कलिका माता का मन्दिर चित्तौड़गढ़

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कलिका माता का मन्दिर चित्तौड़गढ़
कलिका माता का मन्दिर, चित्तौड़गढ़
कलिका माता का मन्दिर, चित्तौड़गढ़
विवरण कलिका माता का मन्दिर मूल रुप से एक सूर्य मंदिर था।
राज्य राजस्थान
ज़िला चित्तौड़गढ़
निर्माता मेवाड़ के गुहिलवंशीय
स्थापना 9 वीं शताब्दी
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 24° 52' 52.45", पूर्व- 74° 38' 39.03"
मार्ग स्थिति कलिका माता का मन्दिर, चित्तौड़गढ़ बूँदी रोड से 5.3 किमी की दूरी पर स्थित है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन, चंडेरिया रेलवे स्टेशन, शंभूपुरा रेलवे स्टेशन
बस अड्डा मुरली बस अड्डा
यातायात स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 01472
ए.टी.एम लगभग सभी
गूगल मानचित्र
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अन्य जानकारी मंदिर के स्तम्भों, छतों तथा अन्तःद्वार पर खुदाई का काम दर्शनीय है।
अद्यतन‎

कलिका माता का मन्दिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है। पद्मिनी के महलों के उत्तर में कालिका माता का सुन्दर, ऊँची कुर्सीवाला विशाल महल है।

  • इस मंदिर का निर्माण संभवतः 9 वीं शताब्दी में मेवाड़ के गुहिलवंशीय राजाओं ने करवाया था।
  • मूल रुप से यह मंदिर एक सूर्य मंदिर था।
  • निज मंदिर के द्वार तथा गर्भगृह के बाहरी पार्श्व के ताखों में स्थापित सूर्य की मूर्तियाँ इसका प्रमाण है।
  • बाद इसमें कालिका की मूर्ति स्थापित की गई।
  • मंदिर के स्तम्भों, छतों तथा अन्तःद्वार पर खुदाई का काम दर्शनीय है।
  • महाराणा सज्जनसिंह ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था, क्योंकि इस मंदिर में मूर्ति प्रतिष्ठा वैशाख शुक्ल अष्टमी को हुई थी, अतः प्रति वर्ष यहाँ एक विशाल मेला लगता है।


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