"उदयपुर पर्यटन": अवतरणों में अंतर

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[[राजस्थान]], [[उदयपुर]], उत्तरी [[भारत]] का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल माना जाता है। उदयपुर को झीलों का शहर भी कहते हैं। पर्यटकों के आकर्षण के लिए यहाँ बहुत कुछ है। झीलों के साथ [[रेगिस्तान]] का अनोखा संगम अन्‍य कहीं देखने को नहीं मिलता है। यह शहर अरावली पहाड़ी के पास राजस्थान में स्थित है। यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल यहाँ के शासकों द्वारा बनवाये गए महल, झीलें, बगीचे तथा स्‍मारक हैं। ये सभी चीजें हमें सिसोदिया राजपूत शासकों के सदगुण, विजय तथा स्‍वतंत्रता की याद दिलाते हैं। इनका निर्माण उस समय हुआ जब [[मेवाड़]] ने पहली बार [[मुग़ल|मुग़लों]] की अधीनता स्‍वीक‍ार की थी तथा बाद में अंग्रेज़ों की। आपको उदयपुर घूमने के लिए कम-से-कम तीन दिन का समय देना चाहिए। इसके आसपास के स्‍थानों को घूमने के लिए दो और दिन देने चाहिए।   
[[राजस्थान]], [[उदयपुर]], उत्तरी [[भारत]] का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल माना जाता है। उदयपुर को झीलों का शहर भी कहते हैं। पर्यटकों के आकर्षण के लिए यहाँ बहुत कुछ है। झीलों के साथ [[रेगिस्तान]] का अनोखा संगम अन्‍य कहीं देखने को नहीं मिलता है। यह शहर अरावली पहाड़ी के पास राजस्थान में स्थित है। यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल यहाँ के शासकों द्वारा बनवाये गए महल, झीलें, बगीचे तथा स्‍मारक हैं। ये सभी चीजें हमें सिसोदिया राजपूत शासकों के सदगुण, विजय तथा स्‍वतंत्रता की याद दिलाते हैं। इनका निर्माण उस समय हुआ जब [[मेवाड़]] ने पहली बार [[मुग़ल|मुग़लों]] की अधीनता स्‍वीक‍ार की थी तथा बाद में अंग्रेज़ों की। आपको उदयपुर घूमने के लिए कम-से-कम तीन दिन का समय देना चाहिए। इसके आसपास के स्‍थानों को घूमने के लिए दो और दिन देने चाहिए।   
==पर्यटन स्थल==
==पर्यटन स्थल==
====सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स====
====<u>सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स</u>====
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{{main|सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स उदयपुर}}
सिटी पैलेस काम्पलेक्स [[पिछोला झील]] पर स्थित है। महाराणा उदय सिंह द्वारा इस महल का निर्माण आरंभ किया गया था किन्‍तु आगे आने वाले महाराणाओं ने इस संकुल में कई महल और संरचनाओं को जोड़ा, इस पैलेस में संकल्‍पना की एक रूपता को बनाए रखा है। महल में प्रवेश करने का स्थान हाथी पोल की ओर से है। बड़ी पोल या बड़ा गेट त्रिपोलिया अर्थात तीन प्रवेश द्वारों में से एक है। एक समय में यह रिवाज था कि महाराणा इस प्रवेश द्वार के नीचे सोने और चाँदी से तौले जाते थे और फिर यह गरीबों में बाँट दिया जाता था।
सिटी पैलेस काम्पलेक्स [[पिछोला झील]] पर स्थित है। महाराणा उदय सिंह द्वारा इस महल का निर्माण आरंभ किया गया था किन्‍तु आगे आने वाले महाराणाओं ने इस संकुल में कई महल और संरचनाओं को जोड़ा, इस पैलेस में संकल्‍पना की एक रूपता को बनाए रखा है। महल में प्रवेश करने का स्थान हाथी पोल की ओर से है। बड़ी पोल या बड़ा गेट त्रिपोलिया अर्थात तीन प्रवेश द्वारों में से एक है। एक समय में यह रिवाज था कि महाराणा इस प्रवेश द्वार के नीचे सोने और चाँदी से तौले जाते थे और फिर यह गरीबों में बाँट दिया जाता था।
====सिटी पैलेस संग्रहालय====
====<u>सिटी पैलेस संग्रहालय</u>====
{{main|सिटी पैलेस संग्रहालय उदयपुर}}
{{main|सिटी पैलेस संग्रहालय उदयपुर}}
*सिटी पैलेस महल का मुख्‍य हिस्‍सा अब एक संग्रहालय के रूप में सं‍रक्षित कर दिया गया है।  
*सिटी पैलेस महल का मुख्‍य हिस्‍सा अब एक संग्रहालय के रूप में सं‍रक्षित कर दिया गया है।  
*यह संग्रहालय कलात्‍मक वस्‍तुओं का एक बड़ा और विविध संग्रह प्रदर्शित करता है।
*यह संग्रहालय कलात्‍मक वस्‍तुओं का एक बड़ा और विविध संग्रह प्रदर्शित करता है।
====सरकारी संग्रहालय====
====<u>सरकारी संग्रहालय</u>====
{{main|सरकारी संग्रहालय उदयपुर}}
{{main|सरकारी संग्रहालय उदयपुर}}
*उदयपुर के सरकारी संग्रहालय में [[मेवाड़]] से संबंधित शिलालेख रखे हुए हैं।  
*उदयपुर के सरकारी संग्रहालय में [[मेवाड़]] से संबंधित शिलालेख रखे हुए हैं।  
*ये शिलालेख दूसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व से 19वीं शताब्‍दी तक हैं।  
*ये शिलालेख दूसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व से 19वीं शताब्‍दी तक हैं।  
====काँच गैलरी====
====<u>काँच गैलरी</u>====
{{main|काँच गैलरी उदयपुर}}
{{main|काँच गैलरी उदयपुर}}
*उदयपुर की काँच गैलेरी धन के अपव्‍यय को दर्शाती है।
*उदयपुर की काँच गैलेरी धन के अपव्‍यय को दर्शाती है।
*उदयपुर के [[राणा सज्‍जन सिंह]] ने [[1877]] ई. में [[इंग्‍लैण्‍ड]] की एफ. एंड. सी. ओसलर एण्‍ड कंपनी से काँच के सामानों की ख़रीददारी की थी।
*उदयपुर के [[राणा सज्‍जन सिंह]] ने [[1877]] ई. में [[इंग्‍लैण्‍ड]] की एफ. एंड. सी. ओसलर एण्‍ड कंपनी से काँच के सामानों की ख़रीददारी की थी।
====विंटेज कार सिटी पैलेस====
====<u>विंटेज कार सिटी पैलेस</u>====
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{{main|विंटेज कार सिटी पैलेस उदयपुर}}
*उदयपुर में विंटेज कार सिटी पैलेस है।  
*उदयपुर में विंटेज कार सिटी पैलेस है।  
*विंटेज कार सिटी पैलेस परिसर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
*विंटेज कार सिटी पैलेस परिसर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
[[चित्र:Ranakpur-Jain-Temple-Udaipur.jpg|thumb|400px|[[रणकपुर जैन मंदिर उदयपुर|रणकपुर जैन मंदिर]], उदयपुर<br />Ranakpur Jain Temple, Udaipur]]
[[चित्र:Ranakpur-Jain-Temple-Udaipur.jpg|thumb|400px|[[रणकपुर जैन मंदिर उदयपुर|रणकपुर जैन मंदिर]], उदयपुर<br />Ranakpur Jain Temple, Udaipur]]
====बगोर की हवेली====
====<u>बगोर की हवेली</u>====
{{main|बगोर की हवेली उदयपुर}}
{{main|बगोर की हवेली उदयपुर}}
*उदयपुर के प्रधानमंत्री अमरचंद वादवा का निवास स्‍थान बगोर की हवेली था।  
*उदयपुर के प्रधानमंत्री अमरचंद वादवा का निवास स्‍थान बगोर की हवेली था।  
*यह हवेली [[पिछोला झील]] के सामने है।  
*यह हवेली [[पिछोला झील]] के सामने है।  
====आहर====
====<u>आहर</u>====
{{main|आहर उदयपुर}}
{{main|आहर उदयपुर}}
*उदयपुर में आहर का उपयोग [[मेवाड़]] के राजपरिवार के लोगों के क़ब्रिस्‍तान के रुप में होता है।  
*उदयपुर में आहर का उपयोग [[मेवाड़]] के राजपरिवार के लोगों के क़ब्रिस्‍तान के रुप में होता है।  
*ये स्‍मारक चार दशकों में बने हैं।
*ये स्‍मारक चार दशकों में बने हैं।
====मानसून भवन====
====<u>मानसून भवन</u>====
{{main|मानसून भवन उदयपुर}}
{{main|मानसून भवन उदयपुर}}
*उदयपुर के मानसून भवन को मूल रुप से सज्‍जन घर के नाम से जाना जाता था।  
*उदयपुर के मानसून भवन को मूल रुप से सज्‍जन घर के नाम से जाना जाता था।  
*इसे [[सज्‍जन सिंह]] के द्वारा 19वीं शताब्‍दी में बनवाया गया था।                                                   
*इसे [[सज्‍जन सिंह]] के द्वारा 19वीं शताब्‍दी में बनवाया गया था।                                                   
====उदयपुर की सात बहनें====
====<u>उदयपुर की सात बहनें</u>====
{{main|उदयपुर की सात बहनें}}
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*उदयपुर की सात बहनें अर्थात सात झील।  
*उदयपुर की सात बहनें अर्थात सात झील।  
*उदयपुर के शासक जल के महत्‍व को समझते थे।
*उदयपुर के शासक जल के महत्‍व को समझते थे।
====एकलिंगजी====
====<u>एकलिंगजी</u>====
{{main|एकलिंगजी उदयपुर}}
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*[[उदयपुर]] में एकलिंगजी (23 किलोमीटर उत्तर) मंदिर परिसर कैलाश पुरी गाँव में स्थित है।  
*[[उदयपुर]] में एकलिंगजी (23 किलोमीटर उत्तर) मंदिर परिसर कैलाश पुरी गाँव में स्थित है।  
*एकलिंगजी को [[शिव]] का ही एक रुप माना जाता है।  
*एकलिंगजी को [[शिव]] का ही एक रुप माना जाता है।  
*ऐसा माना जाता है कि एकलिंगजी ही [[मेवाड़]] के शासक हैं।  
*ऐसा माना जाता है कि एकलिंगजी ही [[मेवाड़]] के शासक हैं।  
====हल्‍दीघाटी====
====<u>हल्‍दीघाटी</u>====
{{main|हल्‍दीघाटी उदयपुर}}
{{main|हल्‍दीघाटी उदयपुर}}
*उदयपुर में हल्‍दीघाटी (40 किलोमीटर उत्तर) स्थित है।
*उदयपुर में हल्‍दीघाटी (40 किलोमीटर उत्तर) स्थित है।
*यह [[उदयपुर एकलिंगजी|एकलिंगजी]] से 18 किलोमीटर की दूरी पर है।  
*यह [[उदयपुर एकलिंगजी|एकलिंगजी]] से 18 किलोमीटर की दूरी पर है।  
====नाथद्वार====
====<u>नाथद्वार</u>====
{{main|नाथद्वार उदयपुर}}
{{main|नाथद्वार उदयपुर}}
*उदयपुर के नाथद्वार (47 किलोमीटर उत्तर) में [[श्रीनाथजी]] का मंदिर है।  
*उदयपुर के नाथद्वार (47 किलोमीटर उत्तर) में [[श्रीनाथजी]] का मंदिर है।  
*यह मंदिर पुष्टिमार्ग संप्रदाय के अनुयायियों का सबसे पवित्र स्‍थान है।  
*यह मंदिर पुष्टिमार्ग संप्रदाय के अनुयायियों का सबसे पवित्र स्‍थान है।  
*श्रीनाथजी भगवान [[कृष्ण]] के ही रुप हैं।  
*श्रीनाथजी भगवान [[कृष्ण]] के ही रुप हैं।  
====कंकरोली तथा राजसमंद====
====<u>कंकरोली तथा राजसमंद</u>====
{{main|कंकरोली तथा राजसमंद उदयपुर}}
{{main|कंकरोली तथा राजसमंद उदयपुर}}
*उदयपुर में कंकरोली तथा राजसमंद ( 66 किलोमीटर उत्तर पूर्व) स्थित हैं।  
*उदयपुर में कंकरोली तथा राजसमंद ( 66 किलोमीटर उत्तर पूर्व) स्थित हैं।  
*राजसमंद झील कंकरोली तथा राजसमंद शहरों के बीच स्थित है।  
*राजसमंद झील कंकरोली तथा राजसमंद शहरों के बीच स्थित है।  
====राजसमंद झील====
====<u>राजसमंद झील</u>====
{{main|राजसमंद झील उदयपुर}}
{{main|राजसमंद झील उदयपुर}}
*[[उदयपुर]] में राजसमंद झील (48 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व) [[भारत]] की सबसे बड़ा कृत्रिम झील है।  
*[[उदयपुर]] में राजसमंद झील (48 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व) [[भारत]] की सबसे बड़ा कृत्रिम झील है।  
*यह झील 88 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।  
*यह झील 88 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।  
*महाराणा [[जयसिंह]] ने इस झील का निर्माण 17वीं शताब्‍दी में [[गोमती नदी]] पर बाँध बनाकर किया था।
*महाराणा [[जयसिंह]] ने इस झील का निर्माण 17वीं शताब्‍दी में [[गोमती नदी]] पर बाँध बनाकर किया था।
====जग निवास द्वीप====
====<u>जग निवास द्वीप</u>====
{{main|जग निवास द्वीप उदयपुर}}
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*उदयपुर में स्थित [[पिछोला झील]] पर बने द्वीप पैलेस में यह एक महल है|
*उदयपुर में स्थित [[पिछोला झील]] पर बने द्वीप पैलेस में यह एक महल है|
*जो अब एक सुविधाजनक होटल का रूप ले चुका है।  
*जो अब एक सुविधाजनक होटल का रूप ले चुका है।  
====एकलिंगगढ़====
====<u>एकलिंगगढ़</u>====
{{main|एकलिंगगढ़ उदयपुर}}
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*उदयपुर में पहाड़ी पर एकलिंगगढ़ नाम का एक प्राचीन दुर्ग बना हुआ है।  
*उदयपुर में पहाड़ी पर एकलिंगगढ़ नाम का एक प्राचीन दुर्ग बना हुआ है।  
*यहाँ पिछोले के बड़ीपाल नामक बाँध के दक्षिणी किनारे से शुरु होकर तालाब के दक्षिणी तट के पास पहाड़ियों की एक श्रृंखला है।
*यहाँ पिछोले के बड़ीपाल नामक बाँध के दक्षिणी किनारे से शुरु होकर तालाब के दक्षिणी तट के पास पहाड़ियों की एक श्रृंखला है।
====शिल्पग्राम====
====<u>शिल्पग्राम</u>====
{{main|शिल्पग्राम उदयपुर}}
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*[[उदयपुर]] में एक शिल्पग्राम स्थित है|
*[[उदयपुर]] में एक शिल्पग्राम स्थित है|
*जहाँ [[गोवा]], [[गुजरात]], [[राजस्थान]] और [[महाराष्ट्र]] के पारंपररिक घरों को दिखाया गया है।
*जहाँ [[गोवा]], [[गुजरात]], [[राजस्थान]] और [[महाराष्ट्र]] के पारंपररिक घरों को दिखाया गया है।
====सज्जनगढ़====
====<u>सज्जनगढ़</u>====
{{main|सज्जनगढ़ उदयपुर}}
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*उदयपुर शहर के दक्षिण में अरावली पर्वतमाला के एक पहाड़ की चोटी पर इस महल का निर्माण [[महाराजा सज्जन सिंह]] ने करवाया था।
*उदयपुर शहर के दक्षिण में अरावली पर्वतमाला के एक पहाड़ की चोटी पर इस महल का निर्माण [[महाराजा सज्जन सिंह]] ने करवाया था।
*सज्जनगढ़ में गर्मियों में भी अच्‍छी ठंडी हवाऐं चलती हैं।  
*सज्जनगढ़ में गर्मियों में भी अच्‍छी ठंडी हवाऐं चलती हैं।  
====मोती नगरी====
====<u>मोती नगरी</u>====
{{main|मोती नगरी उदयपुर}}
{{main|मोती नगरी उदयपुर}}
*उदयपुर में मोती नगरी [[फतेह सागर]] के पास की पहाड़ी पर स्थित है।  
*उदयपुर में मोती नगरी [[फतेह सागर]] के पास की पहाड़ी पर स्थित है।  
*यहाँ प्रसिद्ध राजपूत राजा [[महाराणा प्रताप]] की मूर्ति है।  
*यहाँ प्रसिद्ध राजपूत राजा [[महाराणा प्रताप]] की मूर्ति है।  
[[चित्र:Kumbhalgarh-Udaipur.jpg|thumb|250px|[[कुंभलगढ़ उदयपुर|कुंभलगढ़]], उदयपुर <br />Kumbhalgarh, Udaipur]]  
[[चित्र:Kumbhalgarh-Udaipur.jpg|thumb|250px|[[कुंभलगढ़ उदयपुर|कुंभलगढ़]], उदयपुर <br />Kumbhalgarh, Udaipur]]  
====सहेलियों की बाड़ी====
====<u>सहेलियों की बाड़ी</u>====
 
{{main|सहेलियों की बाड़ी उदयपुर}}
{{main|सहेलियों की बाड़ी उदयपुर}}
*उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी और दासियों के सम्मान में बना बाग एक सजा-धजा बाग है।
*उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी और दासियों के सम्मान में बना बाग एक सजा-धजा बाग है।
====शहरपनाह====
====<u>शहरपनाह</u>====
{{main|शहरपनाह उदयपुर}}
{{main|शहरपनाह उदयपुर}}
*उदयपुर में शहरपनाह स्थित है।   
*उदयपुर में शहरपनाह स्थित है।   
*इस शहर के तीन तरफ पक्की शहरपनाह हैं।
*इस शहर के तीन तरफ पक्की शहरपनाह हैं।
====पुराना राजमहल====
====<u>पुराना राजमहल</u>====
{{main|पुराना राजमहल उदयपुर}}
{{main|पुराना राजमहल उदयपुर}}
*पुराना राजमहल उदयपुर  शहर के दक्षिण की ओर पहाड़ी की ऊँचाई पर [[पिछोला झील]] के किनारे स्थित है।  
*पुराना राजमहल उदयपुर  शहर के दक्षिण की ओर पहाड़ी की ऊँचाई पर [[पिछोला झील]] के किनारे स्थित है।  
*यह जगह बहुत ही सुन्दर और प्राचीन शैली की है।  
*यह जगह बहुत ही सुन्दर और प्राचीन शैली की है।  
====सज्जन निवास====
====<u>सज्जन निवास</u>====
{{main|सज्जन निवास उदयपुर}}
{{main|सज्जन निवास उदयपुर}}
*उदयपुर में राजमहलों के नीचे सज्जन निवास नाम का बड़ा ही रमणीय और विस्तृत बगीचा है। इस बगीचे में कई फ़व्वारे लगे हुए हैं।  
*उदयपुर में राजमहलों के नीचे सज्जन निवास नाम का बड़ा ही रमणीय और विस्तृत बगीचा है। इस बगीचे में कई फ़व्वारे लगे हुए हैं।  
*बगीचे के एक तरफ जगह-जगह पर विभिन्न जंतुओं व पक्षियों के रहने के स्थान निर्मित किये गये हैं।  
*बगीचे के एक तरफ जगह-जगह पर विभिन्न जंतुओं व पक्षियों के रहने के स्थान निर्मित किये गये हैं।  
====धोला महल====
====<u>धोला महल</u>====
{{main|धोला महल उदयपुर}}
{{main|धोला महल उदयपुर}}
*उदयपुर के प्राचीन महलों में संगमरमर का बना हुआ धोला महल देखने लायक है।  
*उदयपुर के प्राचीन महलों में संगमरमर का बना हुआ धोला महल देखने लायक है।  
*इस महल के सामने ही एक नहर का हौज बना हुआ है।
*इस महल के सामने ही एक नहर का हौज बना हुआ है।
====खास ओदी तथा सीसारमा गाँव====
====<u>खास ओदी तथा सीसारमा गाँव</u>====
{{main|खास ओदी तथा सीसारमा गाँव उदयपुर}}
{{main|खास ओदी तथा सीसारमा गाँव उदयपुर}}
*खास ओदी नामक स्थान बाँध के दक्षिणी तट पर स्थित है, जहाँ पर सिंह-शूकर युद्ध के लिए चौकोर मकान बना हुआ है।  
*खास ओदी नामक स्थान बाँध के दक्षिणी तट पर स्थित है, जहाँ पर सिंह-शूकर युद्ध के लिए चौकोर मकान बना हुआ है।  
*सीसारमा गाँव खास ओदी से कुछ दूर, पश्चिम में सरोवर के दक्षिणी सिरे के निकट है, जहाँ पर वैद्यनाथ नामक शिवालय देखने योग्य है।
*सीसारमा गाँव खास ओदी से कुछ दूर, पश्चिम में सरोवर के दक्षिणी सिरे के निकट है, जहाँ पर वैद्यनाथ नामक शिवालय देखने योग्य है।
====कुंभलगढ़====
====<u>कुंभलगढ़</u>====
{{main|कुंभलगढ़ उदयपुर}}
{{main|कुंभलगढ़ उदयपुर}}
उदयपुर में 25 मील उत्तर की ओर [[नाथद्वार उदयपुर|नाथद्वार]] से क़रीब अरावली की एक ऊँची श्रेणी पर कुंभलगढ़ का प्रसिद्ध क़िला बना हुआ है। इसकी ऊँचाई समुद्रतल से 3568 फुट है। महाराणा कुंभा (कुंभकर्ण) ने सन् 1458 (विक्रम संवत् 1515) में इस क़िले का निर्माण कराया था अतः इसे कुंभलमेर (कुभलमरु) या कुभलगढ़ का क़िला कहते हैं। मुसलमानों की कई बार चढ़ाईयों तथा बड़ी-बड़ी लड़ाईयों के कारण यह क़िला एक ख़ास ऐतिहासिक महत्व रखता है। महाराणा कुंभा ने इस सुन्दर दुर्ग के स्मरणार्थ कुछ सिक्के भी जारी किये थे जिस पर इसका नाम अंकित हुआ करता था।
उदयपुर में 25 मील उत्तर की ओर [[नाथद्वार उदयपुर|नाथद्वार]] से क़रीब अरावली की एक ऊँची श्रेणी पर कुंभलगढ़ का प्रसिद्ध क़िला बना हुआ है। इसकी ऊँचाई समुद्रतल से 3568 फुट है। महाराणा कुंभा (कुंभकर्ण) ने सन् 1458 (विक्रम संवत् 1515) में इस क़िले का निर्माण कराया था अतः इसे कुंभलमेर (कुभलमरु) या कुभलगढ़ का क़िला कहते हैं। मुसलमानों की कई बार चढ़ाईयों तथा बड़ी-बड़ी लड़ाईयों के कारण यह क़िला एक ख़ास ऐतिहासिक महत्व रखता है। महाराणा कुंभा ने इस सुन्दर दुर्ग के स्मरणार्थ कुछ सिक्के भी जारी किये थे जिस पर इसका नाम अंकित हुआ करता था।
====जावर====
====<u>जावर</u>====
{{main|जावर उदयपुर}}
{{main|जावर उदयपुर}}
उदयपुर से यह स्थान पर्वत-मालाओं के बीच 20 मील की दूरी पर दक्षिण में स्थित है। जावर माला नामक स्थान एक ऊँची पहाड़ी के मध्य में है जहाँ [[महाराणा प्रताप]] [[अकबर]] के साथ लड़ाईयों के दौरान कभी-कभी रहा करते थे। यहाँ की आबादी [[महाराणा लाखा]] के समय चाँदी और शीशे की खानों में कार्य होने के कारण अच्छी थी लेकिन बाद में खान का कार्य बन्द हो जाने से जनसंख्या भी कम होती गई।
उदयपुर से यह स्थान पर्वत-मालाओं के बीच 20 मील की दूरी पर दक्षिण में स्थित है। जावर माला नामक स्थान एक ऊँची पहाड़ी के मध्य में है जहाँ [[महाराणा प्रताप]] [[अकबर]] के साथ लड़ाईयों के दौरान कभी-कभी रहा करते थे। यहाँ की आबादी [[महाराणा लाखा]] के समय चाँदी और शीशे की खानों में कार्य होने के कारण अच्छी थी लेकिन बाद में खान का कार्य बन्द हो जाने से जनसंख्या भी कम होती गई।
====चावंड़====
====<u>चावंड़</u>====
{{main|चावंड़ उदयपुर}}
{{main|चावंड़ उदयपुर}}
*चावंड नाम का पुराना गाँव उदयपुर से [[खैरवाड़े]] जाने वाली सड़क पर परसाद गाँव से क़रीब 6 मील पूर्व की तरफ है।  
*चावंड नाम का पुराना गाँव उदयपुर से [[खैरवाड़े]] जाने वाली सड़क पर परसाद गाँव से क़रीब 6 मील पूर्व की तरफ है।  
*यहाँ एक [[जैन]]-मंदिर है।
*यहाँ एक [[जैन]]-मंदिर है।
====कांकड़ोली====
====<u>कांकड़ोली</u>====
{{main|कांकड़ोली उदयपुर}}
{{main|कांकड़ोली उदयपुर}}
*कांकड़ोली गाँव नाथद्वारे से 10 मील की दूरी पर उत्तर में रासमुद्र के बांध के पास ही बसा हुआ है।  
*कांकड़ोली गाँव नाथद्वारे से 10 मील की दूरी पर उत्तर में रासमुद्र के बांध के पास ही बसा हुआ है।  
*यहाँ वल्लभ सम्प्रदाय का द्वारिकाधीश (द्वारिकानाथजी) का मंदिर बना है।  
*यहाँ वल्लभ सम्प्रदाय का द्वारिकाधीश (द्वारिकानाथजी) का मंदिर बना है।
 
==धार्मिक स्थल==
==धार्मिक स्थल==
====कल्याणपुर====
====कल्याणपुर====

06:07, 2 नवम्बर 2010 का अवतरण

उदयपुर उदयपुर पर्यटन उदयपुर ज़िला
सिटी पैलेस, उदयपुर
City Palace, Udaipur

राजस्थान, उदयपुर, उत्तरी भारत का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल माना जाता है। उदयपुर को झीलों का शहर भी कहते हैं। पर्यटकों के आकर्षण के लिए यहाँ बहुत कुछ है। झीलों के साथ रेगिस्तान का अनोखा संगम अन्‍य कहीं देखने को नहीं मिलता है। यह शहर अरावली पहाड़ी के पास राजस्थान में स्थित है। यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल यहाँ के शासकों द्वारा बनवाये गए महल, झीलें, बगीचे तथा स्‍मारक हैं। ये सभी चीजें हमें सिसोदिया राजपूत शासकों के सदगुण, विजय तथा स्‍वतंत्रता की याद दिलाते हैं। इनका निर्माण उस समय हुआ जब मेवाड़ ने पहली बार मुग़लों की अधीनता स्‍वीक‍ार की थी तथा बाद में अंग्रेज़ों की। आपको उदयपुर घूमने के लिए कम-से-कम तीन दिन का समय देना चाहिए। इसके आसपास के स्‍थानों को घूमने के लिए दो और दिन देने चाहिए।

पर्यटन स्थल

सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स

सिटी पैलेस काम्पलेक्स पिछोला झील पर स्थित है। महाराणा उदय सिंह द्वारा इस महल का निर्माण आरंभ किया गया था किन्‍तु आगे आने वाले महाराणाओं ने इस संकुल में कई महल और संरचनाओं को जोड़ा, इस पैलेस में संकल्‍पना की एक रूपता को बनाए रखा है। महल में प्रवेश करने का स्थान हाथी पोल की ओर से है। बड़ी पोल या बड़ा गेट त्रिपोलिया अर्थात तीन प्रवेश द्वारों में से एक है। एक समय में यह रिवाज था कि महाराणा इस प्रवेश द्वार के नीचे सोने और चाँदी से तौले जाते थे और फिर यह गरीबों में बाँट दिया जाता था।

सिटी पैलेस संग्रहालय

  • सिटी पैलेस महल का मुख्‍य हिस्‍सा अब एक संग्रहालय के रूप में सं‍रक्षित कर दिया गया है।
  • यह संग्रहालय कलात्‍मक वस्‍तुओं का एक बड़ा और विविध संग्रह प्रदर्शित करता है।

सरकारी संग्रहालय

  • उदयपुर के सरकारी संग्रहालय में मेवाड़ से संबंधित शिलालेख रखे हुए हैं।
  • ये शिलालेख दूसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व से 19वीं शताब्‍दी तक हैं।

काँच गैलरी

  • उदयपुर की काँच गैलेरी धन के अपव्‍यय को दर्शाती है।
  • उदयपुर के राणा सज्‍जन सिंह ने 1877 ई. में इंग्‍लैण्‍ड की एफ. एंड. सी. ओसलर एण्‍ड कंपनी से काँच के सामानों की ख़रीददारी की थी।

विंटेज कार सिटी पैलेस

  • उदयपुर में विंटेज कार सिटी पैलेस है।
  • विंटेज कार सिटी पैलेस परिसर से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रणकपुर जैन मंदिर, उदयपुर
Ranakpur Jain Temple, Udaipur

बगोर की हवेली

  • उदयपुर के प्रधानमंत्री अमरचंद वादवा का निवास स्‍थान बगोर की हवेली था।
  • यह हवेली पिछोला झील के सामने है।

आहर

  • उदयपुर में आहर का उपयोग मेवाड़ के राजपरिवार के लोगों के क़ब्रिस्‍तान के रुप में होता है।
  • ये स्‍मारक चार दशकों में बने हैं।

मानसून भवन

  • उदयपुर के मानसून भवन को मूल रुप से सज्‍जन घर के नाम से जाना जाता था।
  • इसे सज्‍जन सिंह के द्वारा 19वीं शताब्‍दी में बनवाया गया था।

उदयपुर की सात बहनें

  • उदयपुर की सात बहनें अर्थात सात झील।
  • उदयपुर के शासक जल के महत्‍व को समझते थे।

एकलिंगजी

  • उदयपुर में एकलिंगजी (23 किलोमीटर उत्तर) मंदिर परिसर कैलाश पुरी गाँव में स्थित है।
  • एकलिंगजी को शिव का ही एक रुप माना जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि एकलिंगजी ही मेवाड़ के शासक हैं।

हल्‍दीघाटी

  • उदयपुर में हल्‍दीघाटी (40 किलोमीटर उत्तर) स्थित है।
  • यह एकलिंगजी से 18 किलोमीटर की दूरी पर है।

नाथद्वार

  • उदयपुर के नाथद्वार (47 किलोमीटर उत्तर) में श्रीनाथजी का मंदिर है।
  • यह मंदिर पुष्टिमार्ग संप्रदाय के अनुयायियों का सबसे पवित्र स्‍थान है।
  • श्रीनाथजी भगवान कृष्ण के ही रुप हैं।

कंकरोली तथा राजसमंद

  • उदयपुर में कंकरोली तथा राजसमंद ( 66 किलोमीटर उत्तर पूर्व) स्थित हैं।
  • राजसमंद झील कंकरोली तथा राजसमंद शहरों के बीच स्थित है।

राजसमंद झील

  • उदयपुर में राजसमंद झील (48 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व) भारत की सबसे बड़ा कृत्रिम झील है।
  • यह झील 88 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • महाराणा जयसिंह ने इस झील का निर्माण 17वीं शताब्‍दी में गोमती नदी पर बाँध बनाकर किया था।

जग निवास द्वीप

  • उदयपुर में स्थित पिछोला झील पर बने द्वीप पैलेस में यह एक महल है|
  • जो अब एक सुविधाजनक होटल का रूप ले चुका है।

एकलिंगगढ़

  • उदयपुर में पहाड़ी पर एकलिंगगढ़ नाम का एक प्राचीन दुर्ग बना हुआ है।
  • यहाँ पिछोले के बड़ीपाल नामक बाँध के दक्षिणी किनारे से शुरु होकर तालाब के दक्षिणी तट के पास पहाड़ियों की एक श्रृंखला है।

शिल्पग्राम

सज्जनगढ़

  • उदयपुर शहर के दक्षिण में अरावली पर्वतमाला के एक पहाड़ की चोटी पर इस महल का निर्माण महाराजा सज्जन सिंह ने करवाया था।
  • सज्जनगढ़ में गर्मियों में भी अच्‍छी ठंडी हवाऐं चलती हैं।

मोती नगरी

कुंभलगढ़, उदयपुर
Kumbhalgarh, Udaipur

सहेलियों की बाड़ी

  • उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी और दासियों के सम्मान में बना बाग एक सजा-धजा बाग है।

शहरपनाह

  • उदयपुर में शहरपनाह स्थित है।
  • इस शहर के तीन तरफ पक्की शहरपनाह हैं।

पुराना राजमहल

  • पुराना राजमहल उदयपुर शहर के दक्षिण की ओर पहाड़ी की ऊँचाई पर पिछोला झील के किनारे स्थित है।
  • यह जगह बहुत ही सुन्दर और प्राचीन शैली की है।

सज्जन निवास

  • उदयपुर में राजमहलों के नीचे सज्जन निवास नाम का बड़ा ही रमणीय और विस्तृत बगीचा है। इस बगीचे में कई फ़व्वारे लगे हुए हैं।
  • बगीचे के एक तरफ जगह-जगह पर विभिन्न जंतुओं व पक्षियों के रहने के स्थान निर्मित किये गये हैं।

धोला महल

  • उदयपुर के प्राचीन महलों में संगमरमर का बना हुआ धोला महल देखने लायक है।
  • इस महल के सामने ही एक नहर का हौज बना हुआ है।

खास ओदी तथा सीसारमा गाँव

  • खास ओदी नामक स्थान बाँध के दक्षिणी तट पर स्थित है, जहाँ पर सिंह-शूकर युद्ध के लिए चौकोर मकान बना हुआ है।
  • सीसारमा गाँव खास ओदी से कुछ दूर, पश्चिम में सरोवर के दक्षिणी सिरे के निकट है, जहाँ पर वैद्यनाथ नामक शिवालय देखने योग्य है।

कुंभलगढ़

उदयपुर में 25 मील उत्तर की ओर नाथद्वार से क़रीब अरावली की एक ऊँची श्रेणी पर कुंभलगढ़ का प्रसिद्ध क़िला बना हुआ है। इसकी ऊँचाई समुद्रतल से 3568 फुट है। महाराणा कुंभा (कुंभकर्ण) ने सन् 1458 (विक्रम संवत् 1515) में इस क़िले का निर्माण कराया था अतः इसे कुंभलमेर (कुभलमरु) या कुभलगढ़ का क़िला कहते हैं। मुसलमानों की कई बार चढ़ाईयों तथा बड़ी-बड़ी लड़ाईयों के कारण यह क़िला एक ख़ास ऐतिहासिक महत्व रखता है। महाराणा कुंभा ने इस सुन्दर दुर्ग के स्मरणार्थ कुछ सिक्के भी जारी किये थे जिस पर इसका नाम अंकित हुआ करता था।

जावर

उदयपुर से यह स्थान पर्वत-मालाओं के बीच 20 मील की दूरी पर दक्षिण में स्थित है। जावर माला नामक स्थान एक ऊँची पहाड़ी के मध्य में है जहाँ महाराणा प्रताप अकबर के साथ लड़ाईयों के दौरान कभी-कभी रहा करते थे। यहाँ की आबादी महाराणा लाखा के समय चाँदी और शीशे की खानों में कार्य होने के कारण अच्छी थी लेकिन बाद में खान का कार्य बन्द हो जाने से जनसंख्या भी कम होती गई।

चावंड़

  • चावंड नाम का पुराना गाँव उदयपुर से खैरवाड़े जाने वाली सड़क पर परसाद गाँव से क़रीब 6 मील पूर्व की तरफ है।
  • यहाँ एक जैन-मंदिर है।

कांकड़ोली

  • कांकड़ोली गाँव नाथद्वारे से 10 मील की दूरी पर उत्तर में रासमुद्र के बांध के पास ही बसा हुआ है।
  • यहाँ वल्लभ सम्प्रदाय का द्वारिकाधीश (द्वारिकानाथजी) का मंदिर बना है।

धार्मिक स्थल

कल्याणपुर

  • कल्याणपुर मंदिर उदयपुर के दक्षिण में 77 किलोमीटर दूरी पर स्थित है तथा यह मंदिर शैवपीठ के रुप में लोकप्रिय रहा है।
  • वर्त्तमान में यह मंदिर अत्यंत जीर्ण अवस्था में है।

आहड़

  • यह मेवाड़ क्षेत्र का मूर्तिकला की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण मंदिर है।
  • इसका प्राचीन नाम आघाटपुर, आटपुर तथा गंगोद्भेद तीर्थ है। यह मंदिर 9वीं व 10वीं शताब्दी में वैष्णव संप्रदाय का एक प्रमुख केंद्र था।

उनवास

  • उनवास उदयपुर से 48 किलोमीटर की दू्री पर हल्दी घाटी के निकट स्थित है।

जगत

  • जगत ऐतिहासिक अम्बिका मंदिर राजस्थान, उदयपुर से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • मातृदेवी के इस मंदिर में मातृदेवताओं तथा दिक्पालों के अतिरिक्त किसी भी अन्य देव की प्रतिमा का न होना, इसे अन्य मंदिरों से अलग करता है।

नागदा

नागदा का प्राचीन शहर पहले रावल नागादित्‍य की राजधानी थी। वर्तमान में यह एक छोटा सा गाँव है। यह गाँव 11वीं शताब्‍दी में बने 'सास-बहू' मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का मूल नाम 'सहस्‍त्रबाहु' था जो कि विकृत होकर सास-बहू हो गया है। यह एक छोटा सा मंदिर है। लेकिन मंदिर की वास्‍तुशैली काफ़ी आकर्षक है।

जगदीश मंदिर, उदयपुर
Jagdish Temple, Udaipur

टूस (मंदेसर)

  • टूस उदयपुर के समीप बेड़च नदी के तट पर स्थित है।
  • यहाँ का सूर्य मंदिर मूर्तिकला परंपरा के अध्ययन में विशेष महत्व रखता है।

ईसवाल

  • ईसवाल का मंदिर राजस्थान, उदयपुर से लगभग 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • संवत् 1161 तथा संवत् 1242 के दो अभिलेखों के आधार पर इसका निर्माण काल 11वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में निर्मित किया गया है।

जगदीश मंदिर

  • उदयपुर के जगदीश मंदिर की स्‍थापना 1651 ई. में हुई थी।
  • जगदीश मंदिर इंडो-आर्यन शैली में बना हुआ था।

जग मंदिर

जगमंदिर नामक पुराने महल जगनिवास से क़रीब आधे मील दूर दक्षिण में एक दूसरे विशाल टापू पर बने हुए हैं। उदयपुर में यह पिछोला झील पर बना एक अन्य द्वीप पैलेस है। उदयपुर का यह महल महाराजा करण सिंह द्वारा बनवाया गया था, किंतु महाराजा जगत सिंह ने इसका विस्तार कराया। इस महल से बहुत शानदार दृश्य दिखाई देते हैं, यहाँ के गोल्डन महल की सुंदरता दुर्लभ और भव्य है।

श्रीनाथजी

वल्लभ संप्रदाय के वैष्णवों के मुख्य उपास्य देवता श्रीनाथ जी का मंदिर उदयपुर से 30 मील तथा एकलिंग जी से 17 मील उत्तर में नाथद्वारा नामक स्थान पर स्थित है। नाथद्वारे को अपना पवित्र तीर्थ मानकर समस्त भारत के वैष्णव यात्रा के लिए यहाँ आते हैं। श्रीनाथ जी की मूर्ति के दर्शन यहाँ पुष्टिमार्ग के नियमानुसार ही समय-समय पर कराये जाने का प्रावधान है, इसे झाँकी कहते हैं।

चारभुजा

  • चारभुजा का प्रसिद्ध विष्णु-मंदिर कांकड़ोली से 10 मील दूर पश्चिम के गड़वोर गाँव में स्थित है।
  • मेवाड़ तथा मारवाड़ के बहुत से लोग यात्री यहाँ आते हैं और भाद्रपद सुदि 11 को यहाँ बड़ा मेला होता है।

रुपनारायण

  • रुपनारायण का प्रसिद्ध विष्णु मंदिर उदयपुर में चारभुजा से क़रीब तीन मील की दूरी पर सेवंत्री गाँव में स्थित है।
  • इस मंदिर की स्थापना सन् 1652 (विक्रम संवत् 1709) में हुई थी।

ॠषभदेव

उदयपुर से 39 मील दक्षिण में खैरवाड़े की सड़क के निकट कोट से घिरे घूलेव गाँव में ॠषभदेव का मंदिर है जो मेवाड़ में जैनियों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान के रुप में माना जाता है। यह स्थान विष्णु के 24 अवतारों में से आठवें अवतार के रुप में माने जाने के कारण हिन्दुओं का भी तीर्थ स्थल है। ॠषभदेव की भव्य और तेजस्वी प्रतिमा को केसरियानाथ के रुप में भी जाना जाता है।


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