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*यहाँ हमेशा देशी-विदेशी सैलानियों की आवाजाही बनी रहती है, जिसके चलते बहुत से लोगों का पेशा पर्यटन से परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है।
 
*झुंझुनू, मुकुंदगढ़ और फतेहपुर से जुड़ा होने के कारण यह शहर अब [[दिल्ली]], [[जयपुर]] और बीकानेर से भी जुड़ गया है।
 
*झुंझुनू, मुकुंदगढ़ और फतेहपुर से जुड़ा होने के कारण यह शहर अब [[दिल्ली]], [[जयपुर]] और बीकानेर से भी जुड़ गया है।
*मंडवा में क़िला, रेत के धोरे, पारदर्शी शिवलिंग आदि दर्शनीय स्थल हैं। इनके आलावा यहाँ ऐसी हवेलियाँ हैं, जिनके नयनाभिराम भित्ति चित्रों को देखकर सैलानी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।<ref>{{cite web |url=http://jhunjhunu.20m.com/blank_1.html |title=झुंझुनू का पर्यटन वैभव|accessmonthday=25 दिसम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[2012]]}}</ref>
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*मंडवा में क़िला, रेत के धोरे, पारदर्शी शिवलिंग आदि दर्शनीय स्थल हैं। इनके अलावा यहाँ ऐसी हवेलियाँ हैं, जिनके नयनाभिराम भित्ति चित्रों को देखकर सैलानी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।<ref>{{cite web |url=http://jhunjhunu.20m.com/blank_1.html |title=झुंझुनू का पर्यटन वैभव|accessmonthday=25 दिसम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[2012]]}}</ref>
  
 
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14:20, 13 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण

मंडावा राजस्थान के झुंझुनू ज़िले में स्थित एक शहर है। यह शेखावाटी क्षेत्र का हिस्सा है और एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह उत्तर में जयपुर से 190 कि.मी. दूर स्थित है। मंडावा अपने क़िले और हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है।

  • सेठ साहूकार और रजवाड़ों का गाँव मंडावा झुंझुनू से बीकानेर के रास्ते में झुंझुनू से 27 कि.मी. दूर है।
  • यहाँ हमेशा देशी-विदेशी सैलानियों की आवाजाही बनी रहती है, जिसके चलते बहुत से लोगों का पेशा पर्यटन से परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है।
  • झुंझुनू, मुकुंदगढ़ और फतेहपुर से जुड़ा होने के कारण यह शहर अब दिल्ली, जयपुर और बीकानेर से भी जुड़ गया है।
  • मंडवा में क़िला, रेत के धोरे, पारदर्शी शिवलिंग आदि दर्शनीय स्थल हैं। इनके अलावा यहाँ ऐसी हवेलियाँ हैं, जिनके नयनाभिराम भित्ति चित्रों को देखकर सैलानी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. झुंझुनू का पर्यटन वैभव (2012)। । अभिगमन तिथि: 25 दिसम्बर, 2012।

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