राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद
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राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद एक स्वायत्त संस्था है जिसका गठन सितम्बर, 1961 में किया गया। यह संस्थान स्कूली शिक्षा के लिए शिक्षा मंत्रालय का प्रमुख सलाहकारी निकाय है। यह मंत्रालय की नीतियों और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करता है। स्कूली शिक्षा के प्रसार के लिए यह राज्य शिक्षण विभाग, विश्वविद्यालयों और दूसरे संस्थानों के निकट सहयोगी के रुप में कार्य करता है। इसके साथ ही यह स्कूली बच्चों के लिए सभी विषयों में आदर्श पाठ्य पुस्तकों का भी निर्धारण करता है।[1]
विशेषताएँ
- राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद के द्वारा प्राथमिक एवं अनौपचारिक शिक्षा के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र बाल विपदा राहत कोष (यूनिसेफ) के सहयोग से प्रारम्भ की गयी अनेक परियोजनाओं एवं राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजनाओं से सम्बद्ध गतिविधियों में संतुलन स्थापित करने एवं उनको प्रबोधित करने का कार्य किया जाता है।
- राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद प्रथम से बारहवीं कक्षा तक का पाठ्यक्रम विकसित करने के साथ ही उनकी पाठ्य-पुस्तकें भी तैयार करती है।
- इसके द्वारा प्रतिवर्ष 'जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी' का भी आयोजन किया जाता है।
- राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद 'साइंस किट्स' भी तैयार करती है।
- परिषद के अंतर्गत चार केंद्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी संस्थान कार्यरत है, जो अजमेर, भोपाल, भुवनेश्वर और मैसूर में स्थित हैं।
- इसके अतिरिक्त इसके 17 केंद्रीय कार्यालय है।
मुख्य कार्य
इसके द्वारा किये जाने वाले अन्य प्रमुख कार्य हैं-
- छोटे बच्चों की देखभाल तथा शिक्षा
- सर्वव्यापी प्राथमिक शिक्षा
- कम्यूटर साक्षरता
- अध्यापकों का सेवापूर्ण एवं सेवाकालीन शिक्षण
- विकलांगों की शिक्षा
- शैक्षिक तकनीकी का प्रयोग
- शैक्षिक सर्वेक्षण एवं समंक - प्रक्रिया
- राष्ट्रीय प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति प्रदान करना
- शिक्षा अनुसन्धान को प्रोत्साहन देना आदि।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- भारतीय संस्कृति | पृष्ठ संख्या- 378
बाहरी कड़ियाँ
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी)
- राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद