लोककथा संग्रहालय, मैसूर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:28, 14 मई 2013 का अवतरण (Text replace - "काफी " to "काफ़ी ")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
लोककथा संग्रहालय, मैसूर
लोककथा संग्रहालय
लोककथा संग्रहालय
विवरण यह मैसूर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है।
राज्य कर्नाटक
नगर मैसूर
स्थापना 1968
भौगोलिक स्थिति 12° 18′ 49.15″ उत्तर, 76° 37′ 20.36″ पूर्व
गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है।

लोककथा संग्रहालय मैसूर नगर कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह मैसूर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है।

विशेषता

लोककथा संग्रहालय में 15 हजार से अधिक लोककथाओं तथा पुरातात्विक महत्व की चीजों का संकलन किया गया है। इसे दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय माना जाता है। इसमें गुजरे हुए जमाने की पहचान करने का अवसर मिलता है। उल्लेखनीय है कि जिस जयलक्ष्मीविलास महल में यह संग्रहालय स्थित है, वह काफ़ी पुराना होने के कारण ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया था। हाल ही में इस भवन की मरम्मत तथा नवनिर्माण भी किया गया है। इस कार्य में 2 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संग्रहालयों का भी शहर है मैसूर (हिंदी) (एच.टी.एम.एल) दक्षिण भारत राष्ट्रमत। अभिगमन तिथि: 1 जनवरी, 2013।

संबंधित लेख