शिरडी

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शिरडी एक पवित्र धार्मिक स्थल है, जिसका आध्यात्मिक संत, योगी और फकीर साईं बाबा से घनिष्ठ सम्बन्ध है। शिरडी महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले की राहटा तहसील के अंतर्गत आने वाला एक कस्बा है। बड़ी संख्या में यहाँ साईं बाबा के भक्त उनके मन्दिर में दर्शनों के लिए आते हैं। साईं बाबा के भक्तों में सभी जाति-धर्म-पंथ के लोग शामिल हैं। जहाँ हिन्दू बाबा के चरणों में हार-फूल चढ़ाते, समाधि पर दूब रखकर अभिषेक करते हैं, वहीं मुस्लिम बाबा की समाधि पर चादर चढ़ाकर दुआएँ माँगते हैं। कुल मिलाकर शिरडी सर्वधर्म समभाव के धार्मिक सह-अस्तित्व का महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन यहाँ आने वाले भक्त तो इन सबके परे केवल मन में साईं बाबा के प्रति श्रद्धा और विश्वास के चलते खिंचे चले आते हैं।

स्थिति

साईं धाम के नाम से प्रसिद्ध शिरडी अहमदनगर-मनमाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 पर अहमदनगर से लगभग 83 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिरडी कोपरगाँव से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। साईं बाबा का प्रसिद्ध और विशाल मन्दिर यहाँ है, जिसके दर्शनों के लिए सिर्फ़ भारत ही नहीं अपितु विदेशों से भी काफ़ी बड़ी संख्या में भक्तजन आते हैं। 'शिरडी ही साईं बाबा है और साईं बाबा ही शिरडी', एक दूसरे का प्रत्यक्ष पर्यायवाची होने के साथ-साथ यह आध्यामिक स्थान भी है। गोदावरी नदी पार करने के पश्चात मार्ग सीधा शिरडी को जाता है। आठ मील चलने पर जब यात्री नीमगाँव पहुँचते हैं तो वहाँ से शिरडी दृष्टिगोचर होने लगती है।

बाबा का समाधि मंदिर

शिरडी में साईं बाबा का समाधि मंदिर है। कई श्रद्धालु यहाँ बाबा की समाधि पर चादर चढ़ाते हैं। ये सवा दो मीटर लंबी और एक मीटर चौड़ी होती है। समान्य दिनों में भी यहाँ श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ होती है कि दर्शन में एक घंटे तो लग ही जाते हैं। गुरुवार को कई घंटे लग सकते हैं। समाधि मंदिर के अलावा यहाँ द्वारकामाई का मंदिर चावडी और ताजिमखान बाबा चौक पर साईं भक्त अब्दुल्ला की झोपड़ी है। साई बाबा ने शिरडी में 1918 में समाधि ली थी। इससे पहले वे कई दशक शिरडी में रहे और इस दौरान कई चमत्कार किए। लोग कहते हैं कि साई बाबा ने कहा था कि एक समय आएगा, जब शिरडी में दूर-दूर से लोग आएँगे। साईं मंदिर में चार समय आरती होती है। 'काकड़ आरती' (प्रातःकालीन), 'मध्याह्न आरती', 'धूप आरती' और 'सेज आरती'।[1]

कैसे पहुँचें

शिरडी में हाल ही में एक रेलवे स्‍टेशन बनाया गया है, जो कि मंदिर से 10 कि.मी की दूरी पर है। यहाँ से भारत के सभी शहरों के लिए ट्रेन मिलती है। शिरडी जाने वाले भक्‍तों के लिए ट्रेन सबसे अच्‍छा माध्‍यम है। शिरडी फास्‍ट पास और जनशताब्‍दी जैसी ट्रेन मुम्बई से शिरडी के लिए चलाई गई हैं। कोपरगाँव और मनमाड़ रेलवे स्‍टेशन भी शिरडी से 13 और 52 कि.मी. की दूरी पर है। इन सभी जगहों से शिरडी जाने के लिए प्राइवेट टैक्‍सी भी मिल जाती है।[2] मुंबई से रोज रात को 10.55 बजे शिरडी पैसेंजर खुलती है तो दादर से हफ्ते में तीन दिन शिरडी के लिए एक्सप्रेस ट्रेन भी है।

कहाँ ठहरें

शिरडी में साईं भक्तों के लिए शिरडी ट्रस्ट की ओर से बड़ी संख्या में आवासीय सुविधा का प्रावधान है। सामान रखने के लिए लॉकर भी हैं। बड़ी संख्या में शिरडी पहुँचने वाले साईं भक्त यहाँ कुछ घंटे रुकने के बाद आस-पास के तीर्थ स्थलों की ओर प्रस्थान कर जाते हैं। यात्री साई ट्रस्ट में अपने आवास की एडवांस बुकिंग भी करा सकते हैं। वैसे शिरडी में बड़ी संख्या में प्राइवेट होटल भी हैं। शिरडी में स्थित सभी उद्यम, रेस्तरां, शोरूम, स्कूल, कॉलेज और होटल शहर के 10 किलोमीटर के दायर में ही हैं। इन सबके साथ साईं का नाम जुड़ा हुआ है। साईं शब्द के उच्चारण से आशा और आदर का भाव उत्पन्न होता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. साईं बाबा का शहर शिरडी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 सितम्बर, 2013।
  2. कैसे पहुँचें शिरडी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 सितम्बर, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

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