शहज़ादा परवेज़

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जहाँगीर अपने पुत्र ख़ुसरो मिर्ज़ा और शहज़ादा परवेज़ के साथ
  • शहज़ादा परवेज़ बादशाह जहाँगीर का दूसरा लड़का था।
  • उसके बड़े भाई शहज़ादा खुसरो को अन्धा कर दिए जाने के बाद उसे युवराज बनाया गया।
  • कुछ समय बाद परवेज़ को मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए भेजा गया।
  • वह इस्लामाबाद तथा दक्खिन में ऊँचे पदों पर रहा था।
  • परवेज़ के छोटे भाई शहज़ादा ख़ुर्रम (बाद में शाहजहाँ) ने जब जहाँगीर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, तब उसने पिता का साथ दिया।
  • सन 1624 ई. में इलाहाबाद के निकट 'डमडम की लड़ाई' में परवेज़ ने शहज़ादा ख़ुर्रम को पराजित किया।
  • इसके बाद परवेज़ को गुजरात का सूबेदार बना दिया गया।
  • अपनी अत्यधिक शराब पीने की आदत के कारण 1626 ई. में शहज़ादा परवेज़ की मृत्यु हो गई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 233।

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