वैताढ्य पर्वत

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वैताढ्य विंध्याचल पर्वत का एक नाम है, जिसका उल्लेख जैन ग्रंथ 'जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति' में है।[1]

  • इस पर्वत के द्वारा भारतवर्ष को 'आर्यावर्त' तथा 'दाक्षिणात्य' दो भागों में विभाजित माना गया है-
  • वैताढ्य पर्वत के सिद्धायतन, तमिस्त्रा, गुहा आदि नौ शिखर गिनाए गए है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 878 |
  2. जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति, 1, 12

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