अलवर पर्यटन
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अलवर | अलवर पर्यटन | अलवर ज़िला |
अलवर का राजस्थान के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। अलवर ऐतिहासिक इमारतों से भरा पड़ा है। अलवर में तरंग सुल्तान (फ़िरोज़शाह के भाई) का 14वीं शताब्दी में निर्मित मक़बरा और कई प्राचीन मस्जिदें स्थित हैं। नयनाभिराम सिलिसर्थ झील के किनारे स्थित महल में एक संग्रहालय है, जिसमें हिंदी, संस्कृत और फ़ारसी पांडुलिपियाँ तथा राजस्थानी व मुग़ल लघु चित्रों का संग्रह रखा गया है। यहाँ के अन्य दर्शनीय स्थलों में प्रसिद्ध सरिस्का बाघ अभयारण्य शामिल है। अलवर के दर्शनीय स्थान-
- सिटी पैलेस
मुख्य लेख : सिटी पैलेस अलवर
- सिटी पैलैस परिसर अलवर के पूर्वी छोर की शान है।
- सिटी पैलैस के ऊपर अरावली की पहाड़ियाँ हैं, जिन पर बाला क़िला बना है।
- सिटी पैलेस परिसर बहुत ही ख़ूबसूरत है और इसके साथ-साथ बालकॉनी की योजना है।
सिटी पैलेस, अलवर |
मोती डुंगरी क़िला, अलवर |
नीमराना फ़ोर्ट पैलेस, अलवर |
सरिस्का, अलवर |
सिलीसेढ़ झील, अलवर |
- बाला क़िला
मुख्य लेख : बाला क़िला अलवर
- बाला क़िले की दीवार पूरी पहाडी पर फैली हुई है जो हरे-भरे मैदानों से गुजरती है।
- पूरे अलवर शहर में यह सबसे पुरानी इमारत है, जो लगभग 928 ई. में निकुम्भ राजपूतों द्वारा बनाई गई थी।
- फ़तहगंज का मक़बरा
मुख्य लेख : फतहगंज का मक़बरा अलवर
- अलवर में फ़तहगंज का मक़बरा 5 मंजिला है।
- फ़तहगंज का मक़बरा दिल्ली में स्थित अपनी समकालीन सभी इमारतों में सबसे उच्च कोटि का है।
- ख़ूबसूरती के मामले में यह हुमायूँ के मक़बरे से भी सुन्दर है।
- मोती डुंगरी
मुख्य लेख : मोती डुंगरी अलवर
- मोती डुंगरी का निर्माण वर्ष 1882 ई. में हुआ था।
- यहाँ वर्ष 1928 ई. तक अलवर के शाही परिवारों का आवास रहा था।
- नीमराना फोर्ट पैलेस
मुख्य लेख : नीमराना फोर्ट पैलेस अलवर
- नीमराना फोर्ट पैलेस पृथ्वीराज चौहान तृतीय की तीसरी राजधानी है।
- नीमराना फोर्ट दिल्ली जयपुर हाइवे पर स्थित है और 25 एकड़ क्षेत्र में फैला है।
- सरिस्का
मुख्य लेख : सरिस्का अलवर
- राजस्थान के अलवर ज़िले में अरावली की पहाड़ियों पर 800 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला सरिस्का मुख्य रूप से वन्य जीव अभयारण्य और टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है।
- अलवर के सरिस्का की गिनती भारत के जाने माने वन्य जीव अभयारण्यों में की जाती है।
- इसके अलावा इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व भी है।
झील
- राजसमन्द झील
मुख्य लेख : राजसमन्द झील अलवर
- राजसमन्द झील महाराणा राजसिंह द्वारा सन् 1669 ई. से 1676 ई. तक 14 वर्षो में बनवायी गयी चालीस लाख रुपये की लागत की यह मेवाड की विशालतम झीलों में से एक हैं।
- 7 किमी. लम्बी व 3 किमी. चौडी यह झील 55 फीट गहरी हैं।
- सिलीसेढ़ झील
मुख्य लेख : सिलीसेढ़ झील अलवर
- यह एक प्राकृतिक झील है।
- यह झील दिल्ली-जयपुर मार्ग पर अलवर से 12 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है।
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