"भारत का संविधान": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
[[भारत]] अथवा 'इण्डिया' राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है, जिसे [[संविधान सभा]] द्वारा [[26 नवम्बर]], [[1949]] को ग्रहण किया गया तथा जो [[26 जनवरी]], [[1950]] को प्रवृत्त हुआ। | [[भारत]] अथवा 'इण्डिया' राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है, जिसे [[संविधान सभा]] द्वारा [[26 नवम्बर]], [[1949]] को ग्रहण किया गया तथा जो [[26 जनवरी]], [[1950]] को प्रवृत्त हुआ। | ||
==संसदीय स्वरूप== | ==संसदीय स्वरूप== | ||
<div style="width:400px; background:#ffecd0; border:1px solid #50818b; padding:10px; float:right; border-radius:10px;"> | |||
<div style="width:400px; background:#ffecd0; border:1px solid #50818b; padding:10px; border-radius:10px;"> | |||
;[[भारत का संविधान- उद्देशिका|भारत का संविधान:आमुख]] | ;[[भारत का संविधान- उद्देशिका|भारत का संविधान:आमुख]] | ||
* [[भारत का संविधान- संघ और उसके क्षेत्र|भाग I: संघ और उसके क्षेत्र]] | * [[भारत का संविधान- संघ और उसके क्षेत्र|भाग I: संघ और उसके क्षेत्र]] | ||
पंक्ति 83: | पंक्ति 76: | ||
* [[भारत का संविधान- अनुक्रमणिका|अनुक्रमणिका]] | * [[भारत का संविधान- अनुक्रमणिका|अनुक्रमणिका]] | ||
</div> | </div> | ||
संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है, जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय हो। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख [[राष्ट्रपति]] है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय [[संसद]] की परिषद में [[राष्ट्रपति]] तथा दो सदन हैं जिन्हें राज्यों की परिषद ([[राज्य सभा]]) तथा लोगों का सदन ([[लोक सभा]]) के नाम से जाना जाता है। | |||
संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी, जिसका प्रमुख [[प्रधानमंत्री]] होगा। राष्ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है। | |||
मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक [[विधान सभा]] है। कुछ राज्यों में एक ऊपरी सदन है, जिसे राज्य विधान परिषद कहा जाता है। [[राज्यपाल]] राज्य का प्रमुख है। प्रत्येक [[राज्य]] का एक [[राज्यपाल]] होगा तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख [[मुख्यमंत्री]] है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज्य की मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है। | |||
==विधायी शक्तियाँ== | |||
संविधान में संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टियों की सूचियों के अनुसार [[संसद]] तथा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्य क्षेत्र कहा जाता है। | |||
==संविधान और चित्र== | |||
काल की छाती पर पैर रखकर [[नृत्य]] करते नटराज, [[अयोध्या]] लौटते [[राम]]-[[सीता]] और [[लक्ष्मण]], [[कुरुक्षेत्र]] में [[अर्जुन]] को '[[गीता]]' का उपदेश देते [[कृष्ण]] और [[गंगा]] का धरती पर अवतरण। शांति का उपदेश देते [[बुद्ध]] और [[यज्ञ]] कराते वैदिक [[ऋषि]] की यज्ञशाला। ये सभी चित्र हमारे संविधान की मूल कॉपी यानी [[अंग्रेज़ी]] [[पांडुलिपि]] में हैं। [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] के कहने पर [[शांति निकेतन]] के प्रसिद्ध चित्रकार [[नंदलाल बोस]] ने अपने छात्रों के साथ चार साल में 22 चित्रों और बॉर्डर से संविधान सजाया। उन्हें 21 हज़ार रुपए का मेहनताना दिया गया। | |||
संविधान के कवर को [[अजंता]] की भित्तिचित्र शैली (दीवारों पर बने चित्र) से सजाया गया है। शुरुआत [[अशोक]] के चिह्न से की गई है। अगले पन्ने पर प्रस्तावना या उद्देशिका है। सुनहरे बॉर्डर से घिरी प्रस्तावना में घोड़ा, [[शेर]], [[हाथी]] और बैल के चित्र बने हैं। चित्रों में देश की भौगोलिक विविधता को भी दर्शाया गया है। इनके चलते भारतीय संविधान को '''रिपब्लिक ऑफ आर्ट''' भी कहा जाता है। इन चित्रों पर [[संविधान सभा]] में बहस भी हुई। दरअसल, कई सदस्यों ने सवाल उठाया कि संविधान में अगर राम, सीता, कृष्ण, [[हनुमान]], बुद्ध, [[महावीर]], [[गुरु गोबिंद सिंह]] जैसे चित्र होंगे तो वह पंथनिरपेक्ष कैसे? इस पर सदस्यों के बीच बहस हुई और आखिर वोटिंग से तय हुआ कि संविधान में लिखे शब्द ही संविधान का हिस्सा होंगे, चित्र नहीं।<ref>{{cite web |url=https://www.bhaskar.com/national/news/constitution-of-india-hindi-english-copy-with-illustration-images-rani-laxmibai-to-mahatma-gandhi-dandi-march-128135834.html |title=चित्रों वाला दुनिया का अकेला संविधान|accessmonthday=27 जनवरी|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format=bhaskar.com |publisher= |language=हिंदी}}</ref> | |||
==अशोक लाट से शुरुआत== | |||
[[चित्र:Constitution-of-India-20.jpg|thumb|left|250px|संविधान में [[अशोक चिह्न]]]] | |||
संविधान की मूल अंग्रेज़ी कॉपी के कवर को सुनहरे रंग के शतदल [[कमल]] और अन्य फूलों से सजाया गया है। यह अजंता की भित्ति चित्र शैली है। इसके बीचों-बीच 'CONSTITUTION OF INDIA' लिखा है। [[भारत]] के राजकीय प्रतीक [[अशोक चिह्न]] से संविधान शुरू होता है। राजकीय प्रतीक को [[सारनाथ]] में मिले [[अशोक स्तंभ]] से लिया गया है। मूल रूप से इसमें चार शेर हैं, जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं, लेकिन तीन ही दिखाई देते हैं। इसके नीचे एक गोल आधार है, जिस पर [[हाथी]], घोड़ा, एक सांड, एक सिंह और एक चक्र बना है। | |||
==विशेष तथ्य वीथिका== | ==विशेष तथ्य वीथिका== | ||
<gallery> | <gallery> |
09:50, 27 जनवरी 2021 का अवतरण
भारत का संविधान (अंग्रेज़ी: Constitution of India) भारत का सर्वोच्च विधान है, जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है, जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। संविधान के उद्देश्यों को प्रकट करने हेतु प्राय: उनसे पहले एक प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है। प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है, इसी कारण यह 'हम भारत के लोग' - इस वाक्य से प्रारम्भ होती है।
भारत (राज्यों का संघ)
भारत अथवा 'इण्डिया' राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है, जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी, 1950 को प्रवृत्त हुआ।
संसदीय स्वरूप
- भाग I: संघ और उसके क्षेत्र
- भाग II: नागरिकता
- भाग III: मूलभूत अधिकार
- भाग IV: राज्य के नीति निर्देशक तत्व
- भाग IV क : मूल कर्तव्य
- भाग V: संघ
- भाग VI: राज्य
- भाग VII: प्रथम अनुसूची के भाग ख में राज्य
- भाग VIII: संघ राज्य क्षेत्र
- भाग XI: पंचायत
- भाग IXA: नगरपालिकाएं
- भाग X: अनुसूचित जनजाति क्षेत्र
- भाग XI: संघ और राज्यों के बीच संबंध
- भाग XII: वित्त, सम्पत्ति, संविदाएं और वाद
- भाग XIII: भारत के राज्य क्षेत्र के अंदर व्यापार, वाणिज्य और समागम
- भाग XIV: संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
- भाग XIV क: अधिकरण
- भाग XV: निर्वाचन
- भाग XVI: कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध
- भाग XVII: राजभाषा
- भाग XVIII: आपात उपबंध
- भाग XIX: प्रकीर्ण
- भाग XX: संविधान के संशोधन
- भाग XXI: अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध
- भाग XXII: संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन
- अनुसूचियाँ
- परिशिष्ट
- अनुक्रमणिका
संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है, जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय हो। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद में राष्ट्रपति तथा दो सदन हैं जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्य सभा) तथा लोगों का सदन (लोक सभा) के नाम से जाना जाता है।
संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा। राष्ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है।
मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक विधान सभा है। कुछ राज्यों में एक ऊपरी सदन है, जिसे राज्य विधान परिषद कहा जाता है। राज्यपाल राज्य का प्रमुख है। प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज्य की मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।
विधायी शक्तियाँ
संविधान में संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टियों की सूचियों के अनुसार संसद तथा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्य क्षेत्र कहा जाता है।
संविधान और चित्र
काल की छाती पर पैर रखकर नृत्य करते नटराज, अयोध्या लौटते राम-सीता और लक्ष्मण, कुरुक्षेत्र में अर्जुन को 'गीता' का उपदेश देते कृष्ण और गंगा का धरती पर अवतरण। शांति का उपदेश देते बुद्ध और यज्ञ कराते वैदिक ऋषि की यज्ञशाला। ये सभी चित्र हमारे संविधान की मूल कॉपी यानी अंग्रेज़ी पांडुलिपि में हैं। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कहने पर शांति निकेतन के प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस ने अपने छात्रों के साथ चार साल में 22 चित्रों और बॉर्डर से संविधान सजाया। उन्हें 21 हज़ार रुपए का मेहनताना दिया गया।
संविधान के कवर को अजंता की भित्तिचित्र शैली (दीवारों पर बने चित्र) से सजाया गया है। शुरुआत अशोक के चिह्न से की गई है। अगले पन्ने पर प्रस्तावना या उद्देशिका है। सुनहरे बॉर्डर से घिरी प्रस्तावना में घोड़ा, शेर, हाथी और बैल के चित्र बने हैं। चित्रों में देश की भौगोलिक विविधता को भी दर्शाया गया है। इनके चलते भारतीय संविधान को रिपब्लिक ऑफ आर्ट भी कहा जाता है। इन चित्रों पर संविधान सभा में बहस भी हुई। दरअसल, कई सदस्यों ने सवाल उठाया कि संविधान में अगर राम, सीता, कृष्ण, हनुमान, बुद्ध, महावीर, गुरु गोबिंद सिंह जैसे चित्र होंगे तो वह पंथनिरपेक्ष कैसे? इस पर सदस्यों के बीच बहस हुई और आखिर वोटिंग से तय हुआ कि संविधान में लिखे शब्द ही संविधान का हिस्सा होंगे, चित्र नहीं।[1]
अशोक लाट से शुरुआत
संविधान की मूल अंग्रेज़ी कॉपी के कवर को सुनहरे रंग के शतदल कमल और अन्य फूलों से सजाया गया है। यह अजंता की भित्ति चित्र शैली है। इसके बीचों-बीच 'CONSTITUTION OF INDIA' लिखा है। भारत के राजकीय प्रतीक अशोक चिह्न से संविधान शुरू होता है। राजकीय प्रतीक को सारनाथ में मिले अशोक स्तंभ से लिया गया है। मूल रूप से इसमें चार शेर हैं, जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं, लेकिन तीन ही दिखाई देते हैं। इसके नीचे एक गोल आधार है, जिस पर हाथी, घोड़ा, एक सांड, एक सिंह और एक चक्र बना है।
विशेष तथ्य वीथिका
-
घिस गई 432 निब
-
प्रेमबिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखा
-
हर पन्ने पर प्रेमबिहारी नारायण रायजादा का नाम
-
'संविधान क्लब' बना कमरा
-
मूल प्रति का भार 13 कि.ग्रा.
-
वसंत कृष्ण वैद्य ने लिखी हिंदी प्रति
-
1985 से बचाने की कवायद
-
लेनी पड़ी अमेरिकी कम्पनी की मदद
-
नाइट्रोजन चैम्बर में रखी गई मूल प्रतियाँ
-
राष्ट्रपति का भी अलग ध्वज
-
राजेन्द्र प्रसाद के तिरछे हस्ताक्षर
-
10 देशों का विधान
-
हमारे मौलिक अधिकार
-
संसद में बहुमत की सरकार
-
राज्यों से ज़्यादा मजबूत केंद्र
-
राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व
-
स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे का विचार
-
मूल कर्तव्य
-
केंद्र की आपातकालीन शक्तियाँ
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ चित्रों वाला दुनिया का अकेला संविधान (हिंदी) (bhaskar.com)। । अभिगमन तिथि: 27 जनवरी, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख