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'''दीवान-ए-रिसायत''' पद [[दीवान-ए-रसालत]] विभाग के अंतर्गत आता था।  
 
'''दीवान-ए-रिसायत''' पद [[दीवान-ए-रसालत]] विभाग के अंतर्गत आता था।  
  
[[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में [[सल्तनत काल]] में [[सुल्तान]] [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] ने बाज़ार नियंत्रण के लिए यह विभाग स्थापित किया था।
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*इस नये विभाग की स्थापना [[सुल्तान]] [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] ने बाजार नियन्त्रण व्यवस्था को कार्यान्वित करने के लिए की थी।
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*इसका कार्य सुल्तान के द्वारा बनायी गयी मूल्य सूची के आधार पर सभी वस्तुओं के क्रय-विक्रय का प्रबन्ध करना था।
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*सभी बाजार के लिए अलग-अलग अधीक्षक होते थे, जिन्हें 'शाहना-ए-मण्डी' कहा जाता था।
  
 
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16:37, 9 जून 2021 के समय का अवतरण

दीवान-ए-रिसायत पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत आता था।

  • इस नये विभाग की स्थापना सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलजी ने बाजार नियन्त्रण व्यवस्था को कार्यान्वित करने के लिए की थी।
  • इसका कार्य सुल्तान के द्वारा बनायी गयी मूल्य सूची के आधार पर सभी वस्तुओं के क्रय-विक्रय का प्रबन्ध करना था।
  • सभी बाजार के लिए अलग-अलग अधीक्षक होते थे, जिन्हें 'शाहना-ए-मण्डी' कहा जाता था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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