"जामा मस्जिद अहमदाबाद" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो
पंक्ति 38: पंक्ति 38:
 
|अन्य जानकारी=सन 1818 में इसकी मीनारें भूचाल में गिर गई थीं। झूलती मीनारें आज दूर से ही देखी जा सकती हैं।
 
|अन्य जानकारी=सन 1818 में इसकी मीनारें भूचाल में गिर गई थीं। झूलती मीनारें आज दूर से ही देखी जा सकती हैं।
 
|बाहरी कड़ियाँ=
 
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
+
|अद्यतन={{अद्यतन|14:07, 24 जनवरी 2012 (IST)}}
 
}}
 
}}
 
'''जामा मस्जिद''' [[गुजरात]] के [[अहमदाबाद]] में स्थित ख़ूबसूरत मस्जिद है।
 
'''जामा मस्जिद''' [[गुजरात]] के [[अहमदाबाद]] में स्थित ख़ूबसूरत मस्जिद है।

08:37, 24 जनवरी 2012 का अवतरण

Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
जामा मस्जिद अहमदाबाद
जामा मस्जिद, अहमदाबाद
विवरण पिले पत्थर से बनी यह मस्जिद पूर्वी देशों की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद है तथा हिन्दू व मूस्लिम संस्कृति के अद्भुत संगम को दर्शाती है।
राज्य गुजरात
ज़िला अहमदाबाद
निर्माता अहमदशाह
निर्माण काल सन 1423
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 23.023822°- पूर्व- 72.587222°
मार्ग स्थिति जामा मस्जिद अहमदाबाद रेलवे स्टेशन से 14 किमी की दूरी पर स्थित है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन अहमदाबाद रेलवे स्टेशन
यातायात मेट्रो, सिटी बस, टैक्सी
क्या देखें झूलती मीनारें
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 079
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी सन 1818 में इसकी मीनारें भूचाल में गिर गई थीं। झूलती मीनारें आज दूर से ही देखी जा सकती हैं।
अद्यतन‎

जामा मस्जिद गुजरात के अहमदाबाद में स्थित ख़ूबसूरत मस्जिद है।

  • जामा मस्जिद का निर्माण अहमदशाह ने सन 1423 में करवाया था।
  • जामा मस्जिद बेहतरीन कारीगरी का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करती है।
  • पिले पत्थर से बनी यह मस्जिद पूर्वी देशों की सबसे ख़ूबसूरत मस्जिद है तथा हिन्दू व मूस्लिम संस्कृति के अद्भुत संगम को दर्शाती है।
  • पुराने शहर की शान यह मस्जिद 80 खम्बों पर खड़ी है।
  • इसमें विभिन्न ऊँचाइयों पर 15 गुम्बद बने हुए है।
  • सन 1818 में इसकी मीनारें भूचाल में गिर गई थीं। झूलती मीनारें आज दूर से ही देखी जा सकती हैं।
  • मध्यकालीन मुस्लिम स्थापत्य कला की उत्कृष्ट उदाहरण इन मीनरों की एक खास विशेषता यह है कि एक मीनार पर दबाव पड़ने से दूसरी भी अपने आप हिलने लगती है। सम्भवतः इसीलीए ये झूलती मीनारें कहलाती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख