हिन्दी अकादमी, दिल्ली
हिन्दी अकादमी, दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिन्दी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के संवर्द्धन, प्रचार-प्रसार और विकास के उद्देश्य से 1981 में तत्कालीन दिल्ली प्रशासन ने 'स्वायत्तशासी संस्था' के रूप में 'हिन्दी अकादमी' की स्थापना की। हिन्दी अकादमी की स्थापना दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के निर्देशन में हुई। मुख्यमंत्री, दिल्ली दो वर्ष की अवधि के लिए हिन्दी अकादमी की संचालन-समिति गठित करती हैं। अकादमी की संचालन-समिति के सदस्यों के रूप में 25 जाने-माने साहित्यकार, लेखक, विशेषज्ञ, पत्रकार आदि नामांकित किए जाते हैं। यह समिति सभी योजनाओं, प्रस्तावों और बजट का अनुमोदन करती है। इसके अतिरिक्त अकादमी में समय-समय पर विभिन्न कार्यों के निष्पादन और निर्णय के लिए अलग-अलग समितियां बनायी जाती हैं जो यह सुनिश्चित करती हैं कि योजनाओं के अंतर्गत लाभ उठाने वालों के चयन में निष्पक्षता रहे।[1]
उद्देश्य एवं लक्ष्य
हिन्दी अकादमी की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास से संबंधित कार्यक्रमों को कार्यरूप में लाना है। इसके अन्तर्गत जहाँ दिल्ली के प्राचीन तथा वर्तमान उत्कृष्ट साहित्य का संकलन, परिरक्षण तथा उसके सृजन के लिए प्रोत्साहन का कार्य सम्मिलित है। वहीं राजभाषा के रूप में हिन्दी के नये स्वरूप से संबंधित शोध कार्य भी उसमें सम्मिलित हैं, जिससे कि दिल्ली के साहित्यकारों को उत्कृष्ट साहित्य के सृजन के लिए प्रोत्साहन मिले, पुराना और दुर्लभ साहित्य सुरक्षित किया जा सके और नये साहित्यकारों के लिए योजनाओं और दिशाओं की खोज की जा सके। अकादमी के उद्देश्य एवं लक्ष्य निम्न प्रकार हैं
- दिल्ली के साहित्यिक और सांस्कृतिक विकास के संदर्भ में हिन्दी भाषा और साहित्य का संवर्धन तथा परिरक्षण करना।
- दिल्ली के वयोवृद उच्च कोटि के हिन्दी साहित्यकारों और प्रतिष्ठित विद्वानों का सम्मान।
- हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ कृतियों और बाल साहित्य के लिए प्रतिवर्ष सम्मान एवं पुरस्कार ।
- साहित्यिक पत्रिका का प्रकाशन।
- हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास के लिए यथासमय भाषा सम्मेलन तथा विचार-गोष्ठी आयोजित करना।
- उत्कृष्ट कृतियों के प्रकाशन के लिए ऐसे साहित्यकारों को वित्तीय सहायता देना जो स्वयं प्रकाशन व्यवस्था न कर सकते हों।
- ऐसे पुस्तकालयों की स्थापना करना जिसमें साहित्य की मूल कृतियाँ, संदर्भ ग्रंथ, शब्दकोष तथा हिन्दी साहित्य की आलोचनात्मक पुस्तकें उपलब्ध हों।
- हिन्दी के प्रचार-प्रसार में कार्य कर रही ऐसी स्वैच्छिक संस्थाओं को, कार्यक्रमों, लघु समाचार पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापनों के माध्यम से सहायता अनुदान देना जिनका कार्य वास्तव में हिन्दी के विकास तथा हिन्दी साहित्य की वृद्धि की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
- रोज़गारोन्मुखी कार्यक्रमों का संचालन जिनमें कंप्यूटर, हिन्दी आशुलिपि, टंकण, प्रशिक्षण आदि मुख्य हैं।
- महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी साहित्यिक तथा शैक्षिक महत्त्व की पुस्तकों का अन्य भाषाओं से हिन्दी में अनुवाद करना। इसके अन्तर्गत उन कृतियों को सम्मिलित किया जाता है जो सांस्कृतिक समन्वय तथा राष्ट्रीय भावनात्मक एकता की दृष्टि से श्रेष्ठ साहित्य की कोटि में आती हो।
- समय-समय पर विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
- राष्ट्रीय एकता एवं भाषायी सौहार्द के उद्देश्य से देश के अन्य राज्यों में अंर्तभाषायी सम्मेलनों एवं यात्रा शिविरों का आयोजन।
योजनाएँ एवं कार्यक्रम
- छात्र प्रतिभा पुरस्कार
अकादमी प्रतिवर्ष राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के विद्यालयों के माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक की वार्षिक परीक्षा में हिन्दी विषय (कोर्स-ए.बी.इलैक्टिक और कोर अलग-अलग) में 85 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करती है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों के लिए नियमानुसार अंकों में 5 प्रतिशत की छूट दी जाती है। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विकलांग विद्यार्थियों को जाति एवं विकलांगता प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रति अपने आवेदन के साथ जमा करन होती है, जिससे कि इन विद्यार्थियों को इस छूट का लाभ मिल सके। विद्यार्थी अपना आवेदन (जिसमें विद्यार्थी का नाम, पिता का नाम, आवास, विद्यालय का पूरा पता, पिन कोड संख्या, दूरभाष का सही उल्लेख केवल हिन्दी में हों) तथा अंक तालिका की फोटो प्रति जो विद्यालय के प्रधानाचार्य से सत्यापित हो। विज्ञापन प्रकाशित होने के उपरांत किसी भी कार्य दिवस में केवल दस्ती रूप में अकादमी के कार्यालय में जमा करानी होती है। आवेदन जमा करते समय अंक तालिका की मूल प्रति भी अकादमी को अवश्य दिखानी होगी। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाता है।
- आशुलेखन प्रतियोगिता
दिल्ली के विद्यालयों महाविद्यालयों के विद्यार्थियों तथा 18 से 35 वर्ष तक की आयु के युवाओं के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिससे प्रतियोगिता स्थान पर दिये गये विषय के आधार पर प्रतियोगिता को कहानी, कविता, निबंध में से किसी एक विधा पर लिखना होता है। विद्यालय स्तर पर यह प्रतियोगिता तीन वर्गों में विभाजित होती है तथा 18 से 35 वर्ष तक के वे रचनाकार जो किसी भी शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत नहीं हैं उन्हें भी 18 से 25 तथा 26 से 35 दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। गत वर्ष इस प्रतियोगिता का आयोजन के लिए दिल्ली में विभिन्न जगहों पर 12 केन्द्र निधारित किये गये थे। प्रतियोगियों की सुविधा के लिए प्रविष्टियाँ अकादमी द्वारा स्थापित केन्द्रों में सीधे आमंत्रित की जाती हैं, जो अपने परीक्षा केन्द्र में प्रतियोगिता के आयोजन की सफलता को सुनिश्चित करता है। प्रतियोगिता के उपरान्त सभी उत्तर पुस्तिका पर रोल नंबर अंकित किये जाते हैं। सभी उत्तर पुस्तिकाओं को विधा अनुरूप जाँच कार्य के लिए भेजा जाता है। प्रत्येक वर्ग और विधा की रचनाओं का जाँच का है। यह तीन विद्वानों से करवाया जाता है। तीनों जाँचकर्त्ताओं द्वारा दिये गये अंको के आधार पर योग्यता सूची तैयार की जाती है। तदुपरान्त ही पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। पुरस्कार घोषित होने के उपरान्त पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी पुरस्कृतों को घोषित पुरस्कार दिये जाते हैं। प्रतियोगिता की सूचना विज्ञापन के माध्यम से दी जाती है। पुरस्कार इस प्रकार प्रदान किये जाते है-
पुरस्कार श्रेणी | विद्यालय स्तर | महाविद्यालय स्तर | अन्य (गैर संस्थागत रचनाकार) | ||
कक्षा 6 से 8 | कक्षा 9 से 10 | कक्षा 11 से 12 | 18 से 25 वर्ष और 26 से 35 वर्ष | ||
प्रथम | 700 | 900 | 1100 | 2100 | 3100 |
द्वितीय | 500 | 600 | 700 | 1500 | 2500 |
तृतीय | 300 | 400 | 500 | 1100 | 2000 |
प्रोत्साहन | 200 | 250 | 300 | 500 | 1100 [2] |
- नवोदित लेखक पुरस्कार प्रतियोगिता
दिल्ली के 18 से 30 वर्ष तक की आयु के युवा रचनाकारों से उनकी मौलिक, अप्रकाशित एवं अपुरस्कृत कहानी, कविता एवं एकांकी विधा की रचनाएं विज्ञापन की माध्यम से आमंत्रित की जाती हैं। दो वर्गों में विभाजित (18 से 24 व 25 से 30 आयु वर्ग) इस प्रतियोगिता में प्रत्येक रचनाकार किसी भी एक विधा में भाग ले सकता है। रचनाएं प्राप्त होने के उपरान्त विधा अनुरूप रचनाओं की जाँच तीन अलग-अलग विद्वानों से करवायी जाती है। तीनों जाँचकर्त्ताओं से प्राप्त अंकों को जोड़कर सूची के आधार पर पुरस्कार निर्धारित किये जाते हैं। कुल पुरस्कारों की संख्या लगभग 40 है।
- राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली के यमुना पार के किसी इलाके में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
- अव्यवसायिक पत्रिका पुरस्कार
दिल्ली के सरकारी कार्यालयों, निकायों, उपक्रमों से प्रकाशित होने वाली हिन्दी की अव्यावसायिक पत्रिका के संपादकों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत उन सरकारी कार्यालयों की पत्रिकाएं सम्मिलित नहीं की जाती हैं जो केवल हिन्दी भाषा साहित्य, संस्कृति के विकास में कार्य कर रहे हैं। इस पुरस्कार के लिए पत्रिकाएं विज्ञापन के माध्यम से आमंत्रित की जाती है। पुरस्कारों का निर्णय संबंधित समिति की सिफारिश पर किया जाता है
- इंदिरा गाँधी जयंती पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
इंदिरा गाँधी जयंती पर दिल्ली में इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है ।
- संगोष्ठियाँ
हिन्दी दिवस आदि अवसरों पर साहित्यकारों की अनेक विचार गोष्ठी, पर्व, नाटकों आदि का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता है
- अंर्तभाषायी सम्मेलन
अहिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी के प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहन के लिए अंर्तभाषायी सम्मेलनों का आयोजन दिल्ली व दिल्ली से बाहर अन्यत्र राज्य में किया जाता है ।
- संस्थागत सहयोग
दिल्ली के विद्यालयों, महाविद्यालयों में भाषा, वाद-विवाद, प्रश्न मंच, साहित्यिक गीत गायन, साहित्यकार परिचय साहित्यिक अंताक्षरी जैसी प्रतियोगिता का आयोजन समय-समय पर किया जाता है ।
दिल्ली सरकार के साथ संयुक्त कार्यक्रम
दिल्ली सरकार के निर्देश पर विभिन्न सम्मेलनों, विचार-गोष्ठी, कवि-सम्मलनों, मेलों के आयोजनों में सक्रिय भागीदारी रहती है।
- लोक पर्व
हिन्दी भाषी क्षेत्र की विलुप्त होती लोक कलाओं, संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है, जिसके अंतर्गत लोक सांस्कृतिक कायर्क्रमों का आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया जाता है ।
- प्रसाद पर्व
जयशंकर प्रसाद पर साहित्यिक सांस्कृतिक कायर्क्रम का आयोजन किया जाता है।
शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
- हिन्दी कंम्प्यूटर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण दिल्ली के प्रत्याशियों (कोई आयु सीमा नहीं) के लिए हिन्दी कम्प्यूटर एवं हिन्दी आशुलिपि कार्यक्रम चलाये जाते हैं। प्रशिक्षण अवधि एक वर्ष तथा चयन साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है। हिन्दी कम्प्यूटर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन निर्धारित प्रपत्र पर समाचार-पत्रों के माध्यम से जुलाई/अगस्त में आमंत्रित किए जाते हैं।
- निर्धारित योग्यताएँ एवं सूचनाएँ
- कम्प्यूटर पाठ्यक्रम के लिए अधिकतम कोई आयु सीमा नहीं।
- अनिवार्य योग्यता - बारहवीं उत्तीर्ण
- पाठ्यक्रम अवधि - एक वर्ष
- कुल सीट - 120 (प्रत्येक केन्द्र 40)
- समय- 10.00 बजे प्रातः से 6.00 बजे सायं तक (कुल चार बैच)
- शनिवार एवं रविवार को अवकाश
- फार्म प्राप्ति का माध्यम - जुलाई-अगस्त में निम्न पते पर सम्पर्क करें।
हिन्दी अकादमी, दिल्ली समुदाय भवन, पद्म नगर, दिल्ली-110007. दूरभाष - 23694562, 23693118
- शुल्क विवरण
- कम्प्यूटर शुल्क (सामान्य वर्ग) 3000/-रु0
- कम्प्यूटर शुल्क (आरक्षित वर्ग) 2500/-रु0
- पुस्तकालय फ़ीस - 300/-रु0
- परीक्षा शुल्क - 750/-रु0
- कम्प्यूटर पाठ्यक्रम से संबंधित संक्षिप्त जानकारी
- प्रथम पेपर- कम्प्यूटर का परिचय, इनपुट आउटपुट सिस्टम, इनपुट आउटपुट डिवाइस, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, वायरस, बाइनरी
सिस्टम, लॉजिक सर्किट आदि विंडोज एक्सपी।
- द्वितीय पेपर - डी.टी.पी.- पेजमेकर, फोटाशॉप, कोरल ड्रॉ, ग्राफिक्स एवं मल्टीमीडिया की जानकारी, हिन्दी भाषा का प्रयोग एवं
हिन्दी कम्प्यूटर का विकास एवं सॉफ्टवेयर।
- तृतीय पेपर - नेटवर्किंग, एच.टी.एम.एल. की जानकारी, डी.एच.टी.एम.एल., सी.एस.एस., एक्स.एम.एल.,
वी.बी. स्क्रिप्ट, फंटजेज द्वरा वेबपेज का निर्माण इंटरनेट, चैट, ई-मेल करना, इंटरनेट में अन्य प्रायोगिक कार्य करना, ई-कॉमर्स की जानकारी।
- चतुर्थ पेपर - प्रायोगिक एवं प्रोजेक्ट।
अकादमी के प्रसार केन्द्र
अकादमी दिल्ली के निम्नलिखित स्थानों पर हिन्दी प्रसार केन्द्र चला रही है, जहाँ युवाओं को निःशुल्क हिन्दी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण एवं पुस्तकालय और वाचनालय (हिन्दी भाषा और साहित्य की श्रेष्ठ पुस्तकों का संग्रह) की सुविधा उपलब्ध है। हिन्दी अकादमी, दिल्ली के हिन्दी प्रसार केन्द्र और प्रशिक्षण संस्थान भी हैं जो हिन्दी भाषा, साहित्य के साथ-साथ उनके तकनीकी पक्षों के विकास पर ज़ोर देते हैं।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र
- पं. मदनमोहन मालवीय संदर्भ पुस्तकालय, समुदाय भवन, पदम नगर, किशनगंज, दिल्ली।
- मुबाकिरपुर डबास पुस्तकालय, मकान नं. 233, दिल्ली।
- मण्डल कार्यालय, शिक्षा विभाग, लखनऊ रोड, दिल्ली।
- गांधी भवन, 32 छात्रा मार्ग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।
- प्राथमिक विद्यालय परिसर, महिपालपुर, नयी दिल्ली।
- आर्य समाज मन्दिर, नरेला, दिल्ली।
- सी-1/10, नगर निगम कार्यालय के समीप, कृष्णा नगर, दिल्ली।
- आर्ष गुरुकुल कन्या विद्यालय परिसर, नरेला, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, सनातन धर्म मन्दिर परिसर, हरिसिंह पार्क, न्यू मुल्तान नगर, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, महाकवि निराला सन्दर्भ पुस्तकालय, गगन भारती स्कूल परिसर, ओम विहार, उत्तम नगर, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, महादेवी वर्मा पुस्तकालय, ए एण्ड बी ब्लॉक, विकास समिति न्यू गोपाल नगर, ढासा रोड, नजफगढ़, नयी दिल्ली।
- समुदाय भवन, पॉकेट-बी एण्ड ई, दिलशाद गार्डन, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, ज़िला कारागार, रोहिणी, दिल्ली।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र, हॉस्टल एण्ड वोकेशनल ट्रेनिंग इन्स्ट्टीयूट फॉर ब्लाइंड गर्ल्स, बेगमपुर एक्सटेंशन, बेगमपुर गाँव, दिल्ली।
प्रशिक्षण संस्थान
अकादमी द्वारा चलाये जा रहे प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान हैं-
1-एक वर्षीय कम्प्यूटर, पाठ्यक्रम (शैक्षणिक योग्यता बारहवीं पास-हिन्दी विषय सहित)
(i) हिन्दी प्रसार केन्द्र, पदम नगर, किशनगंज, दिल्ली।
(ii) हिन्दी प्रसार केन्द्र, सी-1/10, कृष्णा नगर, दिल्ली।।
(iii) हिन्दी प्रसार केन्द्र, आर्ष गुरुकुल कन्या परिसर, नरेला, दिल्ली।
2-हिन्दी प्रसार केन्द्रों में टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण।
सम्मान और पुरस्कार
क्रमांक | सम्मान | पुरस्कार (धनराशि) |
---|---|---|
1 | हिन्दी अकादमी साहित्य शलाका सम्मान | 2 लाख |
2 | हिन्दी अकादमी विशिष्ठ योगदान सम्मान | 50 हज़ार |
3 | हिन्दी अकादमी काव्य सम्मान | 50 हज़ार |
4 | हिन्दी अकादमी गद्य विधा सम्मान | 50 हज़ार |
5 | हिन्दी अकादमी ज्ञान वैविध्य सम्मान | 50 हज़ार |
6 | हिन्दी अकादमी बाल साहित्य सम्मान | 50 हज़ार |
7 | हिन्दी अकादमी नाटक सम्मान | 50 हज़ार |
8 | हिन्दी अकादमी हास्य/व्यंग्य सम्मान | 50 हज़ार [3] |
राजधानी दिल्ली में हिन्दी भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार, विकास एवं संवर्द्धन में विशिष्ट योगदान के लिए हिन्दी के साहित्यकारों, पत्रकारों, कवियों, लेखकों आदि को सम्मान व पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। दिल्ली के साहित्यकारों, पत्रकारों, कवियों, लेखकों आदि से नाम आमंत्रित कर कार्यकारिणी समिति द्वारा उनके समग्र योगदान का मूल्यांकन करने के पश्चात् चयन किया जाता है। सम्मानों व पुरस्कारों का अब तक चली आ रही व्यवस्था इस प्रकार है।
शलाका सम्मान
हिन्दी जगत में सशक्त हस्ताक्षर के रूप में विख्यात तथा हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले मनीषी विद्वानों और हिन्दी के विकास तथा संवर्धन में सतत संलग्न कलम के धनी, मानव मन के चितरों तथा मूर्धन्य साहित्यकारों के प्रति अपने आदर और सम्मान की भावना को व्यक्त करने के लिए हिन्दी अकादमी प्रतिवर्ष एक श्रेष्ठतम साहित्यकार को शलाका सम्मान से सम्मानित करती है। सम्मान स्वरूप, 1,11,111/-रुपये की धनराशि, प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं। अकादमी द्वारा अब तक निम्नलिखित साहित्यकारों को शलाका सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है:-
साहित्यकार सम्मान
यह सम्मान हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में समग्र योगदान तथा विशिष्ट सेवा और राष्ट्र भाषा प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रहे उत्कृष्ट साहित्यकारों, पत्रकारों आदि को प्रदान किया जाता है। अकादमी का यह प्रयास रहा है कि वह ऐसे साहित्य कर्मियों की रचना धर्मिता, सृजनशीलता, मूल्य-चेतना और सामाजिक सांस्कृतिक एवं नैतिक दृष्टि से समृद्व साहित्य द्वारा की गई सेवाओं का सम्मान कर सके जिन्होंने आनन्द और ज्ञान के श्रोत को निरन्तरता प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चूंकि साहित्यकार, समाज और साहित्य को समर्पित जीवनयापन करते हैं। इसके लिए अकादमी का दायित्व बनता है कि उनकी सेवाओं का सही अर्थों में सम्मान करते हुए उन्हें समाज में सर्वोच्च स्थान प्रदान करे। इस सम्मान के लिए चुने हुए विद्वानों, साहित्यकारों, पत्रकारों को सम्मान स्वरूप 21,000/-रुपये की धनराशि, प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं।
वर्ष | साहित्यकार |
---|---|
1986-87 | डॉ. रामविलास शर्मा |
1987-88 | श्री विष्णु प्रभाकर |
1988-89 | श्री गिरिजा कुमार माथुर |
1989-90 | श्री त्रिलोचन शास्त्री |
1990-91 | प्रो. नामवर सिंह |
1994-95 | प्रो. विजयेन्द्र स्नातक |
1995-96 | डॉ. नरेन्द्र कोहली |
1996-97 | श्री कृष्ण चन्द्र शर्मा 'भिक्खु' |
1997-98 | श्री निर्मल वर्मा |
1998-99 | श्री गोपाल प्रसाद व्यास |
1999-2000 | श्री भीष्म साहनी |
2000-01 | सुश्री कृष्णा सोबती |
2001-2002 | श्री रामदरश मिश्र |
2002-2003 | श्री कमलेच्च्वर |
2003-2004 | श्री राजेन्द्र यादव |
2004-2005 | श्री नेमिचंद जैन |
2005-2006 | श्री कुंवर नारायण |
2006-2007 | श्रीमती मन्नू भण्डारी |
2007-2008 | श्री प्रभाद्गा जोच्ची [3] |
काका हाथरसी सम्मान
साहित्य में हास्य व्यंग्य का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस विधा में थोड़े से शब्दों में संकेत के माध्यम से गहरी से गहरी बात को व्यंग्य-विनोद के द्वारा जन-जन तक पहुंचाई जाती है। इस तरह एक ओर तो तनावपूर्ण जीवन में थोड़ा हँसने-हँसाने का अवसर मिलता है तो दूसरी ओर आत्मचिंतन एवं आत्मावलोकन के लिए भी विवश करता है। सर्व साधारण को सरल सा दिखने वाला यह रचना कर्म बड़ी साधना एवं सूझ-बूझ का कार्य है। इन्हीं सब विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए हिन्दी अकादमी ने हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए काका हाथरसी सम्मान से सम्मानित किया जाता है। इसके अन्तर्गत हिन्दी के एक श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कवि/लेखक को यह सम्मान दिया जाता है। सम्मान स्वरूप 21,000/-रुपये की धनराशि प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं।
साहित्यिक कृति सम्मान
लेखक अपनी लेखनी के माध्यम से साहित्य द्वारा समाज के लिए एक शाश्वत सामग्री जुटाता है। जिसके पठन-पाठन से मनुष्य अतीत की जानकारी के साथ-साथ अपने वर्तमान व भविष्य को सुखद, समृद्धशाली एवं प्रगतिशील बनाने की दिशा में अग्रसर होता है। समाज के उत्थान व राष्ट्र और विश्व की प्रगति के उद्देश्य से लिखी गयी ऐसी साहित्यिक कृतियों को अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। समाज चेता सृजनधर्मी लेखकों और साहित्यकारों का सम्मान कर समाज में उनकी और उनके कृतित्व की पहचान कराना अकादमी अपना परम कर्त्तव्य समझती है। इसी आशय से प्रतिवर्ष रचनात्मक एवं उद्देश्यपूर्ण साहित्य सृजन के लिए विभिन्न विधाओं की पुस्तकों को पुरस्कृत करने के लिए चुना जाता है। विगत कुछ वर्षों से अकादमी ने साहित्यिक विधाओं के अतिरिक्त भारतीय वाङ्मय से राष्ट्र-चेतना एवं संस्कृति के पुनर्जागरण में सशक्त लेखन के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण योगदान कर रहे लेखकों को भी सम्मानित करके इस दिशा में एक ठोस क़दम उठाया है। इस योजना के अन्तर्गत 'विशिष्ट कृति सम्मान एवं साहित्यिक कृति सम्मान' और 'बाल एवं किशोर साहित्य कृति सम्मान' दिया जाता है जो निम्न प्रकार हैं-
- विशिष्ट कृति सम्मान
वर्ष की चुनी हुई विशिष्ट कृति के लेखक/साहित्यकार को विशिष्ट कृति सम्मान दिया जाता है। सम्मान स्वरूप 21,000/-रुपये की धनराशि प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं।
- साहित्यिक कृति सम्मान
चुनी हुई स्तरीय एवं निर्धारित अवधि में प्रकाशित हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं की श्रेष्ठ पुस्तकों पर यह सम्मान दिया जाता है। सम्मान स्वरूप कृति के लेखक को 11,000/-रुपये की धनराशि प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं। लेखकों/प्रकाशकों से पुस्तकें समाचार-पत्रों में विज्ञापन देकर आमंत्रित की जाती हैं।
- बाल एवं किशोर साहित्य कृति सम्मान
बच्चों एवं किशोरों के लिए उपयोगी एवं ज्ञानवर्द्धक श्रेष्ठ पुस्तकों के लेखकों के लिए। सम्मान स्वरूप 11,000/-रुपये की धनराशि प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह आदि प्रदान किये जाते हैं। लेखकों/प्रकाशकों से पुस्तकें समाचार-पत्रों में विज्ञापन देकर आमंत्रित की जाती हैं।
विद्यालय हिन्दी शिक्षक सम्मान
हिन्दी अकादमी शिक्षक सम्मान के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में विगत तीन वर्षों से हिन्दी विषय में अध्यापनरत माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं के शिक्षकों को सम्मानित/पुरस्कृत किया जाता है। इस योजना में शिक्षा निदेशालय के प्रत्येक ज़िले के सरकारी/अनुदान प्राप्त/केन्द्रीय विद्यालयों के दो पब्लिक स्कूलों के एक हिन्दी शिक्षक तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक हिन्दी शिक्षक को सम्मानित करती है। शिक्षक के 10वीं अथवा 12वीं कक्षा का गत तीन वर्षों का परीक्षा परिणाम अच्छा होना अनिवार्य है। सम्मान स्वरूप 51,00/-रुपये की राशि, प्रशस्ति-पत्र भेंट किया जाता है। पुरस्कृत प्रत्येक शिक्षक के विद्यालय को पुस्तकालय के लिए 2,100/-रुपये के मूल्य की साहित्यक पुस्तकें भेंट की जाती हैं।
नवोदित लेखक पुरस्कार
हिन्दी अकादमी सदैव युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देती है और वास्तव में हिन्दी साहित्य को इनसे बड़ी आशाएं हैं जो स्थापित साहित्यकार हैं, प्रतिभा के धनी हैं और जिन्होंने हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। उनका सम्मान तो सर्वत्र होता ही है और होना भी चाहिए। परन्तु ऐसे साहित्यिक वट वृक्षों की छाया में पनप रही नयी पौध को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। अकादमी प्रतिभाशाली युवा लेखकों और कवियों को उनके समुचित साहित्यिक विकास के लिए प्रोत्साहन देने के उद्धेच्च्य से 'नवोदित लेखक पुरस्कार प्रतियोगिता' के अन्तर्गत करती है। अकादमी द्वारा यह प्रतियोगिता दो आयु वर्गो में आयोजित की जाती है। प्रथम वर्ग 18 वर्ष से 24 वर्ष तक तथा द्वितीय वर्ग 25 वर्ष से 30 वर्ष तक के युवा लेखकों के कहानी, कविता, एकांकी व लेख आदि की चुनी हुई श्रेष्ठ रचनाओं के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कार राशि प्रथम 3,100/-, द्वितीय 2,500/-, तृतीय 2,000/- तथा प्रोत्साहन 1,100/- रुपये।
लाभकारी योजनाएँ
- संस्थागत सहयोग भागीदारी योजना
दिल्ली की विभिन्न स्वैच्छिक संस्थाओं के सहयोग से अनेक क्षेत्रों में काव्य-गोष्ठी,-विचार गोष्ठी सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। यह सहयोग भागीदारी योजना के अंतर्गत किया जाता है।
- विद्यालय/महाविद्यालय के साथ संयुक्त कार्यक्रम
दिल्ली के विद्यालयों/महाविद्यालयों में भाषण, वाद-विवाद, प्रश्न मंच, साहित्यिक गीत गायन, साहित्यिकार परिचय, साहित्यिक अंताक्षरी जैसी प्रतियोगिता का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।
- संकट ग्रस्त साहित्यकार आर्थिक सहयोग
दिल्ली के उन साहित्यकारों को यह सहयोग प्रदान किया जाता है जो आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहे हैं।
- प्रकाशन सहयोग
हिन्दी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के उद्धेश्य दृष्टि के कमज़ोर साहित्यकारों/लेखकों की चुनी हुयी अप्रकाशित पाण्डुलिपियों को प्रकाशित करने के लिए आर्थिक सहयोग देकर उनकी मदद की जाती है।
- लघु समाचार पत्र पत्रिकाओं को आर्थिक सहयोग
भागीदारी योजना के अंतगर्त अकादमी द्वारा हिन्दी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के उद्धेश्य से उक्त योजना के अंतर्गत विज्ञापन के रूप में आर्थिक सहायता दी जाती है यह सहायता डी.ए.वी.पी. द्वारा अनुमोदित लघु पत्र, पत्रिकाओं की दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत साहित्यिक पत्रिकाओं/ स्मारिकों को डी.ए.वी.पी. से अनुमोदित होने की शर्त से मुक्त रख गया है।
- हिन्दी प्रसार केन्द्र एवं पुस्तकालय/वाचनालय
अकादमी द्वारा दिल्ली के आर्थिक रूप से पिछड़े विभिन्न क्षेत्रों में निःशुल्क पुस्तकालय एवं वाचनालय चलाए जा रहे हैं। जिनमें हिन्दी भाषा और साहित्य की पुस्तकों के साथ-साथ अन्य भाषा से अनुदित पुस्तकें भी उपलब्ध करायी जाती हैं। दृष्टिहीन पाठकों के लिए ब्रेललिपि में भी पुस्तकें उपलब्ध करायी जाती है।
- दिल्ली द्वारा संचालित सन्दर्भ पुस्तकालय
हिन्दी अकादमी सन्दर्भ पुस्तकालय, पदम नगर में हिन्दी साहित्य की दुलर्भ कृतियों के अलावा सन्दर्भ ग्रन्थ, कोश, उपन्यास, कहानी, कविता, नाटक, निबन्ध, समीक्षात्मक साहित्य, जीवनी, आत्मकथा, रचनावली, ग्रन्थावली इत्यादि जिनका लाभ साहित्य प्रेमी व्यक्ति/जन, शोधार्थी उठाते हैं। पुस्तकालय में आर्थिक साहित्य से लेकर अद्यतन साहित्य की लगभग 45,000 पुस्तकों का भण्डार है व हिन्दी साहित्य के अतिरिक्त विभिन्न विधाएँ भी उपलब्ध हैं - जैसे, लोकसाहित्य, लोकसंस्कृति, शिक्षा, दशर्नशास्त्र, राजनीति, इतिहास, विज्ञान, पौराणिक साहित्य, धार्मिक साहित्य, कला, संगीत, कम्प्यूटर, अनुवाद, पत्रकारिता, बाल साहित्य आदि। इस पुस्तकालय में दैनिक व साप्ताहिक कुल मिलाकर चौदह समाचार पत्र, इकतीस साहित्यिक व ज्ञानवर्धक पत्रिकाएँ आती हैं। पुस्तकालय का मुख्य उदे्श्य है कि यहाँ ज़्यादा-से-ज़्यादा जिज्ञासु आकर इसका लाभ उठाएँ।
- लोक शिकायतों का निपटान व पारदर्शिता
- पारदर्शिता लाने, प्रक्रिया का युक्तिसंगत बनाने, अधिक वित्तीय जवाबदेही, आधुनिक तकनीक अपनाने, कार्यक्रमों तथा गतिविधियों में आम लोगों और विशेषज्ञों की भागीदारी प्रयास किये हैं।
- कार्यक्रमों के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए अकादमी के सचिव मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त हैं तथा उनके अधीन अन्य अधिकारी आवेदनकर्त्ताओं को अकादमी में उपलब्ध सुविधाओं से संबंधित तथा अन्य आवश्यक सूचनाएँ एवं मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। जिसमें आवेदन अस्वीकृत किए जाने से संबंधित जानकारी भी होती है।
आवेदनकर्त्ता अपनी कठिनाई व शिकायत बताने के लिए इन अधिकारियों से सम्पर्क कर सकते हैं। यदि वे इन अधिकारियों से अपनी शिकायत के समाधान के लिए संतुष्ट नहीं होते तो वे सचिव, हिन्दी अकादमी, दिल्ली से संपर्क कर सकते हैं। फिर भी यदि शिकायतकर्त्ता अपनी शिकायत के समाधान के लिए संतुष्ट नहीं हो तो वे अतिरिक्त सचिव, भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से संपर्क कर सकते हैं अकादमी से संबंधित सभी अधिकारियों के नाम पद एवं दायित्वों का बोर्ड कार्यालय के मु़ख्य, द्वार पर लगाया गया है तथा वहाँ शिकायत पेटिका भी रखी गयी है जिसमें कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत लिखित रूप में डाल सकता है।
संचालन समिति
क्रमांक | नाम | पद | निवास | मोबाइल / फ़ोन नंबर |
---|---|---|---|---|
1- | मुख्यमंत्री शीला दीक्षित | अध्यक्ष | दिल्ली सरकार, प्रथम तल, दिल्ली सचिवालय आई.पी.एस्टेट, नई दिल्ली-2 | 23071212, 23071313 |
2- | प्रो. अशोक चक्रधर | उपाध्यक्ष | जे-116, सरिता विहार, मथुरा रोड, नई दिल्ली-110 044 | 09811013621, 09811013621, 09811013621, 09811013621, 26941616, 26949494 |
3- | प्रधान सचिव (वित्त) | पदेन सदस्य | विंग-ए, चौथा तल,दिल्ली सचिवालय, आई.पी.एस्टेट, नई दिल्ली-110002 | 23392130, 23392131 |
4- | सचिव (भाषा, कला एवं संस्कृति) | पदेन सदस्य | कमरा नं.-402, चौथा तल, सी विंग, दिल्ली सचिवालय, आई.पी.एस्टेट, नई दिल्ली-110002 | 23392154 |
5- | श्री सुरेन्द्र शर्मा | सदस्य | कॉटेज नं0-4, बी.एम.रोहतगी अपार्टमेंट्स, 1, रामकिशोर रोड, दिल्ली-110054 | 9811244405, 23962020 |
6- | श्री अजित कुमार | सदस्य | पीतमपुरा, दिल्ली - 110 088 | 27314369 |
7- | डॉ. अमरनाथ 'अमर' | सदस्य | बंगला साहिब मार्ग, गोल मार्किट, नई दिल्ली- 110 001 | 9818355106 |
8- | डॉ. एच. बालसुब्रमण्यम | सदस्य | 776, पॉकेट-5 मयूर विहार, फेज-1, नई दिल्ली | 9868566763, 22752624 |
9- | श्री लीलाधर | सदस्य | मंडलोई6, हुडको प्लेस, एण्ड्रयूज गंज, नई दिल्ली | 1829118898 |
10- | श्री विभास चन्द्र वर्मा | सदस्य | डी-402 विदिशा अपार्टमेंट्स79, इन्द्रप्रस्थ एक्सटेंशन दिल्ली-110 092 | 9968281417 |
11- | डॉ. सत्येन्द्र कुमार तनेजा | सदस्य | पॉकेट ई-122, मयूर विहार, फेज-2 नई दिल्ली-110091 | 9868207959 |
12- | श्री हिमांशु जोशी | सदस्य | 7/सी-2 हिन्दुस्तान टाइम्स अपार्टमेंट्स, मयूर विहार, फेज-1, दिल्ली-110 091 | 22752330 |
13- | श्रीमती सविता असीम | सदस्य | 25-ई, पॉकेट-बी, सिद्धार्थ एक्सटेंशन 'आश्रम' बाला साहिब गुरुद्वारा, नई दिल्ली-110014 | 9899580417 |
14- | श्री भगवान दास मोरवाल | सदस्य | डब्ल्यू जैड 745/जी, दादा देव रोड नज़दीक बाटा चौक, पालम नई दिल्ली-110045 | 25362002, 9971817173 |
15- | श्री भानु भारती | सदस्य | 56ए, पॉकेट-एफ मयूर विहार-2, दिल्ली | 9811320632 |
16- | श्री गोरख नाथ | सदस्य | एबी-33,शालीमार बाग, दिल्ली-110088 | 9868042079 |
17- | सरदार सुरजीत सिंह 'जोबन | सदस्य | 82-ए, द्वितीय तल छन्नामल पार्क, ईस्ट पंजाबी बाग, नई दिल्ली | - |
18- | सचिव हिन्दी अकादमी, दिल्ली | सचिव | पदम नगर, समुदाय भवन, किशन गंज, दिल्ली - 110 007 | 9818603319 [5] |
नियम एवं विनियम
- नाम
संस्था का नाम 'हिन्दी अकादमी, दिल्ली' होगा।
- व्याख्या
जब तक संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो इन नियमों एवं विनियमों में प्रयुक्त शब्दों एवं पदों का अभिप्राय निम्नलिखित होगा :-
- 'अधिनियम' से अभिप्राय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में यथाप्रवृत समिति पंजीकरण अधिनियम 1860 (1957 के पंजाब संशोधन अधिनियम) से है।
- 'सोसायटी' से अभिप्राय हिन्दी अकादमी दिल्ली से है।
- सदस्य' से अभिप्राय सोसायटी के सदस्य हैं।
- 'कार्यकारी समिति' से अभिप्राय इन नियमों के अधीन गठित कार्यकारी समिति से है।
- 'अध्यक्ष'/सभापति' से अभिप्राय निम्नलिखित खंड में यथा प्रमाणित सोसायटी के अध्यक्ष/सभापति से है।
- 'सचिव' से अभिप्राय हिन्दी अकादमी दिल्ली के सचिव से है।
- सदस्यता
अकादमी में निम्नलिखित शामिल होंगे :-
- मुख्यमंत्री, दिल्ली अध्यक्ष/सभापति।
- मुख्यमंत्री, दिल्ली कम से कम 10 एवं अधिक से अधिक 25 सदस्यों को नामित करेंगे। इसमें अपनी हैसियत से अथवा पदेन स्थिति से भारत सरकार, दिल्ली सरकार अथवा दिल्ली के किसी स्थानीय निकाय के कर्मचारी तथा गैर कर्मचारी तथा गैर कर्मचारी जो कि अकादमी के कार्यों एवं इसके उद्देश्य की अभिवृद्धि के लिए उपयोगी हों, शामिल हों।
- उपर्युक्त खंड में यथाउल्लिखित शर्तों के आधार पर मुख्यमंत्री, दिल्ली एक सचिव नियुक्त करेंगे, वह हिन्दी अकादमी, दिल्ली के सदस्य सचिव (पदेन) होंगे।
- सदस्यता की शर्तें
- जिन पदेन सदस्यों को नियम 3 (2) के अधीन नियुक्त किया गया था उनकी अकादमी सदस्यता उनके पद से हटते ही समाप्त हो जाएगी।
- पदेन सदस्यों (नियम 3(2) में उल्लिखित) से भिन्न प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल उसकी नियुक्त की तिथि से दो वर्ष होगा। किंतु पदेन सदस्यों भिन्न सदस्य तब तक अपने पद पर बने रहेंगे जब तक कि उनका उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं हो जाता।
- यदि कोई सदस्य त्यागपत्र देता है, विक्षिप्त हो जाता है, दिवालिया घोषित हो जाता है अथवा उनके नैतिक अक्षमतायुक्त सहित किसी फ़ौजदारी के अपराध में दोषी ठहराया जाता है अथवा बगैर किसी वैध कारण के लगातार दो बैठकों में अनुपस्थित रहने के कारण, अथवा मुख्यमंत्री द्वारा सुविचारित किसी अन्य कारण से अकादमी की सदस्यता से उनके द्वारा हटा दिया जाता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री का निर्णय अंतिम होगा।
- नियम 3 (2) में उल्लिखित पदेन सदस्य से भिन्न कोई सदस्य जब अकादमी की सदस्यता से त्यागपत्र देने का विचार करता है तो अपना त्यागपत्र अकादमी के अध्यक्ष को संबोधित करके इसे भेजेगा एवं त्यागपत्र अध्यक्ष द्वारा स्वीकार करने की तारीख से प्रभावी होगा।
- पदेन सदस्य से भिन्न अकादमी की सदस्यता की कोई भी रिक्ति मुख्यमंत्री, दिल्ली द्वारा भरी जाएँगी एवं ऐसा नियुक्त व्यक्ति अकादमी की अनबीती अवधि तक के लिए पदासीन रहेगा।
- अकादमी में काई भी पद रिक्त होने तथा इसके किसी भी सदस्य के नामित किये जाने में कोई त्रुटि रहने, तथा किसी भी सदस्य के नामित अथवा नियुक्त न किये जाने, अथवा उसमें कोई त्रुटि रहने के बावजूद अकादमी अपना कार्य करती रहेगी।
- अध्यक्ष
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री हिन्दी अकादमी, दिल्ली के अध्यक्ष/सभापति होंगे।
- उपाध्यक्ष
यदि मुख्यमंत्री अथवा अध्यक्ष कभी उचित या आवश्यक समझें, तो एक व्यक्ति को उपाध्यक्ष/सभापति नामित कर सकेंगे जो उनकी अनुपस्थिति में अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा।
- अकादमी का सचिव
- मुख्यमंत्री द्वारा एक वैतनिक व नियमित अधिकारी की विधिवत् नियुक्ति की जाएगी जो अकादमी के कार्यालय का कार्यभारी अधिकारी होगा।
- सचिव अध्यक्ष के पूर्ण पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन के अधीन अकादमी के दिन प्रतिदन के कार्य का पर्यवेक्षण करेगा।
- सचिव को अकादमी के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक कर्मचारी उपलब्ध कराये जाएँगे।
- संस्था द्वारा दिये जाने वाले निर्देशों के अधीन सचिव मुख्य कार्यकारी अधिकारी होगा, जो कि अध्यक्ष के निर्देशन एवं मार्गदशन से अकादमी के समुचित प्रशासन के लिए उत्तरदायी होगा।
- सचिव अकादमी की वार्षिक रिपोर्ट उसका लेखा तथा बजट, सरकार द्वारा निर्धारित तरीके से तैयार करने के लिए ज़िम्मेदार होगा।
- सचिव कर्मचारियों के कर्त्तव्य निर्धारित करेगा, तथा अनुशासनिक नियंत्रण रखेगा।
- सचिव, लेखकों, अनुवादकों से उनके कार्य के बारे लिखा-पढ़ी करेगा। पाँडुलिपियों की जाँच करेगा, उसका संपादन करवाना तथा अध्यक्ष की स्वीकृति लेने के बाद उनके छपने की व्यवस्था करेगा। वह अकादमी की ओर से दिल्ली सरकार के विभिन्न विभाग तथा अन्य निकायों से संपर्क भी बनाये रखेगा।
- अकादमी की बैठक
क्रमांक | अधिकारी का नाम | पद | दायित्व |
---|---|---|---|
1. | डॉ. रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव 'परिचय दास' | सचिव | मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
2. | श्री ओ. पी. सचदेवा | वरिष्ठ लेखाधिकारी | वित्त एवं लेखा |
3. | डॉ. हरिसुमन बिष्ट | उपसचिव | कार्यालयाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, लोक शिकायत |
4. | श्री प्रकाश लखचौरा | अधीक्षक | हिन्दी प्रसार केन्द्र, कम्प्यूटर प्रशिक्षण |
5. | श्री गोपालदत्त शर्मा | लेखाकार | बजट, लेखा, प्रशासन, कोष, केयर टेकर एकांश |
6. | सुश्री निशा निशांत | सहायक संपादक | इन्द्रप्रस्थ भारती (त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका |
7. | श्री जगदीश चन्द्र शर्मा | कार्यक्रम अधिकारी | संगोष्ठियॉ/सम्मेलन/कार्यशालाए, विद्यालय/महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं नवोदित लेखकों की प्रतियोगिताएँ, संस्थागत सहयोग (भागीदारी), लोक पर्व, कवि सम्मेलन आदि |
8. | श्री अनिल उपाध्याय | कार्यकारी संयोजक | सम्मान/पुरस्कार/प्रकाशन सहयोग/कवि सम्मेलन आदि |
- अकादमी की बैठक वर्ष में कम से कम दो बार होगी। अकादमी की बैठक बुलाने के लिए सदस्यों को कम से कम 15 दिन पहले सूचित किया जाएगा।
- सचिव अध्यक्ष से परामर्श करने के बाद बैठक बुलाएगा।
- अकादमी की बैठक के लिए आठ सदस्यों के कोरम की अपेक्षा होगी, परंतु उस बैठक का अधिसूचित कार्य करने के लिए कोई कोरम आवश्यक नहीं होगा, जो इसके (कोरम) अभाव में स्थगित कर दी गयी हो।
- बैठक में उपस्थित सदस्यों में से अधिकांश सदस्यों का निर्णय अकादमी का निर्णय समझा जाएगा।
- प्रत्येक बैठक की कार्रवाई का अभिलेख रखा जाएगा।
- वर्ष की पहली बैठक जो सामान्यता 31 मार्च से पहले आयोजित होगी, वार्षिक सामान्य बैठक होगी :
- (क) यह माँग अकादमी के कम से कम 7 उपस्थित सदस्यों द्वारा की गयी हो।
- (ख) उक्त माँग संबंधित सदस्यों के हस्ताक्षरों के साथ सचिव के समक्ष लिखित रूप में प्रस्तुत की गयी हो।
- (ग) जिस कारण से बैठक बुलाने की आवश्यकता पड़ी उसके विषय का उल्लेख विच्चेद्गा रूप से किया गया हो।
- (क) यह माँग अकादमी के कम से कम 7 उपस्थित सदस्यों द्वारा की गयी हो।
- वार्षिक बैठक में होने वाली कार्रवाई
- अकादमी की सामान्य वार्षिक बैठक में सचिव निम्नलिखित बातें रखेगा:-
- (क) अकादमी के वार्षिक बजट, जिसमें अगले वित्त वर्ष के लिए संभावित आय और व्यय के अनुमान का उल्लेख हो, तथा चालू वर्ष की पूरक माँग हो।
- (ख) अकादमी के कार्य-चालन से संबंधित पिछले वर्ष की प्रशासनिक रिर्पोट तथा भविष्य के कार्यक्रम की रुपरेखा।
- (ग) अकादमी के संपति, परिसंपति तथा देयता से संबंधित तुलनपत्र और लेखा परीक्षको द्वारा विधिवत प्रमाणित (अकादमी का) पिछले वित्त वर्ष को वित्तीय विवरण।
- (घ) कोई अन्य विषय जिसे अध्यक्ष की अनुमति से विधिवत प्रस्तुत किया जाय।
- (क) अकादमी के वार्षिक बजट, जिसमें अगले वित्त वर्ष के लिए संभावित आय और व्यय के अनुमान का उल्लेख हो, तथा चालू वर्ष की पूरक माँग हो।
- तुलनपत्र की प्रतियाँ, वित्तीय विवरण तथा उपयुक्त नियम (1) में उल्लिखित अकादमी के कार्यचालन द्वारा मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार को सामान्य वार्षिक बैठक के 15 दिन के भीतर भेजी जाएगी।
- कार्यकारी समिति
- इस समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे :-
- 1. अकादमी के सभापति/अध्यक्ष
- 2. अकादमी के उप सभापति/अध्यक्ष
- 3. खंड 3(2) में शामिल सदस्यों में से अध्यक्ष अकादमी से चुने गये सात (7) सदस्य, परंतु इसमें नियमानुसार अकादमी का उपाध्यक्ष चुना गया सदस्य शामिल नहीं है।
- 4. अकादमी के सचिव संयोजक
- 1. अकादमी के सभापति/अध्यक्ष
- अकादमी के सचिव कार्यकारी समिति के संयोजक होंगे।
- कार्यकारी समिति के अध्यक्ष तथा सदस्यों की कार्य-अवधि भी अकादमी की कार्य-अवधि की तरह दो वर्ष की होगी।
- इस नियम के उप नियम (1) और (3) से (4) आवश्यक परिवर्तनों सहित समिति के सदस्यों पर भी लागू होंगे।
- यदि कोई सदस्य बगैर किसी वैध कारण के लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहता है तो मुख्यमंत्री, दिल्ली द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी।
- कार्यकारी समिति की शक्तियाँ
- समिति नीति-संबंधी मामलों पर अकादमी के निर्णयों को कार्यान्वित करेगी, तथा अकादमी के कार्यों को चलाने की व्यवस्था करेगी।
- समिति के अधीन समस्त शक्तियाँ होगी जो संस्था ज्ञापन में उल्लिखित अकादमी के उद्देश्य को कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक होगा।
- उपर्यक्त उपनियम (1) और (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों की सामान्यता पर बिना किसी प्रतिकूल प्रमाण के समिति के पास निम्नलिखित शक्तियाँ होंगी :-
- (क) हिन्दी में पुस्तकों तथा अन्य प्रकार के साहित्य का प्रस्तुतिकरण, तथा प्रकाशन से संबंधित अपनी नीति निर्धारित करना।
- (ख) अपना कार्य और प्रशासन चलाने के लिए नियम बनाना, अपनाना तथा परिवर्तन करना।
- (ग) अकादमी के कर्मचारियों की नियुक्ति, स्थायी, कार्यभार-मुक्त तथा पदच्युत करना।
- (घ) अकादमी की स्वीकृति से कर्मचारियों की सेवा शर्तें निर्धारित करना।
- (ड) अकादमी के लिए निधि प्राप्त करना, उसे रखना तथा खर्च करना, तथा इसकी (अकादमी की) संपत्ति तथा कार्यकलापों का प्रबंध देखना।
- (च) अकादमी की पूर्व अनुमति से तथा अध्यक्ष की स्वीकृति के अधीन कोई संपत्ति खदीदना उसे ऋण पर लेना, अन्यथा संपत्ति अभिगृहित करना अथवा देखना।
- (छ) अकादमी के किसी कार्य को सामान्य रूप से चलाने हेतु अथवा तदर्थ प्रयोजन के लिए एक अथवा उप समितियों की नियुक्ति करना।
- (ज) किसी सदस्य अथवा सदस्यों को (तीन से अधिक नहीं) किसी कार्य में उसका परामर्श लेने के लिए सहयोजित करना।
- कार्य समिति की बैठक
- समिति की बैठक महीने में कम से कम एक बार अवश्य आयोजित होगी, तथा प्रत्येक ऐसी बैठक के लिए तीन दिन पहले सूचित किया जाएगा। परंतु आपात बैठक 24 घंटे की सूचना पर बुलायी जा सकती है।
- सचिव समिति के संयोजक होंगे, तथा अध्यक्ष से परामर्श के बाद बैठक बुलाएँगे।
- सचिव द्वारा ऐसी प्रत्येक बैठक की कार्रवाई का अभिलेख रखा जाएगा।
- व्यक्तिगत रूप से एक तिहाई सदस्यों की उपस्थिति पर कोरम पूरा समझा जाएगा परन्तु उस बैठक का अधिसूचित कार्य करने के लिए कोई कोरम अपेक्षित नहीं होगा। जो कोरम के अभाव में स्थगित कर दी गयी है।
- अध्यक्ष तथा उसकी अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष यदि नामित हो तो उस समिति की सभी बैठकों की अध्यक्षता करेंगे, परंतु किसी बैठक में यदि दोनों ही अनुपस्थित रहते हैं तो उपस्थित सदस्यों द्वारा अपने आप में से चुना हुआ सदस्य बैठक की अध्यक्षता करेगा।
- वित्त एवं लेखा परीक्षा
- अकादमी उपयुक्त लेखा तथा अन्य संबंधित अभिलेख रखेगी।
- अकादमी के लेखा की अकादमी द्वारा नियुक्त किये गये लेखा परीक्षकों द्वारा वार्षिक जाँच की जाएगी।
- कोषाध्यक्ष
- अकादमी के अध्यक्ष वित्तीय नियमों तथा विनियमों का पर्याप्त ज्ञान रखने वाले व्यक्ति को अकादमी को कोषाध्यक्ष नियुक्त कर सकते है तथा उसे समुचित मानदेय अथवा यात्रा भत्ता स्वीकृत कर सकते हैं।
- बैंक लेखा कोषाध्यक्ष और सचिव स्वयं अपने हस्ताक्षरों के अधीन रखेंगे।
- सामान्य उपबंध
- अकादमी की संपत्ति से हुई आय संस्था के ज्ञापन में उल्लिखित उद्दश्यों की संवृद्धि के लिए खर्च की जाएगी। अकादमी की किसी संपत्ति अथवा आय के किसी भाग को किसी पूर्व अथवा वर्तमान सदस्य को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से लाभांश बोनस अथवा अल्प रूप से हस्तांतरित नहीं किया जाएगा।
- अकादमी से संबंधित सभी संविदाएँ और अन्य दस्तावेज स्पष्ट रूप से अकादमी के नाम में किये जाएँगे तथा समिति के कार्य सचिव एवं उस प्रयोजन के लिए कार्यकारी समिति द्वारा नामित सदस्य अकादमी की ओर से उसे निष्पादित करेंगे।
- अकादमी द्वारा नियुक्त किये गये इसके अथवा किसी कार्यकारी समिति के सदस्य जो दिल्ली प्रशासन अथवा केंद्रीय सरकार सांविधिक निकायों के कर्मचारी हैं, वे अपने नियमों के अनुसार यात्रा और दैनिक भत्ता पाने के हकदार होंगे। अकादमी के अन्य सदस्य भारत सरकार के प्रथम श्रेणी कर्मचारी के लिए ग्राह्य भत्ता के पात्र होंगे।
- इन नियमों की व्याख्या व्यवस्थित मामलों के संबंध में कोई विवाद उठ खड़ा होने पर उसे मुख्यमंत्री महोदय के पास भेजा जाएगा, और उस पर उनका निर्णय अंतिम होगा।
- भंग किया जाना
- आवश्यक होने पर सोसायटी को सोसायटी पंजीकरण अधीनियम 1860 की धारा 14 के अनुसार निर्धारित उपबंधो के अधीन भंग किया जा सकता है।
- नियमों में संशोधन
- संशोधन के प्रयोजन के लिए विशेष रूप से बुलायी गयी अकादमी की सामान्य बैठक में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 12 एवं 12 (क) के अनुसार निर्धारित उपबंधो के अधीन नियमों को संशोधित, परिवर्तित अथवा परिवर्द्धित किया जा सकता है।
- मुक़दमें
- दिल्ली हिन्दी अकादमी सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 6 के अनुसार दिल्ली की हिन्दी अकादमी के नाम से अपने सचिव द्वारा किसी पर मुक़दमा चला सकती है अथवा इस नाम से उस पर मुक़दमा चलाया जा सकता है।
- वार्षिक सूची
- सोसायटी पंजीकरण अधिनियम की धारा 4 के अनुसार सोसायटी प्रत्येक वर्ष अपनी कार्यकारी समिति के सदस्यों की सूची सोसायटी पंजीयक के कार्यालय में प्रस्तुत करेगी।[6]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी अकादमी, दिल्ली (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 13 नवंबर, 2010।
- ↑ योजनाएँ एवं कार्यक्रम (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 14 नवंबर, 2010।
- ↑ 3.0 3.1 सम्मान और पुरस्कार (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 14 नवंबर, 2010।
- ↑ संचालन समिति (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 20 नवंबर, 2010।
- ↑ अद्यतन 20 नवंबर, 2010
- ↑ नियम एवं विनियम (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 20 नवंबर, 2010।
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