श्वेत विद्रोह

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श्वेत विद्रोह भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी के 'गोरे' (श्वेत) सैनिकों द्वारा किया गया था, इसीलिए इस विद्रोह को 'श्वेत विद्रोह' के नाम से पुकारा जाता है। इस विद्रोह का प्रमुख कारण राबर्ट क्लाइव की वह नीति थी, जिसमें सैनिकों के दोहरे भत्ते आदि पर लगा दी गई थी।

  • राबर्ट क्लाइव जब दूसरी बार बंगाल का गवर्नर बनकर आया तो उसने निजी व्यापार तथा उपहार लेने पर रोक लगा दी।
  • इस प्रकार रोक लगा दिये जाने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला तथा इसने आन्तरिक कर संग्रह को अनिवार्य बना दिया।
  • क्लाइव ने कम्पनी के सैनिकों के दोहरे भत्ते, जो शांति काल में मिलते थे, उन पर रोक लगा दी। यह सुविधा केवल बंगाल के सैनिकों को दी जाने लगी, जो बंगाल एवं बिहार की सीमा से बाहर कार्य करते थे।
  • मुंगेर तथा इलाहाबाद में कार्यरत श्वेत सैनिक अधिकारियों ने क्लाइव की इस व्यवस्था का ज़ोरदार विरोध किया।
  • कालान्तर में श्वेत सैनिकों के इस विद्रोह को 'श्वेत विद्रोह' के नाम से जाना गया।
  • राबर्ट क्लाइव ने बड़ी तत्परता और दृढ़ता से इस विद्रोह का दमन कर दिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 457 |


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