"अबू सिंबेल": अवतरणों में अंतर
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'''अबू सिंबेल''' या 'अबू सिंबल' या 'इप्संबुल' नूबिया | '''अबू सिंबेल''' या 'अबू सिंबल' या 'इप्संबुल' नूबिया के [[मिस्र]] के हिस्से में एक गाँव का नाम है। यह आसवान से लगभग 240 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम में और सूडान की सीमा के पास स्थित है। सन [[2012]] तक यहाँ की आबादी लगभग 2600 थी। यह गाँव [[अबू सिंबेल मंदिर|अबू सिंबल मंदिरों]] के स्थल के रूप में जाना जाता है, जिसे राजा रामेसेज़ द्वितीय ने बनवाया था। | ||
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07:37, 8 जनवरी 2020 का अवतरण
अबू सिंबेल या 'अबू सिंबल' या 'इप्संबुल' नूबिया के मिस्र के हिस्से में एक गाँव का नाम है। यह आसवान से लगभग 240 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम में और सूडान की सीमा के पास स्थित है। सन 2012 तक यहाँ की आबादी लगभग 2600 थी। यह गाँव अबू सिंबल मंदिरों के स्थल के रूप में जाना जाता है, जिसे राजा रामेसेज़ द्वितीय ने बनवाया था।
अबू सिंबेल मंदिर
ईजिप्ट पूरी दुनिया में अपने पिरामिड, ममी और फराओं के लिए मशहूर है। लगभग 5000 साल पुरानी मिस्र की सभ्यता के इतिहास में कई ऐसे राज छुपे हैं जो वैज्ञानिकों के लिए आज भी शोध का विषय बने हुए हैं। उन्हीं में से एक है- 'अबु सिंबल'। ये ईजिप्ट के दो प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें 1300 ईसापूर्व में फैरो रामेसेस द्वितीय ने बनवाया था।[1] अबू सिंबेल का मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है, जिसे 'न्यूबियन स्मारक' कहा जाता है, जो अबू सिम्बल डाउन्रिवर से फिलए (असवान के नजदीक) तक चलता है। जुड़वां मंदिर मूल रूप से 13वीं शताब्दी ईसा पूर्व में पहाड़ के मैदान से बनाये गये थे, जो फिरौन रामेसेज़ द्वितीय के 19वीं राजवंश शासन के दौरान थे।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अबु सिंबल: ‘इस मंदिर’ के लिए एकजुट हो गया था पूरा विश्व (हिंदी) roar.media। अभिगमन तिथि: 8 जनवरी, 2020।
- ↑ अबू सिम्बल (हिंदी) mimirbook। अभिगमन तिथि: 8 जनवरी, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
- अबू सिम्बल
- दुनिया के सूर्य मंदिर: भारत ही नहीं चीन और मिस्र में भी होती है सूर्य उपासना
- अबू सिंबल के भूमिगत मंदिर का मुखौटा
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