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'''जुन्नर''' [[भारत]] में [[महाराष्ट्र]] राज्य के [[पुणे ज़िला|पुणे ज़िले]] का एक तालुका है। प्राचीन समय में यह [[हीनयान|हीनयान सम्प्रदाय]] का केन्द्र था। अब यह घरेलू पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थान है। जुन्नर शहर अपने धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक आकर्षणों, जैसे- प्राचीन मंदिरों और उत्कृष्ट वास्तुकला की गुफ़ाओं और क़िलों के लिए प्रसिद्ध है। [[सहयाद्रि पर्वत|सहयाद्रि पर्वत श्रेणी]] के नीचे स्थित जुन्नर, [[पुणे]] के उत्तर में लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर और [[मुंबई]] से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यह समुद्र सतह से लगभग 2260 फीट की ऊँचाई पर है।
 
'''जुन्नर''' [[भारत]] में [[महाराष्ट्र]] राज्य के [[पुणे ज़िला|पुणे ज़िले]] का एक तालुका है। प्राचीन समय में यह [[हीनयान|हीनयान सम्प्रदाय]] का केन्द्र था। अब यह घरेलू पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थान है। जुन्नर शहर अपने धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक आकर्षणों, जैसे- प्राचीन मंदिरों और उत्कृष्ट वास्तुकला की गुफ़ाओं और क़िलों के लिए प्रसिद्ध है। [[सहयाद्रि पर्वत|सहयाद्रि पर्वत श्रेणी]] के नीचे स्थित जुन्नर, [[पुणे]] के उत्तर में लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर और [[मुंबई]] से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यह समुद्र सतह से लगभग 2260 फीट की ऊँचाई पर है।
 
==इतिहास==
 
==इतिहास==
जुन्नर का इतिहास बहुत समृद्ध है, जो लगभग एक हज़ार वर्ष पुराना है। यह ऐतिहासिक स्थान शिवनेरी क़िले के पास स्थित है, जो [[भारत]] के महान [[मराठा]] शासक [[छत्रपति शिवाजी]] का जन्म स्थल है। प्राचीन समय में जुन्नर को "जिमा नगर" के नाम से जाना जाता था, जो [[शक]] राजा [[नहपान]] के अधीन था। जब इस पर [[सातवाहन राजवंश]] के राजा सातकर्णी ने कब्ज़ा कर लिया, तब उसने नानेघाट पर नज़र रखने के लिए [[शिवनेरी क़िला|शिवनेरी क़िले]] का निर्माण किया था, जो उस समय का व्यापारिक रास्ता था।<ref name="ab">{{cite web |url=http://hindi.nativeplanet.com/junnar/ |title=जुन्नर|accessmonthday=29 जनवरी|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
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जुन्नर का इतिहास बहुत समृद्ध है, जो लगभग एक हज़ार वर्ष पुराना है। यह ऐतिहासिक स्थान शिवनेरी क़िले के पास स्थित है, जो [[भारत]] के महान् [[मराठा]] शासक [[छत्रपति शिवाजी]] का जन्म स्थल है। प्राचीन समय में जुन्नर को "जिमा नगर" के नाम से जाना जाता था, जो [[शक]] राजा [[नहपान]] के अधीन था। जब इस पर [[सातवाहन राजवंश]] के राजा सातकर्णी ने कब्ज़ा कर लिया, तब उसने नानेघाट पर नज़र रखने के लिए [[शिवनेरी क़िला|शिवनेरी क़िले]] का निर्माण किया था, जो उस समय का व्यापारिक रास्ता था।<ref name="ab">{{cite web |url=http://hindi.nativeplanet.com/junnar/ |title=जुन्नर|accessmonthday=29 जनवरी|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 
====स्थापत्य====
 
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जुन्नर में 150 शैल गुहाएँ हैं, जिनमें 10 [[चैत्य गृह]] और शेष विहार हैं। ये गुहाएँ ईस्वी पूर्व दूसरी शताब्दी से ईसा की प्रथम शताब्दी तक के काल की आँकी गई हैं। यहाँ की गुहाएँ कई समूहों में हैं, जिनमें गणेश लेण और तुलजा लेण विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। यहाँ के वास्तु में मूर्तियाँ नहीं है। यहाँ के कुछ चैत्य गृह आयताकार हैं, जिनकी छतें सपाट और मण्डप स्तम्भ रहित हैं। एक चैत्य गृह गोल आकृति का हैं, जिसका व्यास 7.75 मीटर है। ऐसी आकृति का चैत्य-गृह पश्चिमी भारत में नहीं मिलता। अधिकांश गुहाएँ सादी हैं। जुन्नर की एक गुहा में [[शक]] नरेश [[नहपान]] के मंत्री अयम का [[अभिलेख]] 124 ई. का प्राप्त हुआ है। इस अभिलेख में नहपान को '[[महाक्षत्रप]]' कहा गया है। इससे नहपान का उस भाग में आधिपत्य सिद्ध होता है।
 
जुन्नर में 150 शैल गुहाएँ हैं, जिनमें 10 [[चैत्य गृह]] और शेष विहार हैं। ये गुहाएँ ईस्वी पूर्व दूसरी शताब्दी से ईसा की प्रथम शताब्दी तक के काल की आँकी गई हैं। यहाँ की गुहाएँ कई समूहों में हैं, जिनमें गणेश लेण और तुलजा लेण विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। यहाँ के वास्तु में मूर्तियाँ नहीं है। यहाँ के कुछ चैत्य गृह आयताकार हैं, जिनकी छतें सपाट और मण्डप स्तम्भ रहित हैं। एक चैत्य गृह गोल आकृति का हैं, जिसका व्यास 7.75 मीटर है। ऐसी आकृति का चैत्य-गृह पश्चिमी भारत में नहीं मिलता। अधिकांश गुहाएँ सादी हैं। जुन्नर की एक गुहा में [[शक]] नरेश [[नहपान]] के मंत्री अयम का [[अभिलेख]] 124 ई. का प्राप्त हुआ है। इस अभिलेख में नहपान को '[[महाक्षत्रप]]' कहा गया है। इससे नहपान का उस भाग में आधिपत्य सिद्ध होता है।

14:02, 30 जून 2017 के समय का अवतरण

जुन्नर
जुन्नर का एक दृश्य
विवरण जुन्नर शहर अपने धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक आकर्षणों, जैसे- प्राचीन मंदिरों और उत्कृष्ट वास्तुकला की गुफ़ाओं और क़िलों के लिए प्रसिद्ध है।
राज्य महाराष्ट्र
ज़िला पुणे
भौगोलिक स्थिति 19° 12′ 0″ उत्तर, 73° 52′ 48″ पूर्व
मार्ग स्थिति सहयाद्रि पर्वत श्रेणी के नीचे स्थित जुन्नर, पुणे के उत्तर में लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर और मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है।
प्रसिद्धि जुन्नर में 150 शैल गुहाएँ हैं, जिनमें 10 चैत्य गृह और शेष विहार हैं। ये गुहाएँ ईस्वी पूर्व दूसरी शताब्दी से ईसा की प्रथम शताब्दी तक के काल की आँकी गई हैं।
कब जाएँ कभी भी जा सकते हैं।
कैसे पहुँचें विमान, रेल, बस, टैक्सी
हवाई अड्डा पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन पुणे व शिवाजीनगर स्टेशन
बस अड्डा पुणे स्टेशन बस अड्डा
यातायात ऑटो रिक्शा, बस, टैम्पो, साइकिल रिक्शा
क्या देखें शिवनेरी क़िला
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
इतिहास प्राचीन समय में जुन्नर को "जिमा नगर" के नाम से जाना जाता था, जो शक राजा नहपान के अधीन था
अन्य जानकारी जुन्नर के विषय में एक दिलचस्प बात यह है कि यहाँ के 500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के भीतर तेंदुए की आबादी का घनत्व सबसे अधिक है।

जुन्नर भारत में महाराष्ट्र राज्य के पुणे ज़िले का एक तालुका है। प्राचीन समय में यह हीनयान सम्प्रदाय का केन्द्र था। अब यह घरेलू पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थान है। जुन्नर शहर अपने धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक आकर्षणों, जैसे- प्राचीन मंदिरों और उत्कृष्ट वास्तुकला की गुफ़ाओं और क़िलों के लिए प्रसिद्ध है। सहयाद्रि पर्वत श्रेणी के नीचे स्थित जुन्नर, पुणे के उत्तर में लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर और मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यह समुद्र सतह से लगभग 2260 फीट की ऊँचाई पर है।

इतिहास

जुन्नर का इतिहास बहुत समृद्ध है, जो लगभग एक हज़ार वर्ष पुराना है। यह ऐतिहासिक स्थान शिवनेरी क़िले के पास स्थित है, जो भारत के महान् मराठा शासक छत्रपति शिवाजी का जन्म स्थल है। प्राचीन समय में जुन्नर को "जिमा नगर" के नाम से जाना जाता था, जो शक राजा नहपान के अधीन था। जब इस पर सातवाहन राजवंश के राजा सातकर्णी ने कब्ज़ा कर लिया, तब उसने नानेघाट पर नज़र रखने के लिए शिवनेरी क़िले का निर्माण किया था, जो उस समय का व्यापारिक रास्ता था।[1]

स्थापत्य

जुन्नर में 150 शैल गुहाएँ हैं, जिनमें 10 चैत्य गृह और शेष विहार हैं। ये गुहाएँ ईस्वी पूर्व दूसरी शताब्दी से ईसा की प्रथम शताब्दी तक के काल की आँकी गई हैं। यहाँ की गुहाएँ कई समूहों में हैं, जिनमें गणेश लेण और तुलजा लेण विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। यहाँ के वास्तु में मूर्तियाँ नहीं है। यहाँ के कुछ चैत्य गृह आयताकार हैं, जिनकी छतें सपाट और मण्डप स्तम्भ रहित हैं। एक चैत्य गृह गोल आकृति का हैं, जिसका व्यास 7.75 मीटर है। ऐसी आकृति का चैत्य-गृह पश्चिमी भारत में नहीं मिलता। अधिकांश गुहाएँ सादी हैं। जुन्नर की एक गुहा में शक नरेश नहपान के मंत्री अयम का अभिलेख 124 ई. का प्राप्त हुआ है। इस अभिलेख में नहपान को 'महाक्षत्रप' कहा गया है। इससे नहपान का उस भाग में आधिपत्य सिद्ध होता है।

ऐतिहासिक स्थान

इस ऐतिहासिक स्थान की गुफ़ाओं के कारण जुन्नर एक वास्तुकला केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ तीन गुफ़ा समूह हैं-

  1. मनमोदी हिल समूह
  2. गणेश लेना समूह
  3. तुलजा लेना समूह

ये सभी सुंदर मूर्तियों के गठन से बनी हैं। इसके अलावा लेन्याद्री गुफाएँ भी हैं, जो चट्टानों को काटकर बनाई गई तीस गुफ़ाओं का समूह है। यह भी यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण है। जुन्नर के विषय में एक दिलचस्प बात यह है कि यहाँ के 500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के भीतर तेंदुए की आबादी का घनत्व सबसे अधिक है।[1]

कैसे पहुँचें

परिवहन के सभी तीनों साधनों वायु, रेल और सड़क द्वारा जुन्नर आसानी से पहुँचा जा सकता है। यहाँ की ठंडी हवा और सालभर सुखद जलवायु जुन्नर को एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाती है, जिसे अवश्य देखना चाहिए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 जुन्नर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 29 जनवरी, 2013।

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