नाथद्वारा

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नाथद्वारा राजस्थान के राजसमन्द ज़िले में उदयपुर जाने वाले मार्ग पर अवस्थित है। यहाँ वल्लभ सम्प्रदाय के वैष्णवों का प्राचीन मुख्य पीठ है। इस स्थान की उदयपुर से दूरी लगभग 48 किलोमीटर है। ऐसा कहा जाता है कि नाथद्वारा के मंदिर की मूर्ति पहले गोवर्धन (ब्रज) में थी। मुस्लिमों के आक्रमण के समय इस मूर्ति को सुरक्षा की दृष्टि से नाथद्वारा ले आया गया था।

इतिहास

नाथद्वारा प्राचीन सिंहाड़ ग्राम के स्थान पर बसा हुआ है। कहा जाता है कि मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के शासन काल में मथुरा-वृन्दावन में भयंकर तबाही रहा करती थी। इस तबाही से मूर्तियों की पवित्रता को बचाने के लिये श्रीनाथ जी की मूर्ति नाथद्वारा लायी गई थी। मूर्ति को नाथद्वारा लाने का काम मेवाड़ के राजा राजसिंह ने किया। जिस बैलगाडी में श्रीनाथजी लाये जा रहे थे, उस बैलगाड़ी के पहिये नाथद्वारा में आकर ही मिट्टी में धंस गये और लाख कोशिशों के बाद भी पहियों को निकाला नहीं जा सका। तब पुजारियों ने श्रीनाथजी को यहीं स्थापित कर दिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

[1]

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 491 |

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