"जैमिनि": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
No edit summary
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
*हिरण्यनाभ, पैष्पंजि और अवन्त्य नाम के इन के तीन शिष्यों ने उन संहिताओं का अध्ययन किया था।
*हिरण्यनाभ, पैष्पंजि और अवन्त्य नाम के इन के तीन शिष्यों ने उन संहिताओं का अध्ययन किया था।


 
==संबंधित लेख==
{{ॠषि-मुनि2}}{{ॠषि-मुनि}}{{पौराणिक चरित्र}}
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
[[Category: पौराणिक कोश]]
[[Category: पौराणिक कोश]]
[[Category:ॠषि मुनि]]
[[Category:ॠषि मुनि]]
[[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
[[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]


<br />
==संबंधित लेख==
{{ॠषि-मुनि2}}
{{ॠषि-मुनि}}
__INDEX__
__INDEX__

09:46, 28 दिसम्बर 2010 का अवतरण

आचार्य जैमिनी

  • आचार्य जैमिनी महर्षि कृष्णद्वैपायन श्री व्यासदेव के शिष्य थे। उनसे आपने सामवेद और महाभारत की शिक्षा पायी थीं।
  • ये ही प्रसिद्ध पूर्वमीमांसा दर्शन के रचयिता हैं।
  • इसके अतिरिक्त इन्होंने 'भारतसंहिता' की भी रचना की थी, जो 'जैमिनि भारत' के नाम से प्रसिद्ध है।
  • आपने द्रोणपुत्रों से मार्कण्डेय पुराण सुना था।
  • इनके पुत्र का नाम सुमन्तु और पौत्र का नाम सत्वान था।
  • इन तीनों ने वेद की एक-एक संहिता बनायी है।
  • हिरण्यनाभ, पैष्पंजि और अवन्त्य नाम के इन के तीन शिष्यों ने उन संहिताओं का अध्ययन किया था।

संबंधित लेख