न्हैचिया

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सिंचाई के दौरान न्हैचिया पर चलते बैल

न्हैचिया उस ढलान को कहते थे जिस पर चलकर बैल प्राचीन समय में खेतों में सिंचाई के दौरान 'चर्स' या 'पुर' द्वारा पानी खींचते थे। कई जगहों पर आज भी इस तरह से सिंचाई की जाती है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी की फ़ेसबुक वॉल से उद्धृत

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