विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस

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विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस
विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस
विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस
विवरण 'विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस' पूरे विश्व में मनाया जाता है जो कि मुँह की साफ-सफाई आदि से सम्बंधित है।
स्तर विश्व स्तर पर
तिथि 20 मार्च
शुरुआत 2013
उद्देश्य दांत व मुँह की सफाई कितनी ज्यादा जरूरी है, इसके लिये सभी को जागरूक करना।
अन्य जानकारी विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस पहली बार 12 सितंबर, 2007 को एफडीआई वर्ल्ड डेंटल फेडरेशन द्वारा शुरू किए गए विश्व मौखिक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस के रूप में मनाया गया था।
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विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस (अंग्रेज़ी: World Oral Health Day) प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को मनाया जाता है। दांतों की सफाई कितनी ज्यादा जरूरी है, इससे सभी को जागरूक करने के लिए ही हर साल 'वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे' (विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस) मनाया जाता है। वैश्विक तौर पर इसे मनाया जाता है, जिसका मकसद मुंह की सही सफाई, मुंह से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करना और अच्छी ओरल हेल्थ से सभी को परिचित कराना है।

इतिहास

विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस पहली बार 12 सितंबर, 2007 को एफडीआई वर्ल्ड डेंटल फेडरेशन द्वारा शुरू किए गए विश्व मौखिक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस के रूप में मनाया गया था। हालांकि, 2013 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से एफडीआई ने विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस के लिए आधिकारिक तारीख के रूप में 20 मार्च की स्थापना की। इस दिन का उद्देश्य मुख्य रूप से अच्छे मुंह के स्वास्थ्य के महत्व को जागरूकता बढ़ाना और अच्छी मुंह की स्वच्छता के अभ्यासों को बढ़ावा देना है। एफडीआई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वीकार किया कि मुंह का स्वास्थ्य अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है, और कई लोग इसके असर को अपने स्वास्थ्य और आरोग्य पर नहीं समझते हैं।

इसकी स्थापना के बाद से विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस को हर साल 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है। यह दिन मुंह स्वास्थ्य के महत्व को बढ़ाने में मदद करता है और व्यक्तियों को स्वस्थ मुंह की देखभाल के लिए प्रेरित करता है। एफडीआई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्वव्यापी मुंह स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और मुंह के स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुधारने के लिए साथ में काम करते रहते हैं।

थीम

  • साल 2024 में विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस की थीम 'ए हैप्पी माउथ इज ए हैप्पी बॉडी' है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक तौर पर मुंह से जुड़ी बीमारियों से 3.5 बिलियन लोग प्रभावित हुए हैं और यह संख्या साल 1990 से 2019 के बीच एक बिलियन तक बढ़ी है। ऐसे में मुंह की बीमारियों से बचे रहने के लिए ओरल हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी होता है।[1]
  • साल 2023 के लिए थीम थी- ‘अपने मुँह से गर्व करो’, जो पिछले तीन सालों से उपयोग की जाने वाली थीम थी।

शुरुआत

वर्ल्ड डेंटल फेडरेशन ने साल 2013 में लोगों में मुंह की सफाई और मुंह को स्वस्थ रखने के लिए 'वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे' मनाने की शुरुआत की थी। इसके बाद से हर साल 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है। साथ ही कैंपेन भी लांच किया गया।

क्यों जरूरी है ओरल हेल्थ?

मसूड़े और दांतों की साफ-सफाई बेहद जरूरी है क्योंकि जिसे आप छोटी बात समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, वह कब भयंकर बीमारी का रूप ले ले किसी को नहीं पता है। ओरल हेल्थ एक इंसान के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आपका ओरल हेल्थ खराब होगा तो दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। आज के समय में अधिकतर लोग दांत और मसूड़े की बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिसके कारण कई सारी बीमारियां भी होने का खतरा बढ़ जाता है। बैड ओरल हेल्थ दांत को कमजोर करने के साथ-साथ मसूड़े भी खराब कर देती है। कई सारी स्टडी में इस बात का खुलासा किया है कि ओरल हेल्थ पर पूरी सेहत टिकी हुई है।[2]

इरेक्टाइल डिसफंक्शन

मसूड़ों और दांतों की साफ-सफाई न रखने की आदत इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा बढ़ाती है। मुंह में मौजूद बैक्टीरिया जब रक्त तक पहुंचती है तो केवल हृदय ही नहीं बल्कि दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ाती है। साल 2019 में क्रॉनिक पीरियोडेंटिस और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बीच का कनेक्शन पता चला था।

कैंसर का खतरा

तंबाकू और धूम्रपान की वजह से दांतों में मौजूद गंदगी बैक्टीरिया के कैंसर का रिस्क बढ़ाती है। जॉन्स हॉपकिंस मेडिसिन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पेरियोडोंटाइटिस वाले मरीजों में कैंसर का जोखिम 24 प्रतिशत अधिक रहता है, खासतौर पर ये पैन्क्रियाज कैंसर के मामले बढ़ाते हैं।

डायबिटीज की बीमारी

जिन लोगों के मसूड़ों में दिक्कत होती है उन्हें डायबिटीज (मधुमेह) का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक मसूड़ों की बीमारी में सूजन पैदा होती है। जिसके कारण हाई ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। बैड ओरल हेल्थ फेफड़ों की बीमारी का खतरा भी पैदा करता है। साल 2021 की स्टडी के मुताबिक मसूड़ों में सूजन के कारण किडनी 10 प्रतिशत फंक्शन करना कम कर देता है।

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • ओरल हेल्थ बनाए रखने के लिए रोजाना सुबह और शाम दांतों को ब्रश करना जरूरी है। मुंह में प्लाक और गंदगी जमी हो तो उसे निकालें। इसके अलावा, जब भी ब्रश करें तो दांतों के हर कोने में 2 मिनट तक मलें।[1]
  • दांतों में कैविटी नहीं हो रही, यह सुनिश्चित करने के लिए रेग्यूलर डेंटल चेक-अप्स कराते रहें। रेग्यूलर क्लीन अप भी कराते रहना चाहिए, जिससे दांतों के किसी कोने में प्लाक या पीलापन ना जमा रहे।
  • मुंह की अच्छी सफाई के लिए दातों को माउथवॉश और फ्लॉस से साफ करें। इससे दांतों के कोनों की तो अच्छी सफाई होती ही है, साथ ही मसूड़े भी साफ रहते हैं और मुंह में जमे नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म जीवाणु भी निकल जाते हैं।
  • हेल्थी माउथ के लिए दांतों के साथ ही जीभ का सही तरह से साफ होना भी जरूरी होता है। इसके लिए टंग क्लीनर का इस्तेमाल करें। टंग क्लीनर का इस्तेमाल करने से जीभ पर जमी गंदगी हटती है। इससे मुंह से बदबू आने की दिक्कत से भी निजात मिल जाता है।
  • अपने खानपान में उन चीजों को शामिल करें जो दांतों को प्राकृतिक रूप से साफ रखती हैं, जैसे नींबू, स्ट्रॉबेरी और संतरा आदि।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 आज है वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे (हिंदी) ndtv.in। अभिगमन तिथि: 21 मार्च, 2024।
  2. मुंह की वो 5 बीमारियां, जिन्हें आप हल्के में लेते हैं और ये कैंसर बन जाती हैं! (हिंदी) abplive.com। अभिगमन तिथि: 21 मार्च, 2024।

बाहरी कड़ियाँ

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