शहज़ादा दानियाल

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  • शहज़ादा दानियाल मुग़ल सम्राट अकबर का तीसरा और सबसे छोटा पुत्र था।
  • दानियाल का जन्म 1572 ई. में हुआ था, और वह अकबर का बहुत ही प्यारा पुत्र था।
  • वह उस मुग़ल सेना का सेनानायक था, जिसके आगे अहमदनगर को आत्मसमर्पण करना पड़ा था।
  • सन 1609 ई. में अकबर बादशाह ने शहज़ादा दानियाल को बुरहानपुर का सूबेदार बनाया था।
  • शहज़ादा दानियाल शिकार का शौकीन था, उसे 'आहूखान' (शिकारगाह) अधिक पसंद था।
  • दानियाल ने आहूखान (शिकारगाह) को अपनी पसंद के अनुसार महल, रहौज, नहरों, फूलों के तख़्ते और चारों ओर से अहाता बंदी करके सुरक्षित कर दिया था।
  • उसके इन सब प्रयासों से ही आहूखान आज भी अच्छी हालत में है।
  • शहज़ादा दानियाल को शराब पीने की बहुत गहरी आदत थी।
  • जब बादशाह अकबर को इस बात का पता लगा, तो उसने अब्दुल रहीम ख़ानख़ाना को फ़रमान भेजा, कि शहज़ादे को शराब पीने से रोका जाए।
  • अब्दुल रहीम ख़ानख़ाना ने आदेश का पालन करते हुए शहज़ादे को समझा दिया और सख़्त पहरा बैठा दिया, साथ ही आदेश दिए कि शराब की एक बूँद भी महल मे न आने पाये।
  • दानियाल शराब के बिना नहीं रह सकता था। उसने नौकरो को लालच दिया।
  • नौकरों ने महल में शराब लाने के लिए अनेक उपाय अपनाये, परंतु रहस्य खुल जाने से विफल हो गये।
  • दानियाल शराब के लिए और अधिक तडपने लगा, उसकी व्याकुलता को देखकर एक नौकर ने बंदूक़ की नली में शराब भरकर लाना शुरू कर दिया।
  • इसका कुछ समय तक पता न चल सका, परंतु नल की विषयुक्त शराब पीने के कारण दानियाल के शरीर में विष फेल गया।
  • इस प्रकार दानियाल जिस बंदूक़ से शिकार किया करता था, उसी से स्वयं वह भी मौत का शिकार हो गया।
  • 8 अप्रैल, 1604 में 23 वर्ष की यौवनावस्था में दानियाल का देहांत हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 201।

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