प्रमोद करण सेठी

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प्रमोद करण सेठी
प्रमोद करण सेठी
प्रमोद करण सेठी
पूरा नाम प्रमोद करण सेठी
जन्म 28 नवंबर 1927
जन्म भूमि वाराणसी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 6 जनवरी, 2008
मृत्यु स्थान जयपुर, राजस्थान
कर्म-क्षेत्र चिकित्सक
शिक्षा मास्टर ऑफ सर्जरी (एम.एस.), एफ.आर.सी.एस
विद्यालय आगरा विश्वविद्यालय
पुरस्कार-उपाधि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, पद्मश्री
विशेष योगदान प्रमोद करण सेठी दुनियाभर में मशहूर जयपुरिया पैर (कृत्रिम पैर) के जनक थे।
नागरिकता भारतीय

प्रमोद करण सेठी (अंग्रेज़ी: Pramod Karan Sethi, जन्म: 28 नवंबर 1927; मृत्यु: 6 जनवरी, 2008) जयपुरिया पैर (कृत्रिम पैर) का निर्माण करने वाले प्रसिद्ध भारतीय चिकित्सक थे, जो रेमन मैग्सेसे पुरस्कारपद्मश्री से सम्मानित थे।

जीवन परिचय

डॉक्टर प्रमोद करण सेठी का जन्म 28 नवम्बर 1927 को बनारस में हुआ था। इनके पिता का नाम डॉक्टर एन. के. सेठी था जो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर थे। डॉक्टर प्रमोद करण सेठी ने आगरा विश्वविद्यालय से सात विषयों में सर्वोच्च अंकों के साथ एमबीबीएस की परीक्षा में सफल रहे और 1952 में मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) की उपाधि हासिल की। डॉ. सेठी ने 1954 में इंग्लैंड के एडिनबरा से एफ.आर.सी.एस की डिग्री भी ली थी। प्रमोद करण सेठी दुनियाभर में मशहूर जयपुरिया पैर (कृत्रिम पैर) के जनक थे। श्री रामचन्द्र शर्मा के साथ मिलकर उन्होंने सन 1969 में जयपुरिया पैर नामक सस्ता एवं लचीला कृत्रिम पैर का विकास किया।

सम्मान और पुरस्कार

डॉक्टर प्रमोद करण सेठी हड्डी रोग विशेषज्ञ थे और मैग्सेसेपद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित थे। जयपुर के नाम पर रखे गए 'जयपुर फुट' अस्पताल को पूरी दुनिया में इतने लोगों ने इस्तेमाल किया कि डॉक्टर सेठी को इसके लिए 'गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकार्ड' में स्थान दिया गया। मशहूर अभिनेत्री सुधा चंद्रन को भी जयपुर फुट अस्पताल से ही नई जिंदगी मिली थी।

निधन

डॉक्टर प्रमोद करण सेठी की मृत्यु 6 जनवरी, 2008 को जयपुर में हुई थी।


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