श्वेतपर्वत
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श्वेतपर्वत का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है-
'श्वेतपर्वतमासाद्यन्यविशत् पुरुषर्षभः।'[1]
'स श्वेतपर्वतं वीरः समतिक्रम्य वीर्यवान्, देशं किंपुरुषावासं द्रुभपुत्रेण रक्षितम्।'[2]
- 'श्वेतपर्वत' श्वेतगिरि का ही पर्याय जान पड़ता है। इसका अभिज्ञान 'धवलगिरि' या 'धौलागिरि' नामक हिमालय शृंग से किया गया है।[3]
- इस पर्वत के उत्तर में हिरण्यकवर्ष की स्थिति बताई गई है। हिरण्यक (हिरण्मय) मंगोलिया या दक्षिणी साइबेरिया का प्रदेश जान पड़ता है।
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