शेन वॉर्न

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शेन वॉर्न (अंग्रेज़ी: Shane Warne, जन्म- 13 सितम्बर, 1969; मृत्यु- 4 मार्च, 2022) ऑस्ट्रेलिया के ख्याति प्राप्त क्रिकेट खिलाड़ी थे, जिन्हें व्यापक रूप से खेल के इतिहास में सबसे महान स्पिन गेंदबाजों में से एक माना जाता है। सन 1992 में शेन वॉर्न ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के बाद वह दूसरे गेंदबाज बने थे, जिन्होंने 1000 अंतरराष्ट्रीय विकेट (टेस्ट और वनडे मैचों में) लिये थे। शेन वॉर्न के 708 विकेट टेस्ट क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज द्वारा लिये गए सर्वाधिक विकेट थे, जब तक कि मुरलीधरन ने इससे ज्यादा विकेट नहीं ले लिये थे। शेन वॉर्न उपयोगी निचले क्रम के बल्लेबाज भी थे। वह एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने 3000+ टेस्ट रन बनाए लेकिन कभी शतक नहीं बना सके।

परिचय

शेन वॉर्न का जन्म 13 सितंबर, 1969 में विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। शेन वॉर्न ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैम्पटन हाई स्कूल मेलबर्न और मेंटोन ग्रामर स्कूल, मेलबर्न से पूरी की। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। उन्होंने अपना पहला मैच 1992 में खेला था जिसमें उन्होंने रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने अपना पहला ओडीआई मैच 24 मार्च, 1993 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में खेला। शेन वॉर्न ने अपना टेस्ट डेब्यू 2 जनवरी 1992 में भारत के खिलाफ सिडनी में किया था।[1]

शेन वॉर्न का राजस्थान से गहरा नाता था। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स को पहला खिताब वॉर्न की कप्तानी में ही मिला था। इसके बाद वह टीम के मैंटोर भी रहे। वॉर्न ने 1993 के एशेज के दौरान इंग्लैंड के माइक गेटिंग को जिस गेंद पर बोल्ड किया था, वह क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ गेंद कही जाती है। इस गेंद ने लगभग 90 डिग्री पर टर्न लेते हुए बल्लेबाज को चारों खाने चित्त कर दिया था।[2]

कॅरियर

शेन वॉर्न ने अपना टेस्ट डेब्यू 1992 में भारत के खिलाफ सिडनी में किया। उन्होंने 708 विकेट टेस्ट क्रिकेट में लिए। वह उपयोगी निचले क्रम के बल्लेबाज भी थे, वह ऐसे एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने 3000 से ज्यादा टेस्ट रन बनाए, लेकिन कभी शतक नहीं बना पाए। हालांकि उनका करियर मैदान के बाहर विवादों से घिरा रहा था। शेन वॉर्न जनवरी 2007 में ऑस्ट्रेलिया की इंग्लैंड पर 5-0 की जीत के अंत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायर हुए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपनी रिटायरमेंट के बाद वॉर्न ने हैम्पशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला।

साल 2008 में आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स के कोच और कप्तान भी शेन वॉर्न रहे और टीम को जीत भी दिलाई। साल 1992 से 2007 तक शेन वॉर्न 145 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 708 विकेट लिए। वहीं साल 1993 से 2005 तक उन्होंने 194 एकदिवसीय मैच खेले जिसमे उन्होंने 293 विकेट लिए। साल 1999 क्रिकेट वर्ल्ड कप के विजेता टीम में उनका काफ़ी अहम योगदान रहा था।[1]

सचिन और शेन वॉर्न

सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न की मैदान के अंदर की जंग बहुत ही रोमांचक थी। साल 1998 के कोका कोला कप के आखिरी दो मुकाबलों में सचिन तेंदुलकर ने शेन वॉर्न की जमकर धुनाई की थी। उन्होंने मैदान के चारों तरफ स्ट्रोक लगाए थे। सचिन ने शेन वॉर्न के खिलाफ जमकर रन कूटे थे। उनकी बैटिंग देखकर हर कोई हैरान था। इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने 24 अप्रैल को फाइनल में भी 134 रनों की पारी खेली थी। सचिन की इन पारियों के बाद शेन वॉर्न ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि सचिन तेंदुलकर उनके सपनों में आया करते थे और सपने में उन्हें छक्का मारकर डराया करते थे।[3]

बॉल ऑफ द सेंचुरी

शेन वॉर्न ने अपने पूरे करियर में कई शानदार गेंदें फेंकी, लेकिन उनकी एक गेंद ऐसी थी, जिसे आज तक और कोई भी दूसरा बॉलर नहीं फेंक सका। वॉर्न ने अपने करियर में कई दिग्गज क्रिकेटर्स के विकेट चटकाए थे। 1993 में एशेज सीरीज में शेन वॉर्न ने इंग्लैंड के धाकड़ बल्लेबाज माइक गैटिंग को एक ऐसी गेंद फेंकी, जिसे देखकर पूरी दुनिया हैरान हर गई, जिसे आज कोई भी दूसरा बॉलर फेंक नहीं सका है। ये गेंद बहुत ही ज्यादा टर्न और माइक का विकेट ले उड़ी, जिसे 'बॉल आफ द सेंचुरी' कहा गया है।

बिना शतक सबसे ज्यादा रन

शेन वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में 3154 रन भी बनाए, जो बिना शतक के किसी भी बल्लेबाज के सबसे ज्यादा रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। वार्न ने टेस्ट क्रिकेट में 12 फिफ्टी बनाई, लेकिन उनका उच्चतम स्कोर 99 रन पर ही रह गया, जो उन्होंने 2001 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पर्थ टेस्ट में बनाया था। इसके अलावा भी वार्न एक बार और शतक के करीब पहुंचकर चूक गए थे। वनडे में भी उन्होंने 1018 रन बनाए। वे दुनिया के उन चुनिंदा क्रिकेटर्स में शामिल थे, जिनके नाम पर टेस्ट और वनडे, दोनों में बल्ले से 1000+ रन और गेंद से 200+ विकेट दर्ज हैं।

मृत्यु

क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक शेन वार्न का 52 साल की उम्र में 4 मार्च, 2022 के दिन थाईलैंड में छुट्टी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

शेन वॉर्न की ऑटोबायोग्राफी 'नो स्पिन' इन दिनों काफी चर्चा में है। उसमें उन्होंने लिखा था कि "सचिन तेंदुलकर और ब्रॉयन लारा दोनों ही मेरे समय के सबसे बेस्ट बल्लेबाज हैं। टेस्ट सीरीज के अंतिम दिन अगर मैं शतक बनाने के लिए किसी खिलाड़ी को चुनता तो वो ब्रायन लारा होते, लेकिन अगर ऐसा समय हो जब जान पर बन आई हो तो मैं सचिन तेंदुलकर को बल्लेबाजी के लिए भेजूंगा।"[2]

शेन वॉर्न के निधन पर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि "हैरान, चकित और दुखी हूं... वॉर्नी तुम्हारी याद आएगी। मैदान हो या इसके बाहर जब भी तुम आसपास होते थे, तब कोई पल बोरिंग नहीं होता था।"


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 शेन वॉर्न जीवन परिचय (हिंदी) independentink.in। अभिगमन तिथि: 05 मार्च, 2022।
  2. 2.0 2.1 शेन वॉर्न के करियर से जुड़ी रोचक बातें (हिंदी) hindi.careerindia.com। अभिगमन तिथि: 05 मार्च, 2022।
  3. शेन वॉर्न के सपनों में आते थे सचिन तेंदुलकर (हिंदी) zeenews.india.com। अभिगमन तिथि: 05 मार्च, 2022।

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