"ए. आर. किदवई" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''अख्लाक उर रहमान किदवई''' (अंग्रेज़ी: ''Akhlaq Ur Rehman Kidwai'', जन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''अख्लाक उर रहमान किदवई''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Akhlaq Ur Rehman Kidwai'', जन्म- [[1 जुलाई]], [[1921]]; मृत्यु- [[24 अगस्त]], [[2016]]) भारतीय राज्यों-  [[बिहार]], [[पश्चिम बंगाल]], [[राजस्थान]] और [[हरियाणा]] के भूतपूर्व [[राज्यपाल]] और सांसद थे। उन्‍हें '[[पद्म विभूषण]]' से नवाजा गया था। उन्‍होंने विज्ञान और शोध पर 40 कि‍ताबें लि‍खी थीं। शिक्षा जगत और सामाजिक सेवा में ए. आर. किदवई के योगदान के चलते [[भारत सरकार]] ने उनको यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का चेयरमैन और [[अलीगढ़ विश्वविद्यालय]] का चांसलर भी बनाया था।
+
{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
 +
|चित्र=A-R-Kidwai.jpg
 +
|चित्र का नाम=ए. आर. किदवई
 +
|पूरा नाम=अख्लाक उर रहमान किदवई
 +
|अन्य नाम=
 +
|जन्म=[[1 जुलाई]], [[1921]]
 +
|जन्म भूमि=बाराबंकी, [[उत्तर प्रदेश]]
 +
|मृत्यु=[[24 अगस्त]], [[2016]]
 +
|मृत्यु स्थान=[[नई दिल्ली]]
 +
|मृत्यु कारण=
 +
|अभिभावक=[[पिता]]- अशफिकुर रहमान किदवई<br />
 +
[[माता]]- नसीमुन्निसा
 +
|पति/पत्नी=जमीला किदवई
 +
|संतान=
 +
|स्मारक=
 +
|क़ब्र=
 +
|नागरिकता=भारतीय
 +
|प्रसिद्धि=
 +
|पार्टी=
 +
|पद='''राज्यपाल, हरियाणा'''- [[7 जुलाई]] [[2004]] से [[27 जुलाई]] [[2009]] तक<br />
 +
'''राज्यपाल, राजस्थान'''- [[21 जून]] [[2007]] से [[6 सितम्बर]] [[2007]] तक<br />
 +
'''राज्यपाल, पश्चिम बंगाल'''- [[27 अप्रॅल]] [[1998]] से [[18 मई]] [[1999]] तक<br />
 +
'''राज्यपाल, बिहार'''- [[14 अगस्त]] [[1993]] से [[26 अप्रॅल]] [[1998]] तक; पुन: [[20 सितम्बर]] [[1979]] से [[15 मार्च]] [[1985]] तक
 +
|कार्य काल=
 +
|शिक्षा=
 +
|भाषा=
 +
|विद्यालय=
 +
|जेल यात्रा=
 +
|पुरस्कार-उपाधि=[[पद्म विभूषण]] ([[2011]])
 +
|विशेष योगदान=
 +
|संबंधित लेख=[[राज्यपाल]], [[भारत के राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची]]
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|अन्य जानकारी=ए. आर. किदवई ने साइंस और रिसर्च पर 40 किताबें लिखी हैं। इन्‍हें [[25 जनवरी]], [[2011]] को '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन=
 +
}}'''अख्लाक उर रहमान किदवई''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Akhlaq Ur Rehman Kidwai'', जन्म- [[1 जुलाई]], [[1921]]; मृत्यु- [[24 अगस्त]], [[2016]]) भारतीय राज्यों-  [[बिहार]], [[पश्चिम बंगाल]], [[राजस्थान]] और [[हरियाणा]] के भूतपूर्व [[राज्यपाल]] और सांसद थे। उन्‍हें '[[पद्म विभूषण]]' से नवाजा गया था। उन्‍होंने विज्ञान और शोध पर 40 कि‍ताबें लि‍खी थीं। शिक्षा जगत और सामाजिक सेवा में ए. आर. किदवई के योगदान के चलते [[भारत सरकार]] ने उनको यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का चेयरमैन और [[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय|अलीगढ़ विश्वविद्यालय]] का चांसलर भी बनाया था।
 
==परिचय==
 
==परिचय==
 
ए. आर. किदवई का जन्म 1 जुलाई 1920 में बाराबंकी, [[उत्तर प्रदेश]] के मसौली गांव में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम अशफिकुर रहमान किदवई और [[माता]] का नाम नसीमुन्निसा था। इनकी शादी जमीला किदवई से हुई। इनके दो बेटे और चार बेटियां हैं। इनकी शिक्षा [[दिल्ली]] के जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से हुई। बाद में हायर एजुकेशन के लिए ए. आर. किदवई [[अमेरिका]] चले गए, जहां इन्होंने एमएससी और पीएचडी की शिक्षा ली।<ref name="pp">{{cite web |url= https://www.bhaskar.com/news/UP-LUCK-former-governor-a-r-kidwai-died-news-hindi-5403221-NOR.html|title=पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व गवर्नर एआर किदवई का निधन|accessmonthday=03 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bhaskar.com |language=हिंदी}}</ref>
 
ए. आर. किदवई का जन्म 1 जुलाई 1920 में बाराबंकी, [[उत्तर प्रदेश]] के मसौली गांव में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम अशफिकुर रहमान किदवई और [[माता]] का नाम नसीमुन्निसा था। इनकी शादी जमीला किदवई से हुई। इनके दो बेटे और चार बेटियां हैं। इनकी शिक्षा [[दिल्ली]] के जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से हुई। बाद में हायर एजुकेशन के लिए ए. आर. किदवई [[अमेरिका]] चले गए, जहां इन्होंने एमएससी और पीएचडी की शिक्षा ली।<ref name="pp">{{cite web |url= https://www.bhaskar.com/news/UP-LUCK-former-governor-a-r-kidwai-died-news-hindi-5403221-NOR.html|title=पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व गवर्नर एआर किदवई का निधन|accessmonthday=03 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bhaskar.com |language=हिंदी}}</ref>
पंक्ति 5: पंक्ति 43:
 
अपने कॅरियर की शुरुआत ए. आर. किदवई ने बतौर प्रोफेसर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से की। अपनी प्रति‍भा के कारण ये बहुत जल्द हेड ऑफ द डिपार्टमेंट बन गए। बाद में [[1983]] में वह इसी अलीगढ़ यूनिवर्सि‍टी के चांसलर भी बने। अपनी प्रति‍भा के दम पर उन्‍होंने यूनिवर्सिटी को बड़े मुकाम पर पहुंचाया।
 
अपने कॅरियर की शुरुआत ए. आर. किदवई ने बतौर प्रोफेसर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से की। अपनी प्रति‍भा के कारण ये बहुत जल्द हेड ऑफ द डिपार्टमेंट बन गए। बाद में [[1983]] में वह इसी अलीगढ़ यूनिवर्सि‍टी के चांसलर भी बने। अपनी प्रति‍भा के दम पर उन्‍होंने यूनिवर्सिटी को बड़े मुकाम पर पहुंचाया।
 
==राज्यपाल==
 
==राज्यपाल==
ए. आर. किदवई [[1974]] में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन बने। [[1979]] में पहली बार [[बिहार]] के गवर्नर बने। फिर [[1993]] में [[राष्ट्रपति]] ने इनको दोबारा बिहार का गवर्नर नियुक्त किया। ये [[1998]] में [[पश्चिम बंगाल]] के गवर्नर नियुक्त हुए। साल [[2000]] में [[राज्य सभा]] के सदस्य बनाए गए। यही नहीं ये [[2004]] में [[हरि‍याणा]] के गवर्नर बने। [[2007]] में [[राष्ट्रपति]] [[प्रतिभा पाटिल]] ने इनको [[राजस्थान]] का गवर्नर बना दिया।
+
ए. आर. किदवई [[1974]] में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन बने। [[1979]] में पहली बार [[बिहार]] के गवर्नर बने। फिर [[1993]] में [[राष्ट्रपति]] ने इनको दोबारा बिहार का गवर्नर नियुक्त किया। ये [[1998]] में [[पश्चिम बंगाल]] के गवर्नर नियुक्त हुए। साल [[2000]] में [[राज्य सभा]] के सदस्य बनाए गए। यही नहीं ये [[2004]] में [[हरियाणा]] के गवर्नर बने। [[2007]] में [[राष्ट्रपति]] [[प्रतिभा पाटिल]] ने इनको [[राजस्थान]] का गवर्नर बना दिया।
 +
 
 
==पद्म विभूषण==
 
==पद्म विभूषण==
ए. आर. किदवई ने साइंस और रिसर्च पर 40 किताबें लिखी हैं। इन्‍हें [[25 जनवरी]], [[2011]] को '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया। इन्होंने गवर्नर रहते हुए शिक्षा पर बहुत जोर दिया। खासतौर से मदरसों को मॉडर्न शिक्षा की तरफ ले गए। बिहार के [[वैशाली]] और [[नालंदा विश्वविद्यालय]] को शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ाया। साथ ही केंद्र सरकार से हर तरह की वित्तीय मदद करवाई।<ref name="pp">
+
ए. आर. किदवई ने साइंस और रिसर्च पर 40 किताबें लिखी हैं। इन्‍हें [[25 जनवरी]], [[2011]] को '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया। इन्होंने गवर्नर रहते हुए शिक्षा पर बहुत जोर दिया। खासतौर से मदरसों को मॉडर्न शिक्षा की तरफ ले गए। बिहार के [[वैशाली]] और [[नालंदा विश्वविद्यालय]] को शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ाया। साथ ही केंद्र सरकार से हर तरह की वित्तीय मदद करवाई।<ref name="pp"/>
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

10:18, 4 अगस्त 2021 के समय का अवतरण

ए. आर. किदवई
ए. आर. किदवई
पूरा नाम अख्लाक उर रहमान किदवई
जन्म 1 जुलाई, 1921
जन्म भूमि बाराबंकी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 24 अगस्त, 2016
मृत्यु स्थान नई दिल्ली
अभिभावक पिता- अशफिकुर रहमान किदवई

माता- नसीमुन्निसा

पति/पत्नी जमीला किदवई
नागरिकता भारतीय
पद राज्यपाल, हरियाणा- 7 जुलाई 2004 से 27 जुलाई 2009 तक

राज्यपाल, राजस्थान- 21 जून 2007 से 6 सितम्बर 2007 तक
राज्यपाल, पश्चिम बंगाल- 27 अप्रॅल 1998 से 18 मई 1999 तक
राज्यपाल, बिहार- 14 अगस्त 1993 से 26 अप्रॅल 1998 तक; पुन: 20 सितम्बर 1979 से 15 मार्च 1985 तक

पुरस्कार-उपाधि पद्म विभूषण (2011)
संबंधित लेख राज्यपाल, भारत के राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची
अन्य जानकारी ए. आर. किदवई ने साइंस और रिसर्च पर 40 किताबें लिखी हैं। इन्‍हें 25 जनवरी, 2011 को 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया।

अख्लाक उर रहमान किदवई (अंग्रेज़ी: Akhlaq Ur Rehman Kidwai, जन्म- 1 जुलाई, 1921; मृत्यु- 24 अगस्त, 2016) भारतीय राज्यों- बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और हरियाणा के भूतपूर्व राज्यपाल और सांसद थे। उन्‍हें 'पद्म विभूषण' से नवाजा गया था। उन्‍होंने विज्ञान और शोध पर 40 कि‍ताबें लि‍खी थीं। शिक्षा जगत और सामाजिक सेवा में ए. आर. किदवई के योगदान के चलते भारत सरकार ने उनको यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का चेयरमैन और अलीगढ़ विश्वविद्यालय का चांसलर भी बनाया था।

परिचय

ए. आर. किदवई का जन्म 1 जुलाई 1920 में बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के मसौली गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम अशफिकुर रहमान किदवई और माता का नाम नसीमुन्निसा था। इनकी शादी जमीला किदवई से हुई। इनके दो बेटे और चार बेटियां हैं। इनकी शिक्षा दिल्ली के जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से हुई। बाद में हायर एजुकेशन के लिए ए. आर. किदवई अमेरिका चले गए, जहां इन्होंने एमएससी और पीएचडी की शिक्षा ली।[1]

कॅरियर

अपने कॅरियर की शुरुआत ए. आर. किदवई ने बतौर प्रोफेसर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से की। अपनी प्रति‍भा के कारण ये बहुत जल्द हेड ऑफ द डिपार्टमेंट बन गए। बाद में 1983 में वह इसी अलीगढ़ यूनिवर्सि‍टी के चांसलर भी बने। अपनी प्रति‍भा के दम पर उन्‍होंने यूनिवर्सिटी को बड़े मुकाम पर पहुंचाया।

राज्यपाल

ए. आर. किदवई 1974 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन बने। 1979 में पहली बार बिहार के गवर्नर बने। फिर 1993 में राष्ट्रपति ने इनको दोबारा बिहार का गवर्नर नियुक्त किया। ये 1998 में पश्चिम बंगाल के गवर्नर नियुक्त हुए। साल 2000 में राज्य सभा के सदस्य बनाए गए। यही नहीं ये 2004 में हरियाणा के गवर्नर बने। 2007 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इनको राजस्थान का गवर्नर बना दिया।

पद्म विभूषण

ए. आर. किदवई ने साइंस और रिसर्च पर 40 किताबें लिखी हैं। इन्‍हें 25 जनवरी, 2011 को 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया। इन्होंने गवर्नर रहते हुए शिक्षा पर बहुत जोर दिया। खासतौर से मदरसों को मॉडर्न शिक्षा की तरफ ले गए। बिहार के वैशाली और नालंदा विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ाया। साथ ही केंद्र सरकार से हर तरह की वित्तीय मदद करवाई।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व गवर्नर एआर किदवई का निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 03 अगस्त, 2021।

संबंधित लेख