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तुलसीदास की रचनाएँ 2
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
फ़ौज़िया ख़ान
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मैं केहि कहौ बिपति अति भारी -तुलसीदास
सखि नीके कै निरखि कोऊ सुठि सुंदर बटोही -तुलसीदास
ताहि ते आयो सरन सबेरे -तुलसीदास
हरि को ललित बदन निहारु -तुलसीदास
कलि नाम काम तरु रामको -तुलसीदास
एसी मूढता या मन की -तुलसीदास
ते नर नरकरूप जीवत जग -तुलसीदास
मनोहरताको मानो ऐन -तुलसीदास
काहे ते हरि मोहिं बिसारो -तुलसीदास
सखि! रघुनाथ-रूप निहारु -तुलसीदास
जौ पै जिय धरिहौ अवगुन ज़नके -तुलसीदास
हरि! तुम बहुत अनुग्रह किन्हों -तुलसीदास
भज मन रामचरन सुखदाई -तुलसीदास
केशव,कहि न जाइ -तुलसीदास
श्री रामचँद्र कृपालु भजु मन -तुलसीदास
जो मन लागै रामचरन अस -तुलसीदास
माधव! मो समान जग माहीं -तुलसीदास
कौन जतन बिनती करिये -तुलसीदास
यह बिनती रहुबीर गुसाईं -तुलसीदास
जो मोहि राम लागते मीठे -तुलसीदास
दीन-हित बिरद पुराननि गायो -तुलसीदास
जागिये कृपानिधान जानराय, रामचन्द्र -तुलसीदास
मनोरथ मनको एकै भाँति -तुलसीदास
मैं हरि, पतित पावन सुने -तुलसीदास
जानकी जीवन की बलि जैहों -तुलसीदास
तन की दुति स्याम सरोरुह -तुलसीदास
लाभ कहा मानुष-तनु पाये -तुलसीदास
अब लौं नसानी, अब न नसैहों -तुलसीदास
मेरो मन हरिजू! हठ न तजै -तुलसीदास
तऊ न मेरे अघ अवगुन गनिहैं -तुलसीदास
मैं एक, अमित बटपारा -तुलसीदास
मन माधवको नेकु निहारहि -तुलसीदास
देव! दूसरो कौन दीनको दयालु -तुलसीदास
राघौ गीध गोद करि लीन्हौ -तुलसीदास
मन पछितैहै अवसर बीते -तुलसीदास
यों मन कबहूँ तुमहिं न लाग्यो -तुलसीदास
सुन मन मूढ -तुलसीदास
और काहि माँगिये, को मागिबो निवारै -तुलसीदास
लाज न आवत दास कहावत -तुलसीदास
दूल्ह राम -तुलसीदास
मेरे रावरिये गति रघुपति है बलि जाउँ -तुलसीदास
हे हरि! कवन जतन भ्रम भागै -तुलसीदास
कब देखौंगी नयन वह मधुर मूरति -तुलसीदास
रघुपति! भक्ति करत कठिनाई -तुलसीदास
बजरंग बाण -तुलसीदास
भाई! हौं अवध कहा रहि लैहौं -तुलसीदास
बिनती भरत करत कर जोरे -तुलसीदास
कबहुंक हौं यहि रहनि रहौंगो -तुलसीदास
माधवजू मोसम मंद न कोऊ -तुलसीदास
भरोसो जाहि दूसरो सो करो -तुलसीदास
राम राम रटु, राम राम रटु -तुलसीदास
माधव, मोह-पास क्यों छूटै -तुलसीदास
रामलला नहछू -तुलसीदास
ममता तू न गई मेरे मन तें -तुलसीदास
राम-पद-पदुम पराग परी -तुलसीदास
नाहिन भजिबे जोग बियो -तुलसीदास
धनुर्धर राम -तुलसीदास
श्रेणी
:
तुलसीदास
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