहीं गोल महल में रहा था। कुछ लोगों के अनुसार यह कहा गया है कि इस महल को [[महाराणा कर्णसिंह]] ने शाहजहाँ के लिए बनवाया था। लेकिन कुछ लोगों का यह भी मानना है कि जब शाहजादा ख़ुर्रम शाही फ़ौज का सेनापति बनकर [[उदयपुर]] में निवास कर रहा था, तब इस महल का निर्माण करवाया गया था।
==वास्तुकला तथा निर्माण-योजना==
==वास्तुकला तथा निर्माण-योजना==
गोल महल की [[वास्तुकला]] तथा निर्माण-योजना मेवाड़ शैली से अलग है। [[आगरा]] के प्रसिद्ध [[ताजमहल]] की निर्माण शैली को कुछ विद्वान इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं। इसके गुम्बद में पत्थर की पच्चीकारी का काम है और महल के सामने एक विशाल चौक है, जिसके मध्य में एक बड़ा हौज़ बना हुआ है। महाराणा संग्रामसिंह द्वितीय ने बाद में अपने समय में इसमें कई दालान तथा अन्य हिस्सों का निर्माण करवाया था। एक बहुत बड़े बगीचे के निर्माण हो जाने से इस महल की ख़ूबसूरती और भी बढ़ गई है।
गोल महल की [[वास्तुकला]] तथा निर्माण-योजना मेवाड़ शैली से अलग है। [[आगरा]] के प्रसिद्ध [[ताजमहल]] की निर्माण शैली को कुछ विद्वान् इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं। इसके गुम्बद में पत्थर की पच्चीकारी का काम है और महल के सामने एक विशाल चौक है, जिसके मध्य में एक बड़ा हौज़ बना हुआ है। महाराणा संग्रामसिंह द्वितीय ने बाद में अपने समय में इसमें कई दालान तथा अन्य हिस्सों का निर्माण करवाया था। एक बहुत बड़े बगीचे के निर्माण हो जाने से इस महल की ख़ूबसूरती और भी बढ़ गई है।


गोल महल के पूर्व में संगमरमर की केवल बारह बड़ी-बड़ी शिलाओं से बना हुआ एक महल है। इसी महल में महाराणा स्वरुप सिंह ने सन [[1857]] में हुए [[सिपाही विद्रोह]] के समय नीमच के कई [[अंग्रेज़]] अफ़सरों को रहने के लिए आश्रय दिया था
गोल महल के पूर्व में संगमरमर की केवल बारह बड़ी-बड़ी शिलाओं से बना हुआ एक महल है। इसी महल में महाराणा स्वरुप सिंह ने सन [[1857]] में हुए [[सिपाही विद्रोह]] के समय नीमच के कई [[अंग्रेज़]] अफ़सरों को रहने के लिए आश्रय दिया था

14:42, 6 जुलाई 2017 का अवतरण

गोल महल उदयपुर, राजस्थान में स्थित है। यह उदयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। आगरा के प्रसिद्ध ताजमहल की निर्माण शैली को कुछ विद्वान् इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं।

इतिहास

उदयपुर स्थित 'जग मंदिर' के बाहर तालाब के किनारे पत्थर के हाथियों की एक पंक्ति बनी हुई है। एक गुंबदाकार छत वाला महल जग मंदिर के मुख्य स्थान पर है, जिसे गोल महल कहते हैं। शाहजादा ख़ुर्रम (बाद में बादशाह शाहजहाँ) अपने पिता जहाँगीर से विद्रोह कर कुछ समय के लिए यहीं गोल महल में रहा था। कुछ लोगों के अनुसार यह कहा गया है कि इस महल को महाराणा कर्णसिंह ने शाहजहाँ के लिए बनवाया था। लेकिन कुछ लोगों का यह भी मानना है कि जब शाहजादा ख़ुर्रम शाही फ़ौज का सेनापति बनकर उदयपुर में निवास कर रहा था, तब इस महल का निर्माण करवाया गया था।

वास्तुकला तथा निर्माण-योजना

गोल महल की वास्तुकला तथा निर्माण-योजना मेवाड़ शैली से अलग है। आगरा के प्रसिद्ध ताजमहल की निर्माण शैली को कुछ विद्वान् इस इमारत से ही प्रभावित मानते हैं। इसके गुम्बद में पत्थर की पच्चीकारी का काम है और महल के सामने एक विशाल चौक है, जिसके मध्य में एक बड़ा हौज़ बना हुआ है। महाराणा संग्रामसिंह द्वितीय ने बाद में अपने समय में इसमें कई दालान तथा अन्य हिस्सों का निर्माण करवाया था। एक बहुत बड़े बगीचे के निर्माण हो जाने से इस महल की ख़ूबसूरती और भी बढ़ गई है।

गोल महल के पूर्व में संगमरमर की केवल बारह बड़ी-बड़ी शिलाओं से बना हुआ एक महल है। इसी महल में महाराणा स्वरुप सिंह ने सन 1857 में हुए सिपाही विद्रोह के समय नीमच के कई अंग्रेज़ अफ़सरों को रहने के लिए आश्रय दिया था


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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