विश्व शरणार्थी दिवस
विश्व शरणार्थी दिवस
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विवरण | विश्व शरणार्थी दिवस प्रत्येक वर्ष 20 जून को उन लोगों के साहस, शक्ति और संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है, जिन्हें प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा की चुनौतियों के कारण अपना देश छोड़कर बाहर भागने को मजबूर होना पड़ता है। |
तिथि | 20 जून |
उद्देश्य | शरणार्थियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करना और उनकी समस्याओं को हल करना। |
शुरुआत | दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने 'अफ्रीका शरणार्थी दिवस' यानी 20 जून को प्रतिवर्ष 'विश्व शरणार्थी दिवस' मनाने का निर्णय लिया। वर्ष 2001 से प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 जून को 'विश्व शरणार्थी दिवस' मनाया जा रहा है। |
अन्य जानकारी | वर्ष 2013 के विश्व शरणार्थी दिवस का विषय रखा गया- पलायन करने को मजबूर किसी परिवार की 1 मिनट के लिए सहायता करें। |
अद्यतन | 20:02, 29 मई 2015 (IST)
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विश्व शरणार्थी दिवस (अंग्रेज़ी: World Refugee Day) प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्वभर में मनाया जाता है। वर्ष 2013 के विश्व शरणार्थी दिवस का विषय रखा गया-पलायन करने को मजबूर किसी परिवार की 1 मिनट के लिए सहायता करें। वर्ष 2012 के विश्व शरणार्थी दिवस का विषय था- "शरणार्थियों के पास कोई विकल्प नहीं है, आपके पास है।"
उद्देश्य
यह दिवस प्रत्येक वर्ष 20 जून को उन लोगों के साहस, शक्ति और संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है, जिन्हें प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा की चुनौतियों के कारण अपना देश छोड़कर बाहर भागने को मजबूर होना पड़ता है। शरणार्थियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने और शरणार्थी समस्याओं को हल करने के लिए ही यह दिवस मनाया जाता है।
शुरुआत
दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने अफ्रीका शरणार्थी दिवस यानी 20 जून को प्रतिवर्ष विश्व शरणार्थी दिवस मनाने का निर्णय लिया। वर्ष 2001 से प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का मुख्य कारण लोगों में जागरुकता फैलानी है कि कोई भी इंसान अमान्य नहीं होता फिर चाहे वह किसी भी देश का हो। एकता और समंवय की भावना रखते हुए हमें सभी को मान्यता देनी चाहिए। म्यांमार, लीबिया, सीरिया, अफ़ग़ानिस्तान, मलेशिया, यूनान और अधिकांश अफ़्रीकी देशों से हर साल लाखों नागरिक दूसरे देशों में शरणार्थी के रूप में शरण लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यू.एन.एच.सी.आर. (United Nations High Commissioner for Refugees) शरणार्थी लोगों की सहायता करती है। अफ्रीकी एकता संगठन (OAU) भी 20 जून के लिए सहमत हो गया क्योंकि अफ्रीकी शरणार्थी दिवस अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस के साथ मेल खाता है।
क्यों मनाया जाता है
यह दिवस आये हुए शरणार्थियों के साहस, संकल्प और शक्ति के प्रति सम्मान जताने के लिए मनाया जाता है। ताकि हर किसी का ध्यान इनकी तरफ जाए और हर कोई इनकी जरूरतों व इनकी मजबूरी मुश्किलों को समझकर मदद के लिए आगे आएं और इनकी समस्या का कोई हल निकाल सकें। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएनएचआरसी ये सुनिश्चित करने का काम करती है कि कोई भी इंसान अमान्य नहीं होता है। हर इंसान की अपनी कीमत होती है और हर इंसान अपने आप में सम्मान पाने के लायक होता है। इसलिए अगर कोई भी युद्ध, हिंसा, आपदा जैसी समस्या के चलते पलायन करने पर मजबूर होता है तो उसका अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है। उसकी मदद की जानी चाहिए और उनकी समस्याओं का हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिए।
यूएनएचआरसी के मुताबिक हर शरणार्थी को आम इंसान के जैसे ही सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है। उन्हें भी बाकियों के जैसे घर, भोजन व शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों का लाभ उठाने का अधिकार है। उनकी इन्हीं जरूरतों को पूरा करने का काम यूएनएचआरसी करती है ताकि वे मानवीय अधिकारों से वंचित ना रह सकें।[1]
कुछ आंकड़े
दुनिया भर में शरणार्थियों का समर्थन करने के लिए दुनिया भर से बीस से अधिक हस्तियों ने 30 सेकंड की एक वीडियो श्रृंखला जारी की। इस वीडियो में, मशहूर हस्तियों ने विश्व शरणार्थी दिवस 2014 के समन्वित अभियान के हिस्से के रूप में शरणार्थियों का समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) की वार्षिक ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार, आंतरिक रूप से विस्थापित और दुनिया भर में शरण चाहने वालों सहित शरणार्थियों की संख्या पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे ज्यादा है, जो वर्ष 2013 में 50 लाख को पार कर गया। यू.एन.एच.सी.आर. की रिपोर्ट सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित है। वर्ष 2013 के आँकड़ों में शरणार्थियों की संख्या में 6 मिलियन की वृद्धि हुई जो वर्ष 2012 में 45.2 मिलियन थी।[2]
कोट्स
हर लम्हा एक मोहाजिर है आया था जो आया फिर है,
तब के तबक़े से बेदख़ल अब के क़स्बे में हाज़िर है।
- Refugees are not terrorists. They are often the first victims of terrorism. (António Manuel de Oliveira Guterres)
- A refugee is someone who survived and who can create the future. (Amela Koluder)
- No one puts their children in a boat unless the water is safer than the land. (Warsan Shire)
- Injustice anywhere is a threat to justice everywhere. (Martin Luther King Jr.)
- No one leaves home unless home is the mouth of a shark. (Warsan Shire)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व शरणार्थी दिवस, (हिंदी) timesnowhindi.com। अभिगमन तिथि: 21 जून, 2020।
- ↑ Gs Update For Competition (हिन्दी) फेसबुक वॉल। अभिगमन तिथि: 29 मई, 2015।
बाहरी कड़ियाँ
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