रामदास अठावले
रामदास अठावले
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पूरा नाम | रामदास बंडु अठावले |
जन्म | 25 दिसंबर, 1959 |
जन्म भूमि | अगलगाँव, ज़िला सांगली जिला, महाराष्ट्र |
अभिभावक | पिता- बंडु बापू, माता- होंसाबाई बंडु अठावले |
पति/पत्नी | सीमा अठावले |
संतान | पुत्र- जीत अठावले |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री, भारत सरकार |
कार्य काल | 5 जुलाई, 2016 से प्रारम्भ |
शिक्षा | कला स्नातक (बी.ए.), एलएलबी |
विद्यालय | सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ लॉ, मुंबई |
चुनाव क्षेत्र | पंढरपुर |
अन्य जानकारी | रामदास अठावले 'भौमिका' नामक एक साप्ताहिक पत्रिका के संपादक रह चुके हैं। इसके अलावा साहित्य महामंडल के संस्थापक सदस्य हैं। |
अद्यतन | 11:59, 14 जुलाई 2021 (IST)
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रामदास बंडु अठावले (अंग्रेज़ी: Ramdas Bandu Athawale, जन्म- 25 दिसंबर, 1959) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो महाराष्ट्र से हैं। वे रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष के रूप में जाने जाते हैं। वह नरेंद्र मोदी की सरकार में 'सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री' के पद को संभाल रहे हैं और राज्य सभा में महाराष्ट्र का नेतृत्व कर रहे हैं। इससे पूर्व रामदास अठावले लोक सभा में पंढरपुर से सांसद थे।
परिचय
रामदास अठावले का जन्म 25 दिसंबर, 1959 को अगलगाँव, ज़िला सांगली जिला, महाराष्ट्र में हुआ था। वह बौद्ध धर्म के मानने वाले हैं। उनके पिता का नाम बंडु बापू तथा माता का नाम होंसाबाई बंडु अठावले है। रामदास अठावले ने सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ लॉ, मुंबई से कला स्नातक (बी.ए.) किया और फिर एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। उनकी पत्नी सीमा अठावले हैं। पुत्र का नाम जीत अठावले है।
रामदास अठावले 'भौमिका' नामक एक साप्ताहिक पत्रिका के संपादक रह चुके हैं। इसके अलावा साहित्य महामंडल के संस्थापक सदस्य हैं। बाबासाहेब अम्बेडकर फाउंडेशन और बूढ़ा कलावंत अकादमी (बौद्ध कलाकार अकादमी) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने बुद्ध धम्म परिषद (बौद्ध सम्मेलन) के संस्थापक अध्यक्ष का भी पद संभाला है। रामदास अठावले एक मराठी फिल्म 'Anyayacha Pratikar' में शीर्षक की भूमिका में थे और एक अन्य मराठी फिल्म 'जोशी की कांबले' में कुछ साधारण भूमिका में थे। इसके साथ ही एक नाटक 'प्याला' जैसी मराठी नाटकों में भी भूमिकाएं निभाईं।[1]
राजनीतिक सफर
सन 1974 में दलित पैंथर मूवमेंट के विभाजन के बाद रामदास अठावले ने अरुण कांबले और गंगाधर गाडे के साथ मिलकर दलित राजनीति का महाराष्ट्र में नेतृत्व किया। रामदास अठावले का ये कदम रिपब्लकिन पार्टी ऑफ इंडिया में फूट का कारण बना। उसके बाद अठावले ने अपनी पार्टी रिपब्लकिन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) बनाई। वह 1990 से 1996 के बीच महाराष्ट्र विधान परिषद में सदस्य रहे। इस दौरान अठावले ने महाराष्ट्र सरकार में सोशल वेलफेयर एंड ट्रांसपोर्ट विभाग में कैबिनेट मंत्री का दायित्व निभाया।
सन 1998-1999 के दौरान 12वीं लोकसभा में अठावले मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से सांसद का चुनाव जीते। उसके बाद 1999 में 13वीं लोकसभा और 2004 में 14वीं लोकसभा में भी अठावले पंढरपुर लोकसभा सीट से जीतकर संसद में पहुंचे। 2009 में रामदास अठावले ने शिर्डी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2011 में अठावले ने एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन से किनारा कर लिया। इसके बाद अठावले की पार्टी ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव में शिवसेना-भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा।
रामदास अठावले दलित वोट को अपने पक्ष में कराने में माहिर हैं। इस वजह से रामदास अठावले ने अलग-अलग पार्टियों के साथ गठबंधन बनाया। 2014 के लोकसभा चुनाव में अठावले की पार्टी ने, एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। 2014 में अठावले राज्यसभा सदस्य बने और 6 जुलाई 2016 को वे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्यमंत्री बने।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रामदास अठावले का जीवन परिचय (हिंदी) oyehero.com। अभिगमन तिथि: 08 अगस्त, 2020।
- ↑ विवादित बयानों के सरताज (हिंदी) aajtak.intoday.in। अभिगमन तिथि: 08 अगस्त, 2020।
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