अंगुश्ताना
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अंगुश्ताना सूई से सिलाई करते समय अंगुली पर पहना जाता है। यह पीतल या लोहे की एक छोटी-सी टोपी होती है, जिसमें छोटे-छोटे गड्डे बने रहते हैं।
- इसे दरजी लोग कपड़ा सीते समय एक अँगुली में पहन लेते हैं, जिससे सूई चुभ न जाये।
- अंगुश्ताना से दरजी सूई को उसका पिछला हिस्सा दबाकर आगे बढ़ाते हैं।
- कपड़ों में जब सूई से बहुत ही महीन टांके या तुरपन की जाती है, तब अंगुश्ताना का प्रयोग अधिक किया जाता है।
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