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[[उदयपुर]] [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है। और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। खास ओदी नामक स्थान बाँध के दक्षिणी तट पर स्थित है, जहाँ पर सिंह-शूकर युद्ध के लिए चौकोर मकान बना हुआ है। सीसारमा गाँव खास ओदी से कुछ दूर, पश्चिम में सरोवर के दक्षिणी सिरे के निकट है, जहाँ पर वैद्यनाथ नामक शिवालय देखने योग्य है। इस शिवालय को महाराणा [[संग्रामसिंह]] द्वितीय की माता [[देवकुमारी]] ने बनवाया था, जिसकी महाराणा ने विक्रम संवत 1772 को प्रतिष्ठा की। मंदिर में दो बड़ी-बड़ी शिलाओं पर विक्रम संवत 1774 की खुदी हुई प्रशस्ति लगी हुई है, जिसमें देवालय के प्रतिष्ठा से संबद्ध उत्सव का उल्लेख किया गया है।
 
[[उदयपुर]] [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है। और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। खास ओदी नामक स्थान बाँध के दक्षिणी तट पर स्थित है, जहाँ पर सिंह-शूकर युद्ध के लिए चौकोर मकान बना हुआ है। सीसारमा गाँव खास ओदी से कुछ दूर, पश्चिम में सरोवर के दक्षिणी सिरे के निकट है, जहाँ पर वैद्यनाथ नामक शिवालय देखने योग्य है। इस शिवालय को महाराणा [[संग्रामसिंह]] द्वितीय की माता [[देवकुमारी]] ने बनवाया था, जिसकी महाराणा ने विक्रम संवत 1772 को प्रतिष्ठा की। मंदिर में दो बड़ी-बड़ी शिलाओं पर विक्रम संवत 1774 की खुदी हुई प्रशस्ति लगी हुई है, जिसमें देवालय के प्रतिष्ठा से संबद्ध उत्सव का उल्लेख किया गया है।
  
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13:59, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण

उदयपुर राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है। और उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। खास ओदी नामक स्थान बाँध के दक्षिणी तट पर स्थित है, जहाँ पर सिंह-शूकर युद्ध के लिए चौकोर मकान बना हुआ है। सीसारमा गाँव खास ओदी से कुछ दूर, पश्चिम में सरोवर के दक्षिणी सिरे के निकट है, जहाँ पर वैद्यनाथ नामक शिवालय देखने योग्य है। इस शिवालय को महाराणा संग्रामसिंह द्वितीय की माता देवकुमारी ने बनवाया था, जिसकी महाराणा ने विक्रम संवत 1772 को प्रतिष्ठा की। मंदिर में दो बड़ी-बड़ी शिलाओं पर विक्रम संवत 1774 की खुदी हुई प्रशस्ति लगी हुई है, जिसमें देवालय के प्रतिष्ठा से संबद्ध उत्सव का उल्लेख किया गया है।

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