हयमुख
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- सांकाश्य के निकट हयमुख पर चीनी यात्री युवानच्वांग ने 1000 बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति का वर्णन किया है।
- यह सम्भवतः कान्यकुब्ज के निकट अश्वतीर्थ नामक स्थान था।
- कनिंघम ने इसका अभिज्ञान डोंडीखेड़ा नामक स्थान से किया है।
- जो प्रयाग से 104 मील उत्तर-पश्चिम में है।
- बील ने इस अभिज्ञान को नहीं माना है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रेकाड्र्स ग्राव वेस्टर्न कंट्रीज 1,229
बाहरी कड़ियाँ
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