"मुत्तंगा वन्यजीव अभयारण्य": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Muthanga-Wildlife-Sanctuary.jpg|thumb|250px|मुत्तंगा वन्यजीव अभयारण्य]]
'''मुत्तंगा वन्यजीव अभयारण्य''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Muthanga Wildlife Sanctuary'') भारतीय राज्य [[केरल]] के पर्यटन स्थलों में से एक है। वर्ष [[1973]] में स्थापित यह वन्यजीव अभयारण्य उत्तर-पूर्व में [[कर्नाटक]] के [[नागरहोले]] और बंडीपुर तथा दक्षिण-पूर्व में [[तमिलनाडु]] के मुदुमलाई के संरक्षित वन्य जीव क्षेत्रों से घिरा है।  
'''मुत्तंगा वन्यजीव अभयारण्य''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Muthanga Wildlife Sanctuary'') भारतीय राज्य [[केरल]] के पर्यटन स्थलों में से एक है। वर्ष [[1973]] में स्थापित यह वन्यजीव अभयारण्य उत्तर-पूर्व में [[कर्नाटक]] के [[नागरहोले]] और बंडीपुर तथा दक्षिण-पूर्व में [[तमिलनाडु]] के मुदुमलाई के संरक्षित वन्य जीव क्षेत्रों से घिरा है।  
==जैव विविधता==
==जैव विविधता==

07:27, 24 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण

मुत्तंगा वन्यजीव अभयारण्य

मुत्तंगा वन्यजीव अभयारण्य (अंग्रेज़ी: Muthanga Wildlife Sanctuary) भारतीय राज्य केरल के पर्यटन स्थलों में से एक है। वर्ष 1973 में स्थापित यह वन्यजीव अभयारण्य उत्तर-पूर्व में कर्नाटक के नागरहोले और बंडीपुर तथा दक्षिण-पूर्व में तमिलनाडु के मुदुमलाई के संरक्षित वन्य जीव क्षेत्रों से घिरा है।

जैव विविधता

जैव-विविधताओं से भरपूर यह वन्य-जीव अभयारण्य नीलगिरि बायोस्फेयर रिजर्व का एक अभिन्न हिस्सा है। यहां का प्रबंधन इस वन्य क्षेत्र में तथा इसके आस-पास निवास करने वाली जनजातियों तथा अन्य लोगों की सामान्य जीवन-शैली में फेर-बदल किए बगैर वैज्ञानिक संरक्षण पर जोर डालता है। इस अभयारण्य में पैकिडर्मों (मोटी खाल के साथ बहुत बड़े स्तनपायी) की बड़ी तादाद पाई जाती है, और इसलिए इसे हाथी परियोजना वाले स्थल के रूप में घोषित किया गया है।[1]

जीव-जंतु

यहां स्वच्छंद रूप से विचरण करते हाथियों के झुंड दिखाई पड़ जाएंगे और कभी-कभी तो बाघों का भी दीदार हो सकता है। इस क्षेत्र में हिरण, बंदर और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इस आरक्षित वन्य क्षेत्र में कई प्रकार की चिड़ियां, तितलियां तथा कीट भी दिखाई पड़ते हैं। यहां पाए जाने वाले वृक्ष तथा वनस्पतियां खास तौर से दक्षिण भारतीय आर्द्र पर्णपाती तथा अर्ध-सदाबहार वनों वाले हैं। मुत्तंगा से सड़क मार्ग से ड्राइव करने के दौरान कई सारे जीव-जंतु विचरण करते दिखाई पड़ जाते हैं। वन विभाग द्वारा यहां हाथियों की सवारी भी करवाई जाती है।

अवस्थिति

कैसे पहुँचें

  • यहां पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन कोष़िक्कोड, सुल्तान बत्तेरी से सड़क द्वारा लगभग 97 कि.मी. की दूरी पर हैं।
  • नजदीकी एयरपोर्ट कालिकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कोष़िक्कोड, सुल्तान बत्तेरी से लगभग 120 कि.मी. की दूरी पर हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मुत्तंगा वन्यजीव अभयारण्य (हिंदी) keralatourism.org। अभिगमन तिथि: 24 नवंबर, 2021।

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