"भारत का संविधान": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{भारत विषय सूची}} | {{भारत विषय सूची}} | ||
'''भारत का संविधान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Constitution of India'') [[भारत]] का सर्वोच्च विधान है, जो [[संविधान सभा]] द्वारा [[26 नवम्बर]], [[1949]] को पारित हुआ तथा [[26 जनवरी]], [[1950]] से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है, जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में [[गणतन्त्र दिवस]] के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। संविधान के उद्देश्यों को प्रकट करने हेतु प्राय: उनसे पहले एक प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है। प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है, इसी कारण यह 'हम भारत के लोग' - इस वाक्य से प्रारम्भ होती है। | '''भारत का संविधान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Constitution of India'') [[भारत]] का सर्वोच्च विधान है, जो [[संविधान सभा]] द्वारा [[26 नवम्बर]], [[1949]] को पारित हुआ तथा [[26 जनवरी]], [[1950]] से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है, जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में [[गणतन्त्र दिवस]] के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। संविधान के उद्देश्यों को प्रकट करने हेतु प्राय: उनसे पहले एक प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है। प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है, इसी कारण यह 'हम भारत के लोग' - इस वाक्य से प्रारम्भ होती है। | ||
==भारत (राज्यों का संघ)== | |||
[[भारत]] अथवा 'इण्डिया' राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है, जिसे [[संविधान सभा]] द्वारा [[26 नवम्बर]], [[1949]] को ग्रहण किया गया तथा जो [[26 जनवरी]], [[1950]] को प्रवृत्त हुआ। | |||
==संसदीय स्वरूप== | |||
संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है, जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय हो। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख [[राष्ट्रपति]] है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय [[संसद]] की परिषद में [[राष्ट्रपति]] तथा दो सदन हैं जिन्हें राज्यों की परिषद ([[राज्य सभा]]) तथा लोगों का सदन ([[लोक सभा]]) के नाम से जाना जाता है। | |||
संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी, जिसका प्रमुख [[प्रधानमंत्री]] होगा। राष्ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है। | |||
मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक [[विधान सभा]] है। कुछ राज्यों में एक ऊपरी सदन है जिसे राज्य विधान परिषद कहा जाता है। [[राज्यपाल]] राज्य का प्रमुख है। प्रत्येक [[राज्य]] का एक [[राज्यपाल]] होगा तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख | |||
संविधान में संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टियों की सूचियों के अनुसार संसद तथा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्य क्षेत्र कहा जाता है। | मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक [[विधान सभा]] है। कुछ राज्यों में एक ऊपरी सदन है, जिसे राज्य विधान परिषद कहा जाता है। [[राज्यपाल]] राज्य का प्रमुख है। प्रत्येक [[राज्य]] का एक [[राज्यपाल]] होगा तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख [[मुख्यमंत्री]] है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज्य की मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है। | ||
==विधायी शक्तियाँ== | |||
संविधान में संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टियों की सूचियों के अनुसार [[संसद]] तथा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्य क्षेत्र कहा जाता है। | |||
<div style="width:400px; background:#ffecd0; border:1px solid #50818b; padding:10px; border-radius:10px;"> | <div style="width:400px; background:#ffecd0; border:1px solid #50818b; padding:10px; border-radius:10px;"> | ||
;[[भारत का संविधान- उद्देशिका|भारत का संविधान:आमुख]] | ;[[भारत का संविधान- उद्देशिका|भारत का संविधान:आमुख]] | ||
पंक्ति 77: | पंक्ति 83: | ||
* [[भारत का संविधान- अनुक्रमणिका|अनुक्रमणिका]] | * [[भारत का संविधान- अनुक्रमणिका|अनुक्रमणिका]] | ||
</div> | </div> | ||
==विशेष तथ्य वीथिका== | |||
<gallery> | |||
चित्र:Constitution-of-India-1.jpg|घिस गई 432 निब | |||
चित्र:Constitution-of-India-2.jpg|प्रेमबिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखा | |||
चित्र:Constitution-of-India-3.jpg|हर पन्ने पर प्रेमबिहारी नारायण रायजादा का नाम | |||
चित्र:Constitution-of-India-4.jpg|'संविधान क्लब' बना कमरा | |||
चित्र:Constitution-of-India-5.jpg|मूल प्रति का भार 13 कि.ग्रा. | |||
चित्र:Constitution-of-India-6.png|वसंत कृष्ण वैद्य ने लिखी [[हिंदी]] प्रति | |||
चित्र:Constitution-of-India-7.jpg|[[1985]] से बचाने की कवायद | |||
चित्र:Constitution-of-India-8.jpg|लेनी पड़ी अमेरिकी कम्पनी की मदद | |||
चित्र:Constitution-of-India-9.jpg|नाइट्रोजन चैम्बर में रखी गई मूल प्रतियाँ | |||
चित्र:Constitution-of-India-10.jpg|[[राष्ट्रपति]] का भी अलग ध्वज | |||
चित्र:Constitution-of-India-11.jpg|[[राजेन्द्र प्रसाद]] के तिरछे हस्ताक्षर | |||
चित्र:Constitution-of-India-12.jpg|10 देशों का विधान | |||
चित्र:Constitution-of-India-13.jpg|हमारे मौलिक अधिकार | |||
चित्र:Constitution-of-India-14.jpg|[[संसद]] में बहुमत की सरकार | |||
चित्र:Constitution-of-India-15.jpg|राज्यों से ज़्यादा मजबूत केंद्र | |||
चित्र:Constitution-of-India-16.jpg|राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व | |||
चित्र:Constitution-of-India-17.png|स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे का विचार | |||
चित्र:Constitution-of-India-18.jpg|मूल कर्तव्य | |||
चित्र:Constitution-of-India-19.jpg|केंद्र की आपातकालीन शक्तियाँ | |||
</gallery> | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
08:46, 27 जनवरी 2021 का अवतरण
भारत का संविधान (अंग्रेज़ी: Constitution of India) भारत का सर्वोच्च विधान है, जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है, जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। संविधान के उद्देश्यों को प्रकट करने हेतु प्राय: उनसे पहले एक प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है। प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है, इसी कारण यह 'हम भारत के लोग' - इस वाक्य से प्रारम्भ होती है।
भारत (राज्यों का संघ)
भारत अथवा 'इण्डिया' राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है, जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी, 1950 को प्रवृत्त हुआ।
संसदीय स्वरूप
संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है, जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय हो। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद में राष्ट्रपति तथा दो सदन हैं जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्य सभा) तथा लोगों का सदन (लोक सभा) के नाम से जाना जाता है।
संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा। राष्ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है।
मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक विधान सभा है। कुछ राज्यों में एक ऊपरी सदन है, जिसे राज्य विधान परिषद कहा जाता है। राज्यपाल राज्य का प्रमुख है। प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज्य की मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।
विधायी शक्तियाँ
संविधान में संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टियों की सूचियों के अनुसार संसद तथा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्य क्षेत्र कहा जाता है।
- भाग I: संघ और उसके क्षेत्र
- भाग II: नागरिकता
- भाग III: मूलभूत अधिकार
- भाग IV: राज्य के नीति निर्देशक तत्व
- भाग IV क : मूल कर्तव्य
- भाग V: संघ
- भाग VI: राज्य
- भाग VII: प्रथम अनुसूची के भाग ख में राज्य
- भाग VIII: संघ राज्य क्षेत्र
- भाग XI: पंचायत
- भाग IXA: नगरपालिकाएं
- भाग X: अनुसूचित जनजाति क्षेत्र
- भाग XI: संघ और राज्यों के बीच संबंध
- भाग XII: वित्त, सम्पत्ति, संविदाएं और वाद
- भाग XIII: भारत के राज्य क्षेत्र के अंदर व्यापार, वाणिज्य और समागम
- भाग XIV: संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
- भाग XIV क: अधिकरण
- भाग XV: निर्वाचन
- भाग XVI: कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध
- भाग XVII: राजभाषा
- भाग XVIII: आपात उपबंध
- भाग XIX: प्रकीर्ण
- भाग XX: संविधान के संशोधन
- भाग XXI: अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध
- भाग XXII: संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन
- अनुसूचियाँ
- परिशिष्ट
- अनुक्रमणिका
विशेष तथ्य वीथिका
-
घिस गई 432 निब
-
प्रेमबिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखा
-
हर पन्ने पर प्रेमबिहारी नारायण रायजादा का नाम
-
'संविधान क्लब' बना कमरा
-
मूल प्रति का भार 13 कि.ग्रा.
-
वसंत कृष्ण वैद्य ने लिखी हिंदी प्रति
-
1985 से बचाने की कवायद
-
लेनी पड़ी अमेरिकी कम्पनी की मदद
-
नाइट्रोजन चैम्बर में रखी गई मूल प्रतियाँ
-
राष्ट्रपति का भी अलग ध्वज
-
राजेन्द्र प्रसाद के तिरछे हस्ताक्षर
-
10 देशों का विधान
-
हमारे मौलिक अधिकार
-
संसद में बहुमत की सरकार
-
राज्यों से ज़्यादा मजबूत केंद्र
-
राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व
-
स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे का विचार
-
मूल कर्तव्य
-
केंद्र की आपातकालीन शक्तियाँ
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख