निबन्ध

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:22, 2 मार्च 2013 का अवतरण (''''निबन्ध''' का हिन्दी गद्य साहित्य में बड़ा ही महत्त...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

निबन्ध का हिन्दी गद्य साहित्य में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। यह गद्य लेखन की एक विशेष विधा है। किसी भी विषय पर यदि कुछ लिखना हो या फिर कहना हो, तब निबन्ध का ही सहारा लिया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में संदर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। इसे अंग्रेज़ी भाषा के 'कम्पोज़ीशन' और 'एस्से' के अर्थ में स्वीकार किया जाता है। प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। प्राय: उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी। आजकल के निबंध संस्कृत निबंधों से बिल्कुल उलट हैं।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख