दुर्गेशनन्दिनी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
दिनेश (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:52, 9 जून 2020 का अवतरण ('thumb|200px|दुर्गेशनन्दिनी '''दुर्गेशनन्दि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
दुर्गेशनन्दिनी

दुर्गेशनन्दिनी (अंग्रेज़ी: Durgeshnandini) बांग्ला भाषा में लिखा गया प्रसिद्ध उपन्यास है, जिसके रचनाकार ख्यातिप्राप्त बांग्ला साहित्यकार बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय थे।

  • सन 1865 के मार्च में दुर्गेशनन्दिनी उपन्यास प्रकाशित हुआ।
  • दुर्गेशनन्दिनी बंकिमचन्द्र की चौबीस से लेकर 26 वर्ष के आयु में लिखित उपन्यास है।
  • इस उपन्यास के प्रकाशित होने के बाद बांग्ला कथा साहित्य की धारा एक नये युग में प्रवेश कर गयी।
  • 16वीं शताब्दी के उड़ीसा को केन्द्र में रखकर मुग़लों और पठानों के आपसी संघर्ष की पृष्टभूमि में यह उपन्यास रचित है। फिर भी इसे सम्पूर्ण रूप से एक ऐतिहासिक उपन्यास नहीं माना जा सकता।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख